माइलेज में 2 व्हील ड्राइव होती है किफायती, लेकिन ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर सच्चा हमसफर बनता है ये गियर सिस्टम

ज्यादातर लोग समझ नहीं पाते हैं कि उनके लिए कौन सा ऑप्शन बेहतर रहेगा। ऐसे में आप भी अगर कोई एसयूवी खरीदने जा रहे हैं और इन दोनों व्हील ड्राइव ऑप्शन्स के बीच कन्फ्यूज हो रहे हैं तो आज हम आपको इन दोनों के बारे में बताने जा रहे हैं।

By Atul YadavEdited By: Publish:Tue, 21 Dec 2021 01:58 PM (IST) Updated:Wed, 22 Dec 2021 07:24 AM (IST)
माइलेज में 2 व्हील ड्राइव होती है किफायती, लेकिन ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर सच्चा हमसफर बनता है ये गियर सिस्टम
जानिए 2 व्हील, 4 व्हील कार के बीच अंतर

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। अगर आप टाटा हेक्सा या महिंद्रा एक्सयूवी 500 जैसी किसी 2 या 4 व्हील ड्राइव ऑप्शन जैसे वाहन को खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, तो कौन सा ऑप्शन आपके लिए सही रहेगा। यह माइलेज और कम्फर्ट के साथ दमदार इंजन की पसंद पर निर्भर करेगा। बता दें, जानकारों के मुताबिक भारतीय खरीदार इसपर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। ऐसे में आप भी अगर कोई एसयूवी खरीदने जा रहे हैं , तो 2 व्हील, 4व्हील ड्राइव के बीच अंतर के बारे में जानना सही चुनाव में मदद करेगा।

क्या होता है 2 व्हील ड्राइव

टू-व्हील ड्राइव सिस्टम हाइवे और रोड्स के लिए बेहतर माना जाता है, क्योंकि कार को सिर्फ समतल जगहों पर ही चलना होता है और इसमें आगे के टायर को ही पावर की जरूरत पड़ती है। इस ड्राइव सिस्टम में

कारों में इंजन से रियर या फिर फ्रंट टायर्स को ही पावर मिलती है। आप अगर प्लेन रोड पर ड्राइव करते हैं तो आपके लिए टू-व्हील ड्राइव कार बेस्ट रहेगी। ये सिस्टम ज्यादातर हैचबैक या फिर सेडान कारों में मिलता है। हल्की एंट्री लेवल कारों में ये सिस्टम आम है। हालांकि, इन कारों को ऑफ-रोड या खराब सड़को पर चलाने पर थोड़ी समस्या होती है।

क्या होता है 4 व्हील ड्राइव

फोर-व्हील ड्राइव सिस्टम में कार के चारों टायर्स को एक सामान पावर मिलता है, जिससे कार ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर, पहाड़ों पर कहीं भी चलाया जा सकता है, क्योंकि चारों टायर को पॉवर मिलने का मतलब है कि अगर आपकी कार कहीं फंस भी जाती है तो, चारों टायर पर पॉवर मिलने के बाद आपकी कार आसानी से बाहर निकल सकती है।

जेनरेट करते है। फोर-व्हील ड्राइव सिस्टम ज्यादातर एसयूवीज में ऑफर किया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एस्यूवीज को ऑफ रोडिंग के लिए तैयार किया जाता है ऐसे में अगर इसमें टू-व्हील ड्राइव सिस्टम होगा तो ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर गाड़ी फंस सकती है और इसे बाहर निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है।

माइलेज पर पड़ता है असर

व्हील ड्राइव का सीधा असर गाड़ी की माइलेज पर पड़ता है। उदाहरण की तौर पर अगर आप ऑफ-रोड़ पर कार चला रहा हैं और आपके गाड़ी में 2 व्हील ड्राइव पॉवर है तो आपकी गाड़ी थोड़ी कम माइलेज दे सकती है, क्योंकि 2 ऊबड़-खाबड़ रोड़ पर अधिक पॉवर की जरूरत होती है। इसलिए ऑफ-रोड पर चलते समय 4 व्हील ड्राइव को ही प्राथमिकता दें इससे आप की कार माइलेज भी अधिक देगी।

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