ना ईंट, ना सीमेंट! Switzerland में 3D टेक्नोलॉजी से बना टॉवर, जरूरत पड़ने पर बदल सकता है अपनी लोकेशन
स्विट्जरलैंड के मुलेग्न्स गांव में दुनिया का सबसे ऊंचा 3डी प्रिंटेड टॉवर टोर अल्वा बनकर तैयार हो गया है। ये पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। 30 मीटर ऊंचे बने इस टाॅवर को देखने पर ऐसा लगता है जैसे कोई केक हो। घने पहाड़ों और हरियाली के बीच बना ये व्हाइट टॉवर देखने में बेहद खूबसूरत लगता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पूरी दुनिया में आपको घूमने-फिरने वाली जगहों की कमी नहीं मिलेगी। विदेशों की बात जब भी होती है तो लोगों के मन में सबसे पहला ख्याल Switzerland का ही आता है। स्विट्जरलैंड वाकई में एक खूबसूरत टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। बॉलीवुड के कई फल्मों की शूटिंग भी यही की गई है। जो भी कोई स्विट्जरलैंड घूमने जाता है तो सोशल मीडिया पर तो फोटो और वीडियोज छा जाते हैं।
अगर कोई चीज कॉमन होती है तो वो है 'दिल वाले दुल्हनियां ले जाएंगे' का गाना। वैसे तो स्विट्जरलैंड में घूमने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन हाल ही में, एक और कलाकारी देखने को मिली है। दरअसल, स्विट्जरलैंड के Mulegns गांव में दुनिया का सबसे ऊंचा 3D प्रिंटेड टॉवर Tor Alva बन गया है। ये पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गांव की आबादी कुल 12 लोगों की है।
इस टॉवर बनावट ही इसे खास बनाती है। इसे देखने पर ऐसा मालूम पड़ता है जैसे कोई केक हो। आज का हमारा लेख भी इसी विषय पर है। हम आपको स्विट्जरलैंड के Mulegns गांव में बने इसे थ्री-डी प्रिंटेड टॉवर की खासियत बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं विस्तार से-
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देखने में बेहद खूबसूरत है ये टाॅवर
आपको बता दें कि घने पहाड़ों और हरियाली के बीच बना ये व्हाइट टॉवर न सिर्फ देखने में बेहद खूबसूरत है, बल्कि इसकी बनाने का तरीका भी अद्भुत है। करीब 30 मीटर ऊंचे इस टॉवर में आपको स्पाइरल सीढ़ियों से ऊपर चढ़ते हुए आर्किटेक्चर और डिजाइन को बारीकी से देखने का मौका मिलेगा। अगर आप स्विट्जरलैंड की फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशंस से हटकर कुछ नया एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो Tor Alva को अपनी ट्रैवल लिस्ट में जरूर शामिल करें।
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क्या है खासियत?
- Tor Alva की कुल ऊंचाई लगभग 30 मीटर (करीब 98 फीट) है।
- ये दुनिया का सबसे ऊंचा 3D प्रिंटेड टॉवर है।
- टॉवर में एक स्पाइरल सीढ़ी बनी है जो सबसे ऊपर एक गुंबदनुमा थिएटर तक जाती है।
- थिएटर में 32 से 45 लोगों के बैठने की क्षमता है।
- यह टॉवर पूरी तरह लोड-बेयरिंग 3D प्रिंटेड स्ट्रक्चर है, यानी इसका सारा वजन खुद के ऊपर है, बिना किसी सपोर्ट बीम या ग्रिड के।
- इसी कहीं भी उठाकर शिफ्ट किया जा सकता है।
- ऊंचाई पर बैठकर पहाड़ों की खूबसूरती को भी देखा जा सकता है।
कैसे बना ये टॉवर?
इसे बनाने के लिए ETH Zurich के इंजीनियरों और आर्किटेक्ट्स ने खास टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया था। टॉवर को रोबोटिक 3D प्रिंटिंग से करीब ढाई हजार लेयर्स में तैयार किया गया है। इस टेक्नोलॉजी में स्टील रिंग्स और वर्टिकल रॉड्स का भी इस्तेमाल किया गया है।
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23 मई से शुरू हो गए गाइडेड टूर
आपको बता दें कि पूरे टॉवर को प्रिंट करने और असेंबल करने में कुल 900 घंटे लगे थे। यानी कि ये 5 महीने में पूरा हो गया है। इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। यहां पर 23 मई से गाइडेड टूर भी शुरू हो गए हैं। बताया जा रहा है कि जुलाई से थिएटर परफॉर्मेंस भी शुरू हो जाएंगे होंगे। आपको बता दें कि ये जगह ज्यूरिख से करीब 80 किलोमीटर दूर है।
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