Vasudhara Falls: कई रहस्यों से भरा है देवभूमि में मौजूद यह झरना, दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं पर्यटक
Vasudhara Falls देवभूमि उत्तराखंड देश-विदेश में अपने पर्यटन स्थलों के लिए काफी मशहूर है। यहां कई सारे नदी-झरने और धार्मिक स्थल मौजूद हैं। इन्हीं में से एक है यहां का वसुधारा फॉल्स जो अपने रहस्यों के लिए दुनियाभर में काफी प्रसिद्ध है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Vasudhara Falls: भारत दुनियाभर में अपनी संस्कृतियों और परंपराओं के लिए मशहूर है। यहां मौजूद कई सारे एतिहासिक और धार्मिक स्थलों को देखने देश-विदेश से लोग यहां आते हैं। विविधताओं से भरा यह देश कई रहस्यों और चमत्कारों से भी भरा हुआ है। यही वजह है कि भारत कई वर्षों से दुनियाभर में लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। भारत के यूं तो कई सारे पर्यटन स्थल पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं, लेकिन देवभूमि उत्तराखंड की बात ही कुछ अलग है।
यहां हर साल देश-दुनिया से कई सारे लोग घूमने आते हैं। इस साल 22 अप्रैल से चारधाम यात्रा की शुरुआत होने वाली है। ऐसे में लोग इस यात्रा के तहत बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के दर्शन करने पहुंचेंगे। अगर आप भी जल्द ही यहां जाने वाले हैं या जाने का प्लान बना रहे हैं, तो आज हम आपको बताएंगे उत्तराखंड में मौजूद एक ऐसे अनोखे झरने के बारे में, जिसे आपको अपने जीवन में एक बार जरूर देखना चाहिए।
बद्रीनाथ के पास है रहस्यमयी झरना
नदियों और झरनों और धार्मिक स्थलों से घिरे उत्तराखंड में एक जगह ऐसी भी है, जहां दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। दरअसल, यहां एक ऐसा झरना मौजूद है, जो महत्व, रहस्य और इतिहास के लिए दुनियाभर में काफी मशहूर है। बद्रीनाथ से करीब 8 किमी और भारत के आखिरी गांव माणा से 5 किमी की दूरी पर स्थित इस झरने को वसुधारा फॉल्स के नाम से जाना जाता है। इस झरने को लेकर ऐसी मान्यता है कि इसका पानी पापियों के तन को नहीं छूता नहीं है। पापी व्यक्ति के स्पर्श से ही झरने का पानी गिरना बंद हो जाता है।
400 फीट ऊंचा है झरना
इस खास और रहस्यमयी झरने का उल्लेख शास्त्रों में भी मिलता है। करीब 400 फीट की ऊंचाई से गिरने वाले इस झरने को एक नजर में शिखर तक नहीं देखा जा सकता। इस झरने के सुंदर मोतियों जैसी जलधारा लोगों को धरती पर स्वर्ग का अनुभव कराती है। इसके अलावा इस झरने को लेकर यह भी कहा जाता है कि इसका पानी कई तरह की जड़ी-बूटियों से होकर गिरता है,जिसकी वजह से इसका पानी जिस व्यक्ति पर भी गिरता है, वह निरोगी हो जाता है।
दो घंटे में तय होती है दूरी
वसुधारा फॉल्स तक पहुंचने के लिए फट ट्रैक माणा गांव से शुरू होता है। यहां सरस्वती मंदिर के बाद पांच किमी लंबा यह ट्रैक काफी मुश्किल हो जाता है। दरअसल, यहां की जमीन बेहद कठोर और पथरीली है, जिसकी वजह से माणा गांव से वसुधारा तक पहुंचने में करीब दो घंटे का समय लग जाता है। इस दौरान रास्ते में भोजन और पानी की कोई सुविधा भी नहीं मिलती। हालांकि, यहां पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं और पर्यटकों को माणा गांव से घोड़ा-खच्चर और डंडी-कंडी की सुविधा मिल जाती है।
Picture Courtesy: Instagram/excursion_insights
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।