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    वरसिद्धि विनायक मंदिर में गणेश जी का हर साल बदलता है साइज, दर्शन करने के लिए ऐसे बनाएं ट्रैवल प्लान

    Updated: Wed, 27 Aug 2025 03:37 PM (IST)

    देशभर में कई गणेश मंदिर हैं लेकिन कुछ मंदिर ऐसे हैं जिनके दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं। इन्हीं मंदिरों में एक मंदिर है वरसिद्धि विनायक मंदिर। यह मंदिर चेन्नई में स्थित है और माना जाता है कि यहां विराजित गणेश जी की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी। जानें यहां जाने का ट्रैवल प्लान।

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    एक बार जरूर करें वरसिद्धि विनायक मंदिर के दर्शन (Picture Courtesy: Instagram)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। दक्षिण भारत की सांस्कृतिक राजधानी चेन्नई अपने अनेकों प्राचीन और चमत्कारिक मंदिरों के लिए मशहूर है। इन्हीं में से एक है कोट्टूर का श्री वरसिद्धि विनायक मंदिर (Varsiddhi Vinayaka Temple), जो भगवान गणेश को समर्पित है। यह मंदिर केवल एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि आस्था, न्याय और चमत्कार का एक केंद्र भी माना जाता है।

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    ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में विराजे गणेश जी की मूर्ति स्वंय प्रकट हुई थी और सच्चे मन से मांगी हुई हर मुराद पूरी होती है। अगर आप भी इस खास मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं, तो आइए जानें यहां जाने के लिए ट्रैवल प्लान।

    (Picture Courtesy: Instagram)

    मंदिर का इतिहास और महत्व

    इस मंदिर का इतिहास काफी गौरवशाली और प्राचीन है। इसकी स्थापना 11वीं शताब्दी में चोल शासक कुलोतुंग चोल-I ने की थी और बाद में 1336 में विजयनगर साम्राज्य ने इसका विस्तार किया। मान्यता है कि यहां स्थापित गणेश जी की मूर्ति स्वयंभू यानी खुद प्रकट हुई थी। ऐसा कहा जाता है कि एक समय खुदाई के दौरान तीन शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को एक कुएं से यह मूर्ति मिली थी और उन्हें स्पर्श मात्र से ही उनकी शरीर की तकलीफें दूर हो गई थी। 

    तभी से यहां भगवान गणेश पानी में विराजमान है। हैरानी की बात यह है कि आज तक इस कुएं का पानी सूखा नहीं है। इतना ही नहीं कहा जाता है कि यहां स्थापित भगवान गणेश की मूर्ति का आकार हर साल बढ़ता जा रहा है।

    इन चमत्कारों के कारण इस मंदिर का नाम 'वरसिद्धि विनायक' पड़ा, जहां 'वर' का अर्थ है 'वरदान' और 'सिद्धि' का अर्थ है 'सफलता' या 'चमत्कारिक शक्ति'। यहां के गणपति को 'न्याय के देवता' के रूप में भी जाना जाता है। मान्यता है कि कोई भी व्यक्ति यहां आकर सच्चे दिल से मन्नत मांगे, तो उनकी मुराद जरूर पूरी होती है।

    (Picture Courtesy: Instagram)

    कैसे बनाएं यहां जाने का प्लान?

    चेन्नई में स्थित होने के कारण इस मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।

    कैसे पहुंचें?

    यहां का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन चिट्टूर है, जो मंदिर से लगभग 12 कि.मी. की दूरी पर है।

    अगर आप हवाई जहाज से जाने का प्लान बना रहे हैं, तो तिरुपति एयरपोर्ट आपके लिए सबसे पास पड़ेगा, जहां से मंदिर का रास्ता 84 कि.मी. है। चेन्नई एयरपोर्ट से यह रास्ता लगभग 160 कि.मी. होगा।

    दर्शन का समय

    मंदिर सुबह लगभग 5:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक और शाम को 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक खुला रहता है। हालांकि, खास पूजा और उत्सवों के दौरान समय में बदलाव हो सकता है।

    इन बातों का रखें ध्यान

    • सही समय चुनें- सुबह के समय दर्शन करना सबसे अच्छा रहता है। भीड़ कम होती है और माहौल शांत और आध्यात्मिक रहता है। वीक डे पर वीकेंड की तुलना में कम भीड़भाड़ वाले होते हैं।
    • खास दिन- बुधवार और संकष्टी चतुर्थी के दिन मंदिर में भक्तों की बहुत भीड़ रहती है।
    • आस-पास के आकर्षण- मंदिर के दर्शन के बाद आप आस-पास स्थित दूसरे प्रसिद्ध मंदिरों जैसे कपालेश्वर मंदिर या मरीना बीच भी घूमने जा सकते हैं।

    इनके अलावा, मंदिर में जाते वक्त कपड़ों का खास ध्यान रखें और चप्पल पहनकर या हैट लगाकर अंदर प्रवेश न करें। मंदिर के अंदर फोटोग्राफी करने की भी मनाही है। इन बातों का खास ध्यान रखकर आप शांति से मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।

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