सड़क किनारे बच्चों को सुलाकर रोमांटिक डेट पर निकल जाते हैं मां-बाप, हैरान कर देगा इस देश का यह अजीबोगरीब रिवाज
आपने दुनिया के कई देशों में बच्चों को माता-पिता के प्यार में लिपटे हुए देखा होगा। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि कोई देश ऐसा भी है जहां माता-पिता अपने नन्हे-मुन्नों को खुली सड़क पर स्टॉलर में सुलाकर (Unique Danish Tradition) खुद रोमांटिक डेट पर निकल जाते हैं? जी हां आइए आपको बताते हैं कि हम किस देश की बात कर रहे हैं जहां यह प्रथा बिल्कुल आम है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। जरा सोचिए, आप किसी ऐसे देश में हैं जहां बच्चे खुली सड़क पर स्टॉलर में सो रहे हैं (Leaving Babies On The Street) और उनके माता-पिता कहीं और मस्ती कर रहे हैं। ये सुनकर आपको हैरानी जरूर हुई होगी, लेकिन यह सच है। जी हां, हम बात कर रहे हैं डेनमार्क की जहां ऐसा नजारा (Denmark Rules) बिल्कुल आम है। इस अजीबोगरीब रिवाज में बच्चे स्टॉलर में आराम से सोते रहते हैं, जबकि उनके मां-बाप बिना किसी चिंता के क्वालिटी टाइम बिताने निकल जाते हैं। इस दौरान वे रेस्तरां में खाते-पीते हैं या फिर शॉपिंग और घूमने-फिरने का मजा लेना पसंद करते हैं। आइए जानते हैं इस अजीबोगरीब परंपरा (Unique Danish Tradition) के पीछे की वजह और इससे जुड़ी दिलचस्प बातों के बारे में।
खुले आसमान के नीचे सोते हैं बच्चे
यूरोप के खूबसूरत देश डेनमार्क में एक अनोखी परंपरा देखने को मिलती है। यहां के लोग अपने बच्चों को खुले आसमान के नीचे स्टॉलर में सुलाकर खुद कुछ पल का आनंद लेना पसंद करते हैं। कोपेनहेगन की सड़कों पर तो मानो बच्चों का झूला लग गया हो। छोटे-छोटे बच्चे स्टॉलर में आराम से सो रहे होते हैं, जबकि उनके माता-पिता पास के कैफे में कॉफी का लुत्फ उठा रहे होते हैं। ये देखकर आपको हैरानी तो होगी ही, लेकिन डेनमार्क में ये बिल्कुल सामान्य बात है। चाहे सर्दी कितनी भी तेज हो, यहां के लोग अपने बच्चों को खुली हवा में सुलाने में यकीन रखते हैं।
पर्यटक भी रह जाते हैं हैरान
डेनमार्क में बच्चों को सड़क पर सुलाकर छोड़ना एक आम प्रथा है। विदेशी पर्यटक अक्सर कोपेनहेगन की सड़कों पर स्टॉलर में सोते हुए बच्चों को देखकर हैरान रह जाते हैं। यहां के लोग मानते हैं कि ताजी हवा बच्चों के लिए फायदेमंद होती है, इसलिए वे अपने बच्चों को खुले में सुलाने में कोई हिचकिचाहट नहीं करते।
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क्या है बच्चों को सड़क किनारे सुलाने की वजह?
डेनमार्क के लोग अपने बच्चों को लंच के बाद स्टॉलर में सुलाकर उन्हें खुले में छोड़ देते हैं, लेकिन सवाल ये है कि आखिर क्यों डेनमार्क के लोग अपने बच्चों को खुले में सुलाने में यकीन रखते हैं? दरअसल, इस देश में 3 साल तक के बच्चों को खुली हवा में सुलाने की प्रथा बेहद पुरानी है। माना जाता है कि ताजी हवा बच्चों की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है और इससे वे कई तरह के इन्फेक्शन से बच सकते हैं।
नहीं है बच्चों के किडनैप होने का डर
डेनमार्क में मिडवाइव्स और बेबी नर्स भी माता-पिता को बच्चों को खुली हवा में सुलाने की सलाह देती हैं। यहां लोगों का मानना है कि ताजी हवा में वक्त बिताने से बच्चों को कई तरह के फायदे मिलते हैं। सर्दियों में बच्चों को ठंड से बचाने के लिए स्टॉलर में गर्म कंबल बिछाए जाते हैं। खास बात है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी मां-बाप काफी सतर्क रहते हैं। वे स्टॉलर में बेबी मॉनिटर लगाकर रखते हैं ताकि बच्चे पर नजर रख सकें। चूंकि यह परंपरा काफी पुरानी है, इसलिए यहां बच्चों के चोरी होने का डर भी न के बराबर है।
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