जयपुर-उदयपुर नहीं, इस विंटर सीजन बनाएं बीकानेर घूमने का प्लान; दिल खुश कर देंगी 5 जगहें
जब भी राजस्थान घूमने की बात आती है, तो हमारे दिमाग में अक्सर जयपुर, उदयपुर या जैसलमेर का नाम आता है, लेकिन अगली बार, अपने सफर में बीकानेर को भी जरूर शामिल करें। जी हां, इसे राजस्थान के सबसे कम आंके जाने वाले शहरों में गिना जाता है, लेकिन यह अपने शाही इतिहास, शानदार वास्तुकला और स्थानीय संस्कृति का एक शानदार मिश्रण पेश करता है।

बीकानेर में देख सकते हैं राजस्थान का असली रंग (Image Source: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान घूमने का नाम आते ही अक्सर हमारे दिमाग में जयपुर, उदयपुर या जैसलमेर जैसे बड़े शहरों की तस्वीरें उभर आती हैं, लेकिन इन्हीं चर्चित जगहों के बीच एक ऐसी नगरी भी है, जो शोर-शराबे से दूर अपनी राजसी भव्यता और मरु-संस्कृति को चुपचाप संजोए हुए है। जी हां, बीकानेर। यह शहर अपने किलों, हवेलियों, महलों, रेगिस्तानी रंगों और स्थानीय संस्कृति की वजह से हर टूरिस्ट को खास एक्सपीरिएंस देता है।
अगर आप इतिहास, शिल्प, वास्तुकला और लोकजीवन की असली झलक देखना चाहते हैं, तो बीकानेर आपकी ट्रैवल लिल्ट में जरूर होना चाहिए। आइए जानते हैं, ऐसे कौन-कौन से स्थान हैं जो बीकानेर को इतना अनोखा बनाते हैं।

रामपुरिया हवेली
बीकानेर की संकरी गलियों में स्थित रामपुरिया हवेलियों का समूह शहर की पुरानी धन-संपन्न व्यापारी संस्कृति की शानदार मिसाल है। लाल बलुए पत्थर से बनी ये हवेलियां नक्काशीदार खिड़कियों, मेहराबों और बारीक चित्रांकन के कारण किसी पुरानी फिल्म के सेट जैसी लगती हैं। सुबह की हल्की रोशनी में इन गलियों में टहलना एक अलग ही अनुभव देता है- खामोशी, पुरानी इमारतों की खुशबू और हर मोड़ पर बदलती सुंदरता। यहां घूमकर आपको समझ आता है कि बीकानेर का व्यापारिक अतीत कितना समृद्ध रहा होगा।
जूनागढ़ किला
राजस्थान के कई किले जहां ऊंची पहाड़ियों पर बसे हैं, वहीं जूनागढ़ किला रेगिस्तान की धरती पर मजबूती से खड़ा है। इसके भीतर बने आंगन, रंगीन कक्ष, बारीक नक्काशी और आईने का काम राजपूताना वैभव की कहानियां सुनाते हैं। फूल महल और अनुप महल की दीवारों पर की गई महीन कलाकृतियां आज भी चमकती हैं। अगर आप पूरा किला देखना चाहते हैं तो कुछ घंटे निकालकर आराम से घूमिए-हर हिस्से में इतिहास बिखरा हुआ है।

करणी माता मंदिर
बीकानेर से थोड़ी दूरी पर देशनोक का करणी माता मंदिर स्थित है, जिसे देशभर में 'चूहों वाला मंदिर' के नाम से जाना जाता है। यहां हजारों चूहे मंदिर परिसर में स्वतंत्र रूप से घूमते हैं और इन्हें पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि यदि किसी यात्री को सफेद चूहा दिख जाए, तो यह बहुत शुभ संकेत माना जाता है। चाहे आप श्रद्धा से जाएं या जिज्ञासा से, इस मंदिर का अनुभव हमेशा याद रहने वाला होता है।
लक्ष्मी निवास पैलेस
जुनागढ़ किले के पास स्थित लक्ष्मी निवास पैलेस कभी महाराजा गंगा सिंह का निवास स्थान था। आज भी इसकी लाल पत्थर की दीवारें, लंबे बरामदे और नक्काशीदार जालियां शाही रौनक का एहसास कराती हैं। भले ही आप यहां ठहरने की योजना न बनाएं, लेकिन इसके परिसर में घूमना भी किसी डॉक्यूमेंट्री के सीन जैसा लगता है- खासतौर से तब, जब शाम की धूप महल के बाहरी हिस्से को सुनहरा रंग दे देती है।

स्थानीय बाजार और हस्तशिल्प
बीकानेर के पुराने बाजार अपनी जीवंतता और विविधता के लिए मशहूर हैं। कहीं रंग-बिरंगी मोजड़ियां मिलती हैं, तो कहीं लाख की चूड़ियां या ऊनी शॉल। कोटे गेट और स्टेशन रोड इलाके में आपको सुंदर वस्त्र, सजावटी सामान, मिनिएचर पेंटिंग और मशहूर ऊंट-चमड़े के उत्पाद आसानी से मिल जाएंगे। अगर आप शॉपिंग पसंद करते हैं, तो यह जगह आपके लिए खजाना साबित होगी।

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