उत्तर भारत का टी कैपिटल कहलाता है यह शहर, गर्मियों में घूमने के लिए है बिल्कुल परफेक्ट
पालमपुर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित धौलाधार पर्वत श्रृंखला और चाय बागानों के लिए प्रसिद्ध है। मार्च से जून तक यहां का मौसम सुहावना रहता है। यहां बिर बिलिंग में पैराग्लाइडिंग का आनंद लिया जा सकता है। इसके आप यहां कई दर्शनीय स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। धौलाधार की खूबसूरत पर्वत श्रृंखला से लेकर चाय के हरे-भरे बागानों तक, पालमपुर में घूमने के लिए काफी सारी जगहें हैं। जहां आप सुकून के पल बिताने के साथ-साथ सुंदर नजारों का भरपूर लुत्फ उठा सकते हैं। मार्च से लेकर जून महीने तक यह घूमने के लिए काफी अच्छा माना जाता है। मानसून में भी यह शहर एक अलग ही खूबसूरती ओढ़ लेता है।
कई सारी बॉलीवुड फिल्मों में आपने पालमपुर का नाम सुना होगा। यह शहर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में बसा खूबसूरत देवदार के पेड़ों और चाय के बागानों से घिरा है। यही वजह है कि इसे उत्तर भारत की चाय की राजधानी भी कहा जाता है। आइए चलते हैं पालमपुर के हरे-भरे चाय बागानों में और जानते हैं क्या कुछ है यहां खास।
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क्या है यहां देखने के लिए खास
- बिर बिलिंग: पालमपुर से बस कुछ ही दूरी पर स्थित बिर बिलिंग दुनिया के सबसे बेहतरीन पैराग्लाइडिंग डेस्टिनेशन में से एक माना जाता है।धौलाधार की पहाड़ियों के बीच हरी-भरी वादियों में पैराग्लाइडिंग करना एक यादगार अनुभव है। यदि आपको भी एडवेंचर से प्यार है तो फिर यह जगह आपके लिए है।
- टी गार्डन: अपने चाय बागानों के लिए मशहूर पालमपुर में ना केवल आपको खूबसूरत नजारे मिलेंगे बल्कि आप चाय की पत्तियों को तोड़ने से लेकर चाय की पत्ती बनने तक की पूरी प्रोसेस को करीब से भी देख सकते हैं।
- शिव मंदिर: 13वीं सदी में बना यह एक शिव मंदिर है, जहां की वास्तुकला आपको मंत्रमुग्ध कर देगी। यह हिमाचल प्रदेश के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है और काफी प्रसिद्ध है। इतिहास में रुचि रखने वाले लोगों के लिए भी यह मंदिर दर्शनीय है।
- सौरभ वन विहार: कारगिल के नायक कैप्टन सौरभ कालिया के नाम पर पड़ा यह खूबसूरत सौरभ वन विहार पालमपुर में स्थित है। यह जगह पिकनिक और बोटिंग के लिए काफी अच्छी है।
- न्यूगल खड्ढ: पालमपुर के करीब पहाड़ों से बहता आता यह न्यूगल खड्ढ पिकनिक और फोटोग्राफी के लिए काफी बेहतरीन है। सामने की तरफ धौलाधार पहाड़ी और नीचे बहता हुआ झरना, सुकून से बैठने और खूबसूरत नजारों के बीच तस्वीरें खिंचवाने के लिए बिलकुल सही है।
- ताशी जोंग मठ: यह सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की भी एक मिसाल है। यह तिब्बती मोंक्स का घर है, जहां आकर आपको भी सुकून के कुछ पल बिताने का मौका मिलेगा।
ऐसे पहुंचें पालमपुर
- पालमपुर का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा कांगड़ा हवाई अड्डा है, जोकि दिल्ली और बाकी प्रमुख शहरों से काफी अच्छी तरह जुड़ा है। यहां पहुंचकर आप पालमपुर के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं जो 1 से डेढ़ घंटे में आपको वहां पहुंचा देगी।
- रेल मार्ग से भी पालमपुर पहुंचना आसान है। दिल्ली से पालमपुर पहुंचने में 10-12 घंटे का वक्त लगता है।
- आप अपनी कार या टैक्सी से भी यहां पहुंच सकते हैं। पालमपुर शहर चंडीगढ़ से करीब 200 किलोमीटर दूर है और यहां से आपको 5-6 घंटे का समय लगता है।
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