Museum of Failure: एक ऐसा अनोखा म्यूजियम जहां सफलता नहीं, देखने को मिलते हैं नाकामी के नमूने
आमतौर पर म्यूजियम में उपलब्धियों और सफलताओं के बारे में बताया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा म्यूजियम भी है जहां असफलता को दिखाया जाता है। जी हां हम बात कर रहे हैं म्यूजियम ऑफ फेलियर के बारे में जो स्वीडन के हेलसिंगबोर्ग में मौजूद है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हम सभी ने कभी न कभी म्यूजियम जरूर देखा होगा। इतिहास और पुरानी कलाओं को करीब से देखने के लिए लोग अक्सर म्यूजियम जाना पसंद करते हैं। भारत और दुनिया के कई देशों में ऐसे कई म्यूजियम मौजूद हैं, जहां या तो किसी उपलब्धि या फिर किसी इतिहास से जुड़ी चीजों का संग्रह देखने को मिलता है।
लेकिन क्या आपने कभी सुना कि दुनिया में एक ऐसा म्यूजियम भी है, जहां नाकाम हुए इनवेंशन का कलेक्शन रखा गया है। इसका नाम ‘म्यूजियम ऑफ फेलियर' है, जहां कई बड़ी और मशहूर कंपनियों के नाकाम प्रोडक्ट्स संजोकर रखे गए हैं। आइए आपको बताते हैं इस अनोखे म्यूजियम के बारे में-
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कहां पर है ‘म्यूजियम ऑफ फेलियर?'
ये अनोखा म्यूजियम स्वीड्न के हेलसिंगबोर्ग में मौजूद हैं। यहां आपको कई सारी मशहूर कंपनियों के 200 से ज्यादा ऐसे प्रोडक्ट्स देखने को मिलेंगे, जो बनने के बाद नाकामी मिली और यह मार्केट में आते ही पूरी तरह फ्लॉप हो गए। इस अनोखे संग्रहालय की शुरुआत मनोवैज्ञानिक डॉ. सैमुअल वेस्ट ने साल 2017 की थी। इस म्यूजियम को बनाने का मकसद यह था लोगों को नाकामी और असफलता से सीख लेना सिखाना और नए इनोवेशन करने के लिए प्रेरित करना।
यहां असफल और नाकाम हुए प्रोडक्ट्स को 10 से ज्यादा कैटेगरी में बांटा जाता है। जो प्रोडक्ट जिस कैटेगरी का होता है, उसे वहां लिस्ट किया जाता है। इतना ही नहीं कई सारी कंपनियां खुद अपने फेल हुए प्रोडक्ट्स को यहां भेजती है। आइए देखते यहां मौजूद कुछ मशहूर कंपनियों के नाकाम प्रोडक्ट्स-
मर्सिडीज-बेंज ए-क्लास
मर्सिडीज दुनियाभर में मशहूर एक जर्मन ऑटोमोबाइल कंपनी है, जो अपनी हाई क्वालिटी वाली गाड़ियों के लिए जानी जाती है। इन कंपनी ने यूं तो कई सफल प्रोडक्ट्स बनाएं हैं, लेकिन 1997 में आई इनकी मर्सिडीज-बेंज ए-क्लास को उतनी सफलता नहीं मिल सकी है, जितनी इससे उम्मीदें की जा रही थी। यह कार टेस्टिंग के दौरान भी असफल साबित हुई और बाद में इसका प्रोडक्शन रोक दिया गया। दुनिया की सबसे अच्छी कार निर्माता कंपनी की इस विफलता से यह सीख मिलती है कि सबसे अच्छी और सबसे बड़ी कारें भी कभी-कभी विफल हो जाती हैं।
गूगल सोनी रिमोट
साल 2012-2014 में गूगल टीवी के जरिए टेलीविजन और इंटरनेट से जोड़ने की एक कोशिश की गई। इसके लिए गूगल और सोनी जैसी दो दिग्गज कंपनियों ने मिलकर काम करने का फैसला किया। अपने इस कोलेबोरनेशन में काम करते हुए गूगल टीवी डिवाइस उपयोगकर्ता के अनुकूल साबित नहीं हुई और इसका सबसे खराब हिस्सा सोनी का रिमोट था, जिसे चलाने के लिए 88 अलग-अलग बटन का इस्तेमाल करना पड़ता था।
एप्पल का मैसेज पैड 'न्यूटन'
वर्तमान में एप्पल दुनिया की सबसे बड़ी और मशहूर टेक्नोलॉजी कंपनी है, जो अपने हाईटेक प्रोडक्ट्स के लिए जानी जाती है। हालांकि, इस बड़ी और सफल कंपनी को भी असफलता का मुंह देखने पड़ा था। दरअसल, साल 1990 में एप्पल ने न्यूटन नाम का एक नया डिवाइस लॉन्च किया था। यह डिवाइस हैंडराइटिंग पहचानने की खासियत रखता था। हालांकि, यह इनवेंशन भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। न्यूटन की लिखावट पहचानने वाली टेक्नीक धीमी और गलत निकली, जिससे यूजर्स को निराशा हुई और बाद में इसे बंद कर दिया गया।
कोलगेट के फ्रोजन फूड्स
क्या आपने कभी सोचा है कि लगभग हर घर में नजर आने वाले कोलगेट के किसी प्रोडक्ट को कभी नाकामी झेलनी पड़ी होगी। टूथपेस्ट के मशहूर ब्रांड के तौर पर उभरे कोलगेट 1960 के दशक में अपने मजबूत छवि का फायदा उठाते हुए मार्केट में फ्रोजन फूड की एक सीरीज शुरू की। हालांकि, लोगों को उनका यह एक्सपेरिमेंट पसंद नहीं आया और अंत में उनका यह प्रोडक्ट फेल हो गया।
हार्ले डेविडसन का 'परफ्यूम'
हार्ले डेविडसन की बाइक तो आपने जरूर देखी होगी। यह दुनियाभर में काफी मशहूर हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि 1996-2005 के दौरान कंपनी ने पुरुषों के लिए एक परफ्यूम भी लॉन्च किया था। हार्ले डेविडसन फॉर मैन नाम का यह परफ्यूम लोगों को बिल्कुल भी पसंद नहीं आया और यह कंपनी का एक नाकाम प्रोडक्ट साबित हुआ। अपने इस प्रोडक्ट की वजह से कंपनी को आलोचनाएं भी झेलनी पड़ी थी।
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Source:
- Museum of Failure: https://museumoffailure.com/
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