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    आंध्र प्रदेश का ऐसा मंदिर जहां हवा में तैरता है स्तंभ, राज जानने दूर-दूर से आते हैं टूरिस्ट

    Updated: Sat, 21 Sep 2024 06:21 PM (IST)

    लेपाक्षी मंदिर (Lepakshi Temple) एक अद्भुत वास्तुकला का उदाहरण है जो 16वीं सदी में बनाया गया था। इस मंदिर का हवा में तैरता हुआ स्तंभ (Floating Pillar of Lepakshi Temple) एक रहस्य बना हुआ है जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसे देखने देश-विदेश से लोग आते हैं। यदि आप भी भारत में एक अनोखा और खूबसूरत मंदिर देखना चाहते हैं तो लेपाक्षी मंदिर आपके लिए बेस्ट है।

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    क्या आप जानते हैं Lepakshi Mandir के हवा में तैरते स्तंभ का रहस्य (Picture Courtesy: Instagram)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। प्राचीन भारत की वास्तुकला कितनी अनोखी है, इसका शानदार उदाहरण है लेपाक्षी मंदिर (Lepakshi Temple)। लेपाक्षी मंदिर, आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में स्थित एक प्राचीन हिंदू मंदिर है। यह मंदिर अपने आश्चर्यजनक वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें एक हवा में तैरता हुआ स्तंभ (Floating Pillar of Lepakshi Temple) भी शामिल है। यह स्तंभ धरती से हल्का-सा ऊपर उठा हुआ है और मंदिर का भार भी अपने ऊपर संभाले है। इसलिए इसका रहस्य जानने की कोशिश के लिए दूर-दूर से पर्यटक इस मंदिर को देखने आते हैं। हम भी इस आर्टिकल में, लेपाक्षी मंदिर के इतिहास, उड़ते हुए स्तंभ के रहस्य ( Mystery of Floating Pillar of Lepakshi Temple) और वहां कैसे पहुंचा जा सकता है, के बारे में जानने की कोशिश करेंगे।

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    Lepakshi Temple Floating Pillar

    (Picture Courtesy: Instagram)

    मंदिर का इतिहास

    लेपाक्षी मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य के शासक कृष्णदेव राय के शासनकाल के दौरान हुआ था। यह मंदिर भगवान शिव के एक रूप, वीरभद्र को समर्पित है। ऐसा भी माना जाता है कि रामायण काल में इसी जगह पक्षीराज जटायू माता सीता को बचाते हुए गिरे थे। उन्हें उठने के लिए भगवान राम ने 'ले पक्षी' कहा था, जिसके कारण इस मंदिर का नाम लेपाक्षी पड़ा। मंदिर का नाम "लेपाक्षी" पड़ने के पीछे एक स्थानीय कहावत भी है, जिसमें कहा जाता है कि एक राक्षस एक गाय की पूंछ से खींचकर उसे यहां तक लाया था। इसी कारण उस मंदिर का नाम लेपाक्षी पड़ा।

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    उड़ते हुए स्तंभ का रहस्य

    लेपाक्षी मंदिर का सबसे आकर्षक पहलू इसका उड़ता हुए स्तंभ हैं। यह एक विशाल पत्थर का स्तंभ है, जो बिना किसी सहारे के हवा में लटका हुआ प्रतीत होता है। इस बात की पुष्टि करने के लिए पर्यटक तरह-तरह के पैंतरे आजमाते हैं। कोई पतला कपड़ा इसके नीचे से निकालता है, तो कोई घास का तिनका इस पार से उस पार करके देखता है। हालांकि, इस रहस्य का पता लगाने की कोशिश कई लोग कर रहे हैं, लेकिन आजतक कोई ठोस वजह नहीं मिल पाई है, जो इस लटकते हुए खंभे के रहस्य के बारे में बता सके। कुछ लोग मानते हैं कि यह एक इंजीनियरिंग चमत्कार है, जबकि अन्य इसे एक अध्यात्मिक घटना मानते हैं।

    lepakshi temple

    (Picture Courtesy: Instagram)

    मंदिर की अन्य विशेषताएं

    उड़ते हुए स्तंभ के अलावा, लेपाक्षी मंदिर में कई अन्य आकर्षण हैं। मंदिर का मुख्य केंद्रीय मंडप अत्यंत सुंदर है और इसकी दीवारों पर नक्काशी की गई है। मंदिर में भगवान शंकर, विष्णु, गणेश और कई भित्ती चित्रकारी भी देखने को मिलती हैं। मंदिर के परिसर में कई अन्य मंदिर और मंडप भी हैं, जिनमें भगवान शिव और देवी पार्वती के मंदिर शामिल हैं।

    मंदिर तक कैसे पहुंचें?

    लेपाक्षी मंदिर अनंतपुर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप अनंतपुर तक ट्रेन या बस से पहुंच सकते हैं। वहां से, आप लेपाक्षी मंदिर तक बस या टैक्सी द्वारा जा सकते हैं। मंदिर तक जाने का रास्ता अच्छी तरह से कनेक्टेड है और आसानी से पहुंचा जा सकता है।

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