‘खाने के किस्से कहानियां’ में देखिए, इंडिया गेट से ऐसे शुरू हुआ ‘पिंडी रेस्टोरेंट’ का जायकेदार सफर
‘पिंडी रेस्टोरेंट’ की शुरूआत दिल्ली में 1948 में हुई.
कई बार ऐसा होता है कि हमें किसी खास जगह की कोई डिश बहुत पसंद होती है. जैसे बिरयानी, डोसा, समोसा, छोले-भठूरे जैसी जायकेदार चीजें खाने के लिए हम किसी खास रेस्टोरेंट में जाना पसंद करते हैं. वहीं किसी खास डिश की वजह से कई रेस्टोरेंट अपनी पहचान बनाकर पूरी दुनिया में मशहूर हो जाते हैं.
भारत के ऐसे ही आइकॉनिक रेस्टोरेंट जिनके जायकों की कहानी बहुत पुरानी है. यहां की टेस्टी डिशेज आज भी उतनी ही मशहूर है, जितनी आजादी से पहले हुआ करती थी.
‘खाने के किस्से कहानियां’ जो आपको इनकी पहचान से रू-ब-रू करवाएंगी
‘जागरण डॉट कॉम’ लेकर आया है स्वाद की दुनिया से ऐसी ही कहानियां जिन्हें देखकर आप कह उठेंगे ‘वाह’. दैनिक जागरण के फेसबुक पेज पर शुरू ‘खाने के किस्से कहानियां’ सीरीज में आप देख पाएंगे इंडिया के अलग-अलग शहरों के आइकनिक रेस्तरां और उनकी कहानी. जिनकी फेमस डिशेज व खाने के स्वाद ने बरसों बाद भी लोगों को अपना बना रखा है.
‘खाने के किस्से कहानियां’ सीरीज के पांचवें एपिसोड में हम आपको ले चलेंगे, दिल्ली के मशहूर ‘पिंडी रेस्टोरेंट’ के जायकेदार सफर पर.
‘खाने के किस्सें कहानियां’ में देखिए, ‘लकी रेस्टोरेंट’ की लजीज बिरयानी का सफर
दिल्ली में जायकों की बात करें, तो यहां के कुछ जायके ऐसे हैं, जिन्हें चखने के लिए लोग किसी खास रेस्टोरेंट में जाना ही पसंद करते हैं.
इंडिया गेट से ऐसे शुरू हुआ सफर
‘पिंडी रेस्टोरेंट’ की शुरूआत दिल्ली में 1948 में हुई. आजादी के वक्त 1947 में कस्तूरीलाल वाधवा पाकिस्तान के रावलपिंडी से भारत आए थे. उन्होंने शुरूआत में पिंडी छोले का छोटा-सा स्टाल दिल्ली के इंडिया गेट पर लगाना शुरू किया. धीरे-धीरे दिल्लीवाले इस खास जायके के दीवाने हो गए. वक्त के साथ इंडिया गेट से होते हुए पिंडी छोले ‘पिंडी रेस्टोरेंट’ में बदल गया. आज यहां कई मशहूर सेलिब्रिटी कई जायकों को चखने आती हैं.