‘खाने के किस्सें कहानियां’ में देखिए, ‘लकी रेस्टोरेंट’ की लजीज बिरयानी का सफर
1938 में मुंबई के पुराना बांद्रा बाजार से लकी रेस्टोरेंट का सफर शुरू हुआ. इसकी शुरुआत की, अली अकबर हुसैनी ने.
वक्त तेजी से बदल रहा है. लेकिन इस बदलाव के बीच अभी भी कुछ चीजें ऐसी हैं, जो आज भी नहीं बदली बल्कि उनके पुराने अंदाज की वजह से वो आज भी मशहूर हैं. ऐसे ही भारत के आइकॉनिक रेस्टोरेंट जिनके जायकों की कहानी बहुत पुरानी है. यहां की टेस्टी डिशेज आज भी उतनी ही मशहूर है, जितनी आजादी से पहले हुआ करती थी.
‘खाने के किस्से कहानियां’ जो आपको इनकी पहचान से रू-ब-रू करवाएंगी
‘जागरण डॉट कॉम’ लेकर आया है स्वाद की दुनिया से ऐसी ही कहानियां जिन्हें देखकर आप कह उठेंगे ‘वाह’. दैनिक जागरण के फेसबुक पेज पर शुरू ‘खाने के किस्से कहानियां’ सीरीज में आप देख पाएंगे इंडिया के अलग-अलग शहरों के आइकनिक रेस्तरां और उनकी कहानी. जिनकी फेमस डिशेज व खाने के स्वाद ने बरसों बाद भी लोगों को अपना बना रखा है.
‘खाने के किस्से कहानियां’ सीरीज के दूसरे एपिसोड में हम आपको ले चलेंगे, लकी रेस्टोरेंट के जायकेदार सफर पर.
देखिए ‘खाने के किस्से कहानियां’: स्वाद जो आजादी के बाद दिल्ली के दिल में बस गया
ऐसे शुरू हुआ मुंबई के मशहूर लकी रेस्टोरेंट का सफर
लकी रेस्टोरेंट कितना पॉपुलर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहली बार मुंबई घूमने वाले लोग सेलिब्रिटीज का आलीशान बंगला देखने के साथ लकी रेस्टोरेंट की लजीज बिरयानी खाना नहीं भूलते. 1938 में मुंबई के पुराना बांद्रा बाजार से लकी रेस्टोरेंट का सफर शुरू हुआ. इसकी शुरुआत की, अली अकबर हुसैनी ने. तब से बदलते वक्त के साथ बहुत कुछ बदला लेकिन लकी रेस्टोरेंट का जायका सालों से वैसा ही उम्दा रहा. शुरूआत में लकी रेस्टोरेंट में 7-8 डिश ही हुआ करती थीं लेकिन अब यहां 300 से ज्यादा रेसिपीज है. लकी रेस्टोरेंट आम से लेकर खास तक खाने के शौकीनों के बीच बेहद पॉपुलर है.