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    क्या है भारत का नया 'बैटलफील्ड टूरिज्म' मिशन, जहां आप करीब से जान सकेंगे देश का सैन्य इतिहास

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 07:40 PM (IST)

    भारत सरकार ने 'बैटलफील्ड टूरिज्म' नामक एक नई पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य नागरिकों को देश के सैन्य इतिहास से करीब से परिचित कराना है। इस कार्यक्रम क ...और पढ़ें

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    भारत में 'बैटलफील्ड टूरिज्म' का आगाज (Image Source: X) 

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा है कि जिन पहाड़ों और रेगिस्तानों में कभी तोपें गरजी थीं, आज वहां पर्यटक इतिहास को करीब से महसूस करने जा रहे हैं? दरअसल, भारत में पर्यटन का एक नया अध्याय शुरू हो चुका है जिसे 'बैटलफील्ड टूरिज्म' कहा जा रहा है। सरकार की नई पहलों के कारण अब आम नागरिक उन जगहों पर जा सकते हैं, जो पहले सिर्फ सेना के लिए आरक्षित थीं।

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    Battlefield tourism

    कारगिल वॉर मेमोरियल (इमेज सोर्स: एक्स) 

    सिक्किम से हुई नई शुरुआत

    इस दिशा में सबसे बड़ा कदम 15 दिसंबर, 2025 को उठाया गया। सिक्किम राज्य ने औपचारिक रूप से 'चो ला' और 'डोक ला' जैसे अत्यधिक ऊंचाई वाले पासिज को टूरिस्ट्स के लिए खोल दिया है। 15,000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थित ये स्थान ऐतिहासिक रूप से बेहद संवेदनशील रहे हैं:

    • चो ला: यहां 1967 में भारत और चीन के बीच संघर्ष हुआ था।
    • डोक ला: यह स्थान 2017 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुए तनावपूर्ण गतिरोध का गवाह बना था।

    इन सीमावर्ती क्षेत्रों को खोलने का निर्णय यह दर्शाता है कि भारत अब इन सुरक्षा क्षेत्रों को केवल 'बॉर्डर' नहीं, बल्कि 'राष्ट्रीय स्मृति' के परिदृश्य के रूप में देख रहा है। इसका उद्देश्य लोगों को देश के सैन्य इतिहास से परिचित कराना, दूरदराज के क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास करना और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है।

    आखिर क्या है 'बैटलफील्ड टूरिज्म'?

    बैटलफील्ड टूरिज्म का मतलब है उन जगहों की यात्रा करना जो युद्ध या संघर्ष से जुड़ी हैं। इसमें युद्ध के मैदान, स्मारक, कब्रिस्तान, किले, संग्रहालय और यहां तक कि सेना की अग्रिम चौकियां भी शामिल हैं। लोग अलग-अलग कारणों से यहां आते हैं:

    • जिज्ञासा और ज्ञान: छात्र, शोधकर्ता और इतिहास प्रेमी यहां सीखने आते हैं।
    • श्रद्धांजलि: शहीदों के परिवार या आम नागरिक जो देश के लिए दिए गए बलिदान को नमन करना चाहते हैं।
    • रोमांच: कुछ लोग इतिहास के साथ-साथ इन दुर्गम स्थानों (जैसे ऊंचे पहाड़ या रेगिस्तान) के रोमांच का अनुभव करने आते हैं।

    भारत के प्रमुख युद्ध स्थल जो अब पर्यटन केंद्र हैं

    भारत का सैन्य इतिहास बहुत पुराना और विविध है। इसमें पानीपत और हल्दीघाटी जैसे मध्यकालीन किले, प्लासी और बक्सर जैसे औपनिवेशिक स्थल, पूर्वोत्तर भारत में द्वितीय विश्व युद्ध के मोर्चे और कारगिल जैसे आधुनिक युद्ध स्थल शामिल हैं। यहां कुछ प्रमुख स्थान दिए गए हैं जहां आप जा सकते हैं:

    लोंगेवाला युद्ध स्मारक (राजस्थान)

    थार रेगिस्तान में पाकिस्तान सीमा के पास स्थित लोंगेवाला, 1971 की लड़ाई की ऐतिहासिक जीत का गवाह है। यहां एक संग्रहालय है जहां आप युद्ध में इस्तेमाल हुए सैन्य उपकरण और टैंक देख सकते हैं। यह स्थान उस निर्णायक लड़ाई की पूरी कहानी बयां करता है।

    कारगिल युद्ध स्मारक, द्रास (लद्दाख)

    यह भारत के सबसे प्रसिद्ध आधुनिक युद्ध स्मारकों में से एक है। यह 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद दिलाता है। यहां की यात्रा और ऊंचे पहाड़ों के बीच बना यह स्मारक आपको यह अहसास दिलाता है कि हमारे सैनिकों ने कितनी कठिन परिस्थितियों में लड़ाई लड़ी थी।

    कोहिमा युद्ध कब्रिस्तान (नागालैंड)

    यह द्वितीय विश्व युद्ध की यादें संजोए हुए है। यहां की सीढ़ीदार कब्रें और शांत वातावरण इसे एक बेहद भावुक जगह बनाते हैं। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त स्थल है, जहां लोग शांति और चिंतन के लिए आते हैं।

    हिमालय के ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्र हाल ही में, सरकार ने सख्त नियमों के तहत आजादी के बाद के संघर्षों से जुड़े कुछ ऊंचे पहाड़ी इलाकों को भी आम नागरिकों के लिए खोलना शुरू किया है।

    इन बातों का रखें ध्यान

    युद्ध क्षेत्र कोई 'थीम पार्क' नहीं हैं। यहां की यात्रा करते समय आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए:

    • सीमावर्ती क्षेत्रों में जाने के लिए अक्सर विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है। बिना जानकारी के कहीं भी न जाएं।
    • एक लोकल गाइड या सेना द्वारा संचालित टूर का हिस्सा बनें, ताकि आप सही इतिहास जान सकें और सुरक्षा नियमों का पालन कर सकें।
    • स्मारकों पर शांति बनाए रखें और फोटो लेते समय संयम बरतें। यह जगह शहीदों के सम्मान के लिए है।
    • ये जगहें अक्सर बहुत दूरदराज होती हैं जहां नेटवर्क और मेडिकल सुविधा कम हो सकती है। इसलिए अपनी यात्रा और मौसम की जानकारी पहले से रखें।

    अगर समझदारी से ट्रैवल किया जाए, तो बैटलफील्ड टूरिज्म हमें इतिहास को सिर्फ किताबों में पढ़ने के बजाय उसे महसूस करने का मौका देता है। यह हमें उन बलिदानों के प्रति अधिक संवेदनशील और जागरूक बनाता है, जिन्होंने हमारे देश को सुरक्षित रखा है।

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