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    इंदौर के इस मंदिर में हीरों से जड़ी है गणेश प्रतिमा, जहां उल्टा स्वास्तिक बनाने से पूरी होती है कामना

    Updated: Sat, 30 Aug 2025 02:09 PM (IST)

    इन दि‍नों गणेश उत्सव (Ganesh Chaturthi 2025) बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। भक्‍त बप्‍पा को प्रसन्‍न करने के ल‍िए उन्‍हें उनके पसंदीदा व्‍यंजनों का भोग लगाते हैं। साथ ही गणेश जी के मंदिर भी जाते हैं। ऐसा ही एक मंदिर इंदौर में भी है जहां भक्तों की अपार श्रद्धा उमड़ती है।

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    बेहद खास गणेश जी का ये मंदिर (Image Credit- MP Government/AI Generated)

    लाइफस्‍टाइल डेस्‍क, नई द‍िल्‍ली। इन द‍िनों गणेश उत्‍सव की धूम देखने को म‍िल रही है। घर-घर में बप्‍पा के मूर्तियों की स्‍थापना की जाती है। भक्‍त बप्‍पा को प्रसन्‍न करने के ल‍िए उनके ल‍िए पसंदीदा भोग बनाते हैं और अर्पित करते हैं। साथ ही गणेश मंदिरों में भी जाकर पूजा अर्चना करते हैं। भारत में भगवान गणेश के ऐसे कई मंदिर हैं जो क‍िसी न कि‍सी रूप में खास हैं। मध्‍य प्रदेश की बात करें तो ये राज्‍य अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक मंदिरों के लिए जाना जाता है।

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    ऐसा ही एक मंदिर इंदौर के खरजाना में स्थित है। इस मंदिर का नाम खजराना गणेश मंदिर है। ये मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है। यहां पर जो भी भक्‍त सच्‍चे मन से आते हैं, उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। आज का हमारा लेख भी इसी वि‍षय पर है। हम आपकाे इस मंदिर के इत‍िहास के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही इस मंदिर की खास‍ियत भी बताएंगे। आइए जानते हैं-

    खजराना गणेश मंदिर का इति‍हास

    इंदौर शहर और आसपास के इलाकों के लोग खजराना गणेश मंदिर में सच्‍ची आस्‍था रखते हैं। इस मंदिर को बहादुर मराठा रानी अहिल्याबाई होल्कर ने बनवाया था। हिंदुओं के लिए ये एक बहुत ही जरूरी धार्मिक स्थान माना जाता है। इस मंदिर में बुधवार और रविवार को सबसे ज्यादा भीड़ देखने को म‍िलती है। माना जाता है कि यहां पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

    1735 में बनवाई गई थी ये मूर्ति

    मंदिर में विनायक चतुर्थी की रौनक देखते ही बनती है। जिसे हर साल अगस्त और सितंबर महीने में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। कहा जाता है कि औरंगजेब से भगवान गणेश की मूर्ति को बचाने के लिए इसे एक कुएं में छिपा दिया गया था। बाद में साल 1735 में अहिल्याबाई होल्कर ने इसे बाहर निकलवाकर यहां मंदिर का निर्माण करवाया। शुरुआत में तो ये मंदिर एक छोटी सी झोपड़ी जैसा था, लेकिन अब ये एक भव्य मंदिर बन चुका है।

    चांदी से बनी हैं दीवारें

    लोग यहां सोना, हीरे और कीमती रत्न भगवान गणेश को हैं। मंदिर की बाहरी दीवारें और गर्भगृह की दीवारें चांदी से बनी हुई हैं, जिन पर कई त्योहारों की झलक देखने को म‍िलती है। भगवान गणेश की आंखों को हीरे से बनाया गया है, जिन्हें इंदौर के एक व्यापारी ने भेंट किया था।

    मंदिर की खास‍ियत भी जानें

    इस मंदिर में भगवान गणेश की जो प्रतिमा स्थापित है, वो राम भक्त हनुमान जी की तरह पूरी तरह लाल है। इस मंदिर में मां दुर्गा, शिवलिंग, हनुमान जी, मां लक्ष्मी का मंदिर भी है। इसके अलावा मां गंगा की भी मूर्ति मौजूद है। यहां भारी संख्‍या में भक्‍तों की भीड़ देखने को म‍िलती है। यहां मांगी गई मन्‍नतें भी जरूर पूरी होती हैं। कहते हैं भक्‍त यहां पूजा करने के बाद मंदिर की दीवार पर उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं।

    कैसे पहुंचे खजराना गणेश मंदिर?

    • हवाई मार्ग से- यहां पहुंचने के ल‍िए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा देवी अहिल्या इंटरनेशनल एयरपोर्ट इंदौर है।
    • रेल मार्ग से- इंदौर रेलवे स्टेशन देश के बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 5 किलोमीटर है।
    • सड़क मार्ग से- भोपाल, दिल्ली, मुंबई, पुणे, लखनऊ जैसे बड़े शहरों से बस आपको म‍िल जाएंगी। शहर में दो बस स्टैंड हैं- सरवटे बस स्टैंड और गंगवाल बस स्टैंड। इंदौर जाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-3 और एनएच-59ए से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

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