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    गलती हो या नहीं, दूसरों के सामने कभी न करें अपने बच्चों को डांटने की गलती! भुगतने पड़ेंगे 5 नुकसान

    बच्चों को सही-गलत सिखाना माता-पिता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है लेकिन कई बार हम अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिनका बुरा असर बच्चों के मन पर पड़ता है। इन्हीं में से एक है- दूसरों के सामने बच्चों को डांटना। जी हां भले ही बच्चे से कैसी भी गलती हुई हो लेकिन अगर आप उसे किसी दूसरो सामने डांटते हैं तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

    By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Wed, 18 Jun 2025 09:05 PM (IST)
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    दूसरों के सामने बच्चों को डांटने के नुकसान (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सोचिए, आप अपने बच्चे के साथ कहीं बाहर हैं। अचानक आपके बच्चे से कोई गलती हो जाती है- शायद उसने शरारत की हो, या कुछ गिरा दिया हो। ऐसे में, बिना सोचे-समझे, आप वहीं सबके सामने उसे डांटना शुरू कर देते हैं। आपने तो अपनी तरफ से उसे सही करने की कोशिश की, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी यह छोटी-सी "सुधार" की कोशिश, आपके बच्चे के मन पर कितना गहरा और नेगेटिव असर डाल सकती है?

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    जी हां, भले ही गलती कितनी भी बड़ी क्यों न हो, दूसरों के सामने बच्चों को डांटना उन्हें जीवन भर के लिए कुछ ऐसे जख्म दे सकता है, जिनकी भरपाई मुश्किल है। आइए जानें इसके 5 नुकसान।

    कॉन्फिडेंस में कमी 

    जब आप बच्चे को दूसरों के सामने डांटते हैं, तो उसे बहुत शर्मिंदगी महसूस होती है। उसे लगता है कि उसने कुछ बहुत बुरा कर दिया है और अब सब लोग उसे गलत समझेंगे। यह भावना धीरे-धीरे उसके आत्मविश्वास को कमजोर करती है और उसमें हीन भावना पैदा कर सकती है। भविष्य में वह कोई भी नया काम करने से पहले 10 बार सोचेगा, क्योंकि उसे डांट पड़ने या दूसरों के सामने बेइज्जत होने का डर रहेगा।

    चिड़चिड़ेपन की समस्या

    लगातार दूसरों के सामने डांटे जाने से बच्चे के मन में विद्रोह की भावना पनप सकती है। वह सोचने लगता है कि "मैं कितना भी अच्छा कर लूं, मुझे डांट ही पड़ती है।" ऐसे में वह आपकी बात मानना कम कर सकता है और जिद्दी या चिड़चिड़ा हो सकता है। कुछ बच्चे तो जानबूझकर वही गलतियां दोहराने लगते हैं, ताकि वे अपना गुस्सा दिखा सकें।

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    आपसे दूरी बनाना और बातें छिपाना

    अगर बच्चा बार-बार दूसरों के सामने डांटा जाता है, तो उसे लगने लगता है कि आप उसे समझते नहीं हैं और वह आपके सामने असुरक्षित महसूस करता है। ऐसे में वह आपसे दूरी बनाना शुरू कर देता है और अपनी बातें या परेशानियां आपसे साझा करने से बचता है। उसे डर लगता है कि अगर उसने कुछ बताया, तो उसे फिर से डांट पड़ेगी। यह माता-पिता और बच्चे के बीच के मज़बूत रिश्ते को कमजोर कर देता है।

    सामाजिक मेलजोल से कतराना

    दूसरों के सामने डांट पड़ने से बच्चा सामाजिक स्थितियों से कतराने लगता है। उसे लगता है कि लोग उसका मज़ाक उड़ाएंगे या उसे जज करेंगे। वह पार्टियों, स्कूल की एक्टिविटीज या दोस्तों के साथ खेलने से बचना शुरू कर सकता है। यह उसके सामाजिक विकास के लिए अच्छा नहीं है और उसे अकेलापन महसूस करा सकता है।

    दूसरों के प्रति गुस्सा और जलन

    जब बच्चे को लगता है कि दूसरों के सामने उसकी बेइ्ज्जती हुई है, तो वह उन लोगों के प्रति गुस्सा या जलन महसूस कर सकता है जिनके सामने उसे डांटा गया है। यह भावना भविष्य में उसके रिश्तों को प्रभावित कर सकती है। वह लोगों से दूरी बना सकता है या फिर उनके प्रति नकारात्मक रवैया रख सकता है।

    डांटे नहीं, तो क्या करें?

    गलती होने पर बच्चे को समझाना जरूरी है, लेकिन इसका सही समय और जगह चुनना और भी ज्यादा जरूरी है। हमेशा बच्चे को अकेले में समझाएं, उसे अपनी गलती सुधारने का मौका दें और बताएं कि आप उससे प्यार करते हैं, भले ही उसकी गलती आपको पसंद न आई हो। ऐसा करने से आपका बच्चा सेफ फील करेगा और आपके साथ उसका रिश्ता और भी गहरा होगा।

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