Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कहीं आपका पार्टनर भी तो नहीं ले रहा Quiet Quitting का सहारा, इन बदलावों से करें पहचान

    वर्कप्लेस के बाद अब रिश्तों में भी क्वाइट क्विटिंग का चलन बढ़ रहा है। इसमें पार्टनर रिश्ता निभाता तो है पर भावनात्मक रूप से दूर हो जाता है। समय और भावनाएं देना बंद कर देता है बातचीत में रुचि नहीं दिखाता और भविष्य की बातें करने से कतराता है। ऐसे संकेतों को पहचानकर अपने इमोशन्स को समझें और पार्टनर से खुलकर बात करें।

    By Niharika Pandey Edited By: Niharika Pandey Updated: Sat, 10 May 2025 03:05 PM (IST)
    Hero Image
    क्या आपका पार्टनर भी ले रहा है Quiet Quitting का सहारा (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। वर्कप्लेस पर लोग Quiet Quitting का सहारा लेते हैं, लेकिन अब ये ट्रेंड रिश्तों में भी दिखने लगा है। इसके बारे में कम लोग ही जानते हैं और इसलिए कई लोग इसे समझ नहीं पाते। रिश्तों का टूटना कभी भी सुखद नहीं होता। इसलिए की लोग सीधे-सीधे ब्रेकअप न करके उस रिश्ते में Quiet Quitting करने लगते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे इसके कुछ संकेतों को कैसे पहचानें और जानेंगे कि ऐसी सिचुएशन में क्या करें? 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या होता है Quiet Quitting?

    अगर कोई रिश्ते को खत्म भी न करे और उसे दिल से निभाए भी नहीं, तो यह Quiet Quitting कहलाता है। ऐसे लोग रिश्ते में तो रहते हैं, लेकिन इमोशनली पार्टनर से अलग हो चुके होते हैं। किसी समस्या को सुलझाने या बात करने की बजाय उससे बचने की कोशिश करने लगे। अगर आपका पार्टनर भी अपना समय, एनर्जी, इमोशन खर्च करना बंद कर दे, तो वो Quiet Quitting कर रहा है।

    यह भी पढ़ें-  क्या है 'Silent Divorce'? इन 6 संकेतों से जानें कहीं आपका रिश्ता भी तो नहीं बढ़ रहा इस ओर

    इस तरह पहचानें

    • सारी कोशिशें बंद कर दे- आपका पार्टनर आपके लिए न तो समय निकाल रहा है और न ही इमोशन और पैसे खर्च कर रहा है। प्यार भरे मैसेजेस भेजना और जेस्चर दिखाना बंद कर दे।
    • बातचीत न करना चाहे- ऐसा पार्टनर बात करने में दिलचस्पी नहीं दिखाता है और मजबूरी में अपने पार्टनर से बात करता है। उसे आपकी सोच और फीलिंग से कोई लेना-देना नहीं होता। वो अपने बारे में या अपनी जिंदगी में चली रही चीजों के बारे में बताने से हिचकने लगते हैं।
    • आपके साथ वक्त न बिताना चाहे- अगर आपका पार्टनर आपके साथ कहीं भी जाने या किसी भी प्रकार की एक्टिविटी करने में दिलचस्पी न दिखाए।
    • आपके अलावा बाकी सारी चीजों को महत्व देने लगे- ऐसा पार्टनर अपने दोस्तों, अपने काम और यहां तक कि पैट तक को आपसे पहले रखने लगता है।
    • फ्यूचर के बारे में बात करने से कतराने लगे- कभी आप दोनों ने जिस सुनहरे कल के सपने देखे थे, उसके बारे में अब वो कोई बात न करना चाह रहा हो। अगर आप ऐसा करें भी तो वो कोई और टॉपिक शुरू कर दे।
    • चिड़चिड़ाहट होने लगे- छोटी-छोटी बातों पर उसे चिड़चिड़ाहट महसूस होने लगे और आपके साथ वो जरा भी सब्र से काम न लेता हो। आप दोनों के बीच पहले से ज्यादा झगड़े होने लगे हों
    • कोई इंटीमेसी नहीं रह गई- गले लगाना, किस करना या यूं ही कोई प्यार भरी नोंक-झोंक खत्म हो जाए या असहज महसूस होने लगे।
    • हमेशा किसी न किसी काम में व्यस्त रहना- उसका ध्यान उसके फोन, काम और हॉबी पर ज्यादा हो। भले ही वो वहां मौजूद हो, लेकिन इमोशनली कहीं और ही व्यस्त नजर आए।

    ऐसे में क्या करें

    • बिहेवियर पर गौर करें- अपने पार्टनर से सवाल-जवाब करने से पहले उसके बिहेवियर को ध्यान से देखें। आप चाहें तो उसे नोट भी कर सकते हैं।
    • खुद के इमोशन को समझने की कोशिश करें- थोड़ा ठहरें और खुद के इमोशन पर नजर डालें। क्या आपको ऐसा महसूस हो रहा है कि वो आपको नजरअंदाज कर रहा है, आपसे बचने या दूरी बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।
    • किसी अपने से शेयर करें दिल की बात- आप जिस भी व्यक्ति पर पूरा भरोसा करते हैं, उनसे पूछें या फिर किसी थैरेपिस्ट की मदद लें। इससे आपको एक निष्पक्ष राय बनाने में मदद मिलेगी।
    • बात करने का सही समय चुनें- अगर आपको अपना इमोशन समझ आ गया है, तो अपने पार्टनर से किसी शांत माहौल में बात करें। पुरानी या बेफिजूल बातों को न दोहराएं, बस अपनी बात को स्पष्टता से रखें।
    • बातचीत में ईमानदारी रखें- अपने इमोशन को अपने पार्टनर से छिपाएं नहीं, ईमानदारी से दिल की बात बताएं। बिना कोई गलती निकाले केवल अपनी चिंताएं या अनुभव उससे साझा करें।
    • उससे भी पूछें कि कोई और वजह तो नहीं- हो सकता है आपका पार्टनर किसी प्रकार के स्ट्रेस, एंग्जायटी, मेंटल या किसी पर्सनल परेशानी से गुजर रहा हो। इस वजह से उसके व्यवहार में ये अंतर नजर आ रहा हो। उसे भी अपनी बात रखने का मौका दें।
    • अगर आप अकेले ही सारे प्रयास कर रहे हैं- अगर उस रिश्ते में आप अकेले ही उसे बचाने की सारी कोशिशें कर रहे हैं, तो ऐसा न करें। कोई भी रिश्ता एकतरफा नहीं हो सकता।
    • क्या आपको लगता है ये इतना जरूरी है- अगर आपका पार्टनर रिश्ते को बचाने के लिए मिलकर काम करना चाहता है तो फिर ठीक है, लेकिन वो ऐसा नहीं चाहता तो फिर आपको सोचने की जरूरत है। क्या आपको किसी ऐसे व्यक्ति के साथ रहना है, जो पूरी तरह आपके साथ नही।

    यह भी पढ़ें-  जब बात-बात पर पार्टनर सुनाने लगे ताने, तो 5 तरीकों से हैंडल करें सिचुएशन; रिश्ते में नहीं आएगी दरार