स्कूल से घर लौटकर पेरेंट्स से ये बातें सुनना चाहते हैं बच्चे, फालतू सवालों से न करें उन्हें परेशान
आजकल के बच्चों की डिजिटल होती ये दुनिया उन्हें आपस में ढेर सारी बातें करना नहीं सिखाती है। इससे बच्चे अपने पेरेंट्स से भी बहुत बातें शेयर करना पसंद नहीं करते हैं। खास तौर से स्कूल से लौटने पर वे और भी थके और शांत से हो जाते हैं और बातें करने में दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं। ऐसे में इन तरीकों से बच्चे आपसे खुलकर बात करने लगेंगे।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बच्चे जब स्कूल से घर लौटते हैं तो अक्सर पेरेंट्स उनके ऊपर सवालों की बारिश कर देते हैं। आज स्कूल में क्या हुआ, किसी ने कुछ बोला तो नहीं, किसी ने कुछ किया तो नहीं, न जाने ऐसे कितने ही सवालों से बच्चों को रोजाना सामना करना पड़ता है। एक पेरेंट के नजरिए से जहां ये सभी सवाल बेहद महत्वपूर्ण है, तो वहीं बच्चों के नजरिए से ये सभी थकावट भरा और बोरिंग काम होता है।
इसलिए बच्चे ध्यान से सवाल सुनना भी पसंद नहीं करते हैं। यही वजह है कि या तो बच्चे इन सवालों को नजरअंदाज कर देते हैं या फिर जवाब में मुश्किल से हां या न बोलकर इन सवालों से दूर भागना चाहते हैं। और अक्सर इस पर पेरेंट्स बच्चों से नाराज हो जाते हैं। हालांकि, यह समय उन पर नाराज होने की बजाय उन्हें समझने का है। इसलिए बच्चों के मनोविज्ञान को समझें और जानें कि बच्चे घर लौटने पर आखिर क्या सुनना पसंद करते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से-
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दिन का मजेदार समय पूछें
बच्चे से पूछें कि आज सबसे मजेदार चीज उसने क्या सीखी। इससे बच्चों को अपने पेरेंट्स को कुछ समझाने का मौका मिलता है। जब वे अपनी मजेदार बातें शेयर करते हैं, तो इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। उनकी बातों के अनुसार आप अपने रिएक्शन को उत्साहित होकर दें। इस तरह बातों के प्रवाह में वे वो सारी बातें भी बताते हैं, जो उन्हें परेशान करती हैं।
दिन में हुई अच्छी बातें पूछें
उनसे पूछें कि दिन भर में उन्होंने किसी को कुछ अच्छा करते हुए नोटिस किया क्या। इससे वे अच्छी बातों के साथ खराब बातें भी शेयर करते हैं, जो उन्हें पसंद नहीं आती हैं। ये बच्चों के इमोशनल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देता है।
गलती के बारे में पूछें
बच्चे से पूछें कि एक वो क्या चीज है, जिसे वे थोड़ा अलग तरीके से कर सकते थे। इससे वे अपनी गलतियों के बारे में सोचेंगे और उसे कैसे ठीक किया जा सकता ये सोचेंगे, आपसे सही रिस्पॉन्स पर चर्चा कर के इसकी प्रैक्टिस करेंगे।
दिन के अच्छे पलों के बारे में पूछें
बच्चे से पूछें कि आज उन्हें किस बात पर जोरों से हंसी आई। इससे उन्हें दिन के अच्छे पल याद आएंगे, वे हर एक दिन को सकारात्मक तरीके से देखना शुरू करेंगे और इस बात को समझेंगे कि हर दिन कुछ न कुछ अच्छा जरूर होता है।
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