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    समाज का ताना-बाना बना देता है मर्दों को Silent Husband, शादीशुदा जिंदगी से गायब हो जाती है इंटिमेसी

    हर रिश्ते की नींव होती है बातचीत। चाहे वो दोस्ती हो परिवार हो या फिर प्यार। ऐसे में क्या होगा अगर आपका लाइफ पार्टनर बहुत कम बोलने वाला यानी साइलेंट हसबैंड (Silent Husband) हो? शायद आप भी अब सोच रही होंगी कि ऐसा क्यों होता है और इससे कैसे निपटा जाए। तो आइए इस विषय (Emotional Distance In Relationships) पर यहां आपको विस्तार से बताते हैं।

    By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Sat, 04 Jan 2025 06:52 PM (IST)
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    Silent Husband: कैसे मर्द बन जाते हैं 'साइलेंट हसबैंड' (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Silent Husband: शादी एक खूबसूरत रिश्ता है, जो विश्वास और बातचीत पर टिका होता है। जब पति-पत्नी खुलकर बात करते हैं, तो उनके बीच कोई गलतफहमी नहीं रहती और उनका रिश्ता मजबूत होता है, लेकिन कई बार पत्नियों की शिकायत रहती है कि उनके पति उनसे ज्यादा बात नहीं करते या फिर उनकी बातों को अनसुना कर देते हैं। पति की यह चुप्पी पत्नी को डरा देती है और उनके मन में कई तरह के सवाल उठने लगते हैं। अगर यह समस्या लंबे समय तक रही तो शादी में दरार आ सकती है। आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं कि आखिर मर्द क्यों 'साइलेंट हसबैंड' बन जाते हैं और इससे आपकी मैरिड लाइफ में इंटिमेसी को कैसे नुकसान (Lack Of Intimacy) पहुंचता है।

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    कौन होते हैं साइलेंट हसबैंड?

    साइलेंट हस्बैंड का मतलब है ऐसा पति जो अपनी भावनाओं को जाहिर करने में कतराता है। वो कम बोलते हैं या बिल्कुल चुप रहते हैं। जब पत्नी अपने मन की बातें शेयर करती हैं तो उन्हें लगता है कि वो एकदम अकेले हैं। ये एकतरफा बातचीत की तरह लगता है। इस कम्युनिकेशन गैप की वजह से पत्नी को लगता है कि शायद उनका पति उन्हें समझता नहीं है। पति का चुप रहना पत्नी के लिए एक मिस्ट्री बन जाता है। वो ये जानना चाहती हैं कि उनके पति के मन में क्या चल रहा है। साथ में समय बिताने की कमी भी रिश्ते को कमजोर बनाती है और दोनों के बीच दूरियां बढ़ती जाती हैं।

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    क्यों बनते हैं साइलेंट हसबैंड?

    जनरल ऑफ सोशल एंड पर्सनल रिलेशनशिप के मुताबिक, 'साइलेंट हसबैंड' का मुद्दा समाज में लड़कों की परवरिश से गहराई से जुड़ा है। बचपन से ही लड़कों को यह सिखाया जाता है कि वे अपनी भावनाओं को दबाकर मजबूत बने रहें। उन्हें बार-बार बताया जाता है कि 'लड़के रोते नहीं', 'मर्द को दर्द नहीं होता', और 'तू तो मजबूत है, रो क्यों रहा है?'। इन सीमित मानदंडों के कारण, पुरुष अपनी भावनाओं को व्यक्त करना सीख नहीं पाते और उन्हें दबाने लगते हैं। इसलिए, जब वे पति बनते हैं तो उन्हें अपनी पत्नी के साथ खुलकर बातचीत करने में मुश्किल होती है।

    इंटिमेसी पर भी पड़ता है असर

    अगर पति-पत्नी के बीच बातचीत का पुल टूट जाए, तो उनके प्यार का समुद्र भी सूखने लगता है। कम्युनिकेशन की कमी, इमोशनल कनेक्शन को कमजोर करती है। जब भावनात्मक जुड़ाव कम होता है, तो प्यार और सम्मान की जड़ें भी डगमगाने लगती हैं। इस तरह, शादीशुदा जीवन का सबसे खूबसूरत पहलू - इंटिमेसी, धीरे-धीरे रिश्ते से गायब हो जाती है।

    साइलेंट हसबैंड से ऐसे करें डील

    अगर आपको लगता है कि आपके पति कम बोलने वाले हैं, तो चिंता न करें। कई पुरुषों के लिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का यह एक तरीका होता है। वे अपनी भावनाओं को आंखों, हावभाव और शारीरिक स्पर्श के माध्यम से दिखा सकते हैं। हो सकता है कि वे आपको उपहार दें या छोटे-छोटे ध्यान देने वाले काम करें।

    यह समझने के लिए कि आपका पति अपनी भावनाओं को कैसे व्यक्त करता है, आपको थोड़ा समय लग सकता है। आप एक-दूसरे के साथ समय बिताकर, एक-दूसरे को सुनकर, और एक-दूसरे की तारीफ करके उनके करीब आ सकते हैं। अगर आपको अभी भी मुश्किल हो रही है, तो आप रिलेशनशिप काउंसलर की मदद ले सकते हैं।

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