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    बात-बात पर बच्चों को डांटना छोड़ दीजिए, आपकी यह आदत मासूम की जिंदगी कर देती है तबाह

    Updated: Sat, 08 Feb 2025 01:23 PM (IST)

    बच्चों का दिल बहुत कोमल होता है। आपका तेज बोलना भी उनके दिल में दहशत पैदा कर देता है। यही वजह है कि बच्चों को हमेशा प्यार के साथ डील करना चाहिए। बता दें कि बच्चों की परेशानी सुनने के लिए आप एक अच्छे लिसनर होने चाहिए। आपकी सपोर्ट बच्चों को जिंदगी में कुछ अचीव करने के लिए मोटिवेट करती है।

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    हमेशा बच्चों की समस्याओं को सुनकर दूर करने का प्रयास करें। ( Pic Courtesy : Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बच्चों को डांटना एक आम बात है, लेकिन इसके परिणाम बहुत ही गंभीर हो सकते हैं। जब आप बच्चों को बात-बात पर डांटते हैं, तो इससे उनके आत्मविश्वास और आत्मसम्मान पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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    बच्चों को लगातार डांटना उनके जीवन पर काफी नकारात्मक प्रभाव छोड़ता है। आप अगर बच्चों को डांटने की आदत बना लेते हैं तो बच्चे हीनभावना के शिकार हो जाते हैं। इसलिए बच्चों को हमेशा प्यार से डील करें उन्हें बहुत ज्यादा डांटना आपके और उनके लिए घातक साबित हो सकता है।

      

    बच्चों को डांटने के नुकसान

    1. आत्मविश्वास की कमी: जब आप बच्चों को बात-बात पर डांटते हैं, तो इससे उनके आत्मविश्वास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वे अपने बारे में नकारात्मक सोचते हैं और अपनी क्षमताओं पर संदेह करने लगते हैं। ऐसा करके आप बच्चों का मनोबल तोड़ देते हैं। वे हमेशा हीनभावना से ग्रस्त रहते हैं। 

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    2. आत्मसम्मान की कमी: बच्चों को डांटने से उनके आत्मसम्मान पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वे अपने बारे में नकारात्मक सोचने लगते हैं। बच्चों के आत्मसम्मान में हमेशा कमी नहीं करनी चाहिए। जब आप उन्हें सबके सामने डांटते हैं तो वह खुद को लेकर निगेटिव सोच रखने लगते हैं।  

    3. भावनात्मक समस्याएं: बच्चों को डांटने से उनके भावनात्मक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वे चिंता, तनाव, और अवसाद में चले जाते हैं। वहीं बच्चों को डांटने से उनके व्यवहार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वे आक्रामक, असहयोगी, और अनुशासनहीन हो सकते हैं।

    बच्चों को डांटने के बजाय क्या करें

     बच्चों को प्रोत्साहन देने से उनके आत्मविश्वास और आत्मसम्मान पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आप बच्चों को डांटने की बजाए बच्चों को समझाने और सिखाने से उनके व्यवहार और क्षमताओं को पहचानने के लिए मोटिवेट करें। क्योंकि बच्चों के साथ धैर्य रखने से उनके व्यवहार और क्षमताओं में सुधार होता है। 

    बच्चों को प्यार और समर्थन देने से उनके भावनात्मक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जब आप बच्चों के साथ प्यार के साथ डील करते हैं तो वह आपकी बातों को बहुत अच्छे से सुनते हैं। वह आपके साथ अपने मन की बात और परेशानी बताने लगते हैं, लेकिन जब आप बच्चों को डांटते हैं तो वह आपसे दूर होने लगते हैं।

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