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    पेरेंट्स की ये गलतियां छीन लेती हैं बच्चों से उनका Confidence, आज से ही कर लें इनमें सुधार

    बच्चों के मन पर माता-पिता की बातों और उनके एक्शन्स का गहरा असर पड़ता है। हालांकि माता-पिता कई बार इस बात को समझ नहीं पाते हैं और पेरेंटिग से जुड़ी ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिनके कारण बच्चों का आत्मविश्वास कम होने लगता है। आज हम आपको ऐसी ही कुछ गलतियों के बारे में बताएंगे जो आपके बच्चे का कॉन्फीडेंस छीन सकती हैं।

    By Jagran News Edited By: Swati Sharma Updated: Mon, 23 Dec 2024 09:12 AM (IST)
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    कहीं अनजाने में बच्चे का कॉन्फिडेंस तो नहीं छीन रहे आप? (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Parenting Tips: बच्चों की परवरिश का मतलब सिर्फ उनकी शारीरिक जरूरतों को पूरा करना नहीं होता, बल्कि उनके मेंटल और मॉरल विकास में सहयोग करना भी होता है। ऐसे में माता-पिता को अपने बच्चों के लिए घर में एक पॉजिटिव और हेल्दी माहौल बनाना चाहिए, जिससे वे आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और सेंसिटिव बन सकें। इसके साथ ही सही परवरिश का मतलब है, बच्चों के इमोशन्स का भी सम्मान करना, उन्हें उनकी गलतियों से सीखाना और उनके सपनों का सम्मान करना। साथ ही, उन्हें पूरा करने में उनकी मदद करना।

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    पेरेंटिंग एक जिम्मेदारी है जो उनके भविष्य को संवारती है, लेकिन कई बार हम सब से कुछ ऐसी पेरेंटिंग से जुड़ी गलतियां हो जाती हैं जो बच्चे के आत्मविश्वास को कमजोर कर सकती हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।

    किन बातों से कम होने लगता है बच्चों का आत्मविश्वास?

    • आलोचना करना- बार-बार बच्चों की गलतियों पर टोकना उन्हें खुद पर संदेह करने के लिए मजबूर करता है। इससे वे खुद को किसी काम के लिए अयोग्य महसूस करने लगते हैं और किसी भी काम को करने की इच्छा खो देते हैं।

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    • तुलना करना- दूसरे बच्चों से तुलना करने से बच्चे में हीन भावना और ईर्ष्या पनपती है। यह उनके आत्मविश्वास को तोड़ता है। इसलिए बच्चे की तुलना कभी नहीं करनी चाहिए, बल्कि उन्हें प्रोत्साहित करते रहना चाहिए। इससे उन्हें आत्मबल मिलता है।
    • भावनाओं को नजरअंदाज करना- बच्चों की भावनाओं को समझना और एक्सेप्ट करना जरूरी है। उनकी भावनाओं को नकारने से वे खुद को कम महत्व का समझने लगते हैं। बच्चे की भावनाओं की कद्र करना जरूरी है।
    • ज्यादा सुरक्षा करना- बच्चों की हर समस्या को खुद हल करना उन्हें आत्मनिर्भर बनने में बाधा डालता है। यह उनके आत्मविश्वास को कम करता है। बच्चों को कुछ फैसले खुद लेने देना चाहिए।
    • सिर्फ गलतियां बताना- बच्चों की उपलब्धियों को सराहना जरूरी है। केवल नेगेटिव बातें कहने से उनका मनोबल गिरता है।
    • रुचियों को दबाना- बच्चों की पसंद को नजरअंदाज करना उनके आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचाता है। बच्चों की जिस चीज में दिलचस्पी है उन्हें उसे आजमाने देना चाहिए और उन्हें आगे बढ़ने में मदद करनी चाहिए।

  • बिना समझाए सजा देना- सजा देने से पहले कारण समझाना जरूरी है। बिना वजह जानें बच्चों को सजा देना, उन्हें असुरक्षित महसूस कराती है।
  • फर्स्ट आने का दबाव डालना- बच्चों पर हमेशा सबसे बेहतर बनने का दबाव डालना उनमें असफलता का डर पैदा करता है।
  • समय न देना- बच्चों को समय और ध्यान न देना उनके मन में अकेलेपन और असुरक्षा की भावना पैदा करता है।
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