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    बच्चे को हो रहा है बार-बार पेट या सिरदर्द, तो हो जाएं सावधान; हो सकता है एंग्जायटी का संकेत

    बच्चों का मन काफी कोमल और चंचल होता है। छोटी-सी बात या कोई घटना उनके मन में घर कर जाती है तो कई बार एंग्जायटी की कारण बन सकती है। हालांकि इसकी पहचान बच्चों में करना बेहद मुश्किल होता है। ऐसे में कुछ संकेतों (Anxiety Symptoms in Children) की मदद से आप अपने बच्चों में इसकी पहचान कर सकते हैं।

    By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Thu, 20 Mar 2025 08:39 PM (IST)
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    ऐसे करें बच्चों में एंग्जायटी की पहचान (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अगर आपका बच्चा किसी काम को करने से पहले घबराए, उसकी हथेलियां पसीने से भीग जाए या लोगों से मिलने-जुलने से वो कतराने लगे तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। बच्चे अपनी एंग्जायटी (Anxiety Symptoms in Children) के बारे में बात करना चाहते हैं, लेकिन कई बार पेरेंट्स ही उनकी बातों को अनसुना कर देते हैं।

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    अगर बच्चे में एंग्जायटी की इस समस्या का तुरंत पता लगाकर इलाज न किया जाए तो आगे चलकर गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। लखनऊ की चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट नम्रता सिंह से जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-

    गुस्सैल हो जाते हैं बच्चे

    अगर बच्चे में एंग्जायटी की समस्या की तुरंत पहचान न की जाए तो उसका असर उनके बिहेवियर पर पड़ता है। वे गुस्सैल हो जाते हैं किसी भी काम को करने से पहले घबरा जाते हैं या झुंझलाते हैं।

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    तैयारी के बावजूद एग्ज़ाम नहीं देना चाहते

    एंग्जायटी की समस्या से गुजर रहे बच्चों में एग्ज़ाम को लेकर काफी बैठ जाता है। उनकी तैयारी अच्छी होने के बावजूद उन्हें लगता है वे अच्छा नहीं कर पाएंगे। कई बार तो वो एग्ज़ाम ना देने के बहाने ढूंढते हैं या उससे बचने की कोशिश करते हैं। उन्हें खुद पर भरोसा नहीं होता कि वे अच्छा परफॉर्म कर पाएंगे।

    घर से बाहर जाने में होती है घबराहट

    बच्चे घर से बाहर निकलने से कतराते हैं। किसी पार्टी में, किसी रिश्तेदार के यहां जाने से बचते हैं और कई बार शॉपिंग पर भी जाने से मना कर देते हैं। उन्हें स्कूल जाने की भी इच्छा नहीं होती और ना ही अपने दोस्तों से मिलने की।

    भूख और नींद कम हो जाती है

    एंग्जायटी का असर बच्चे की नींद और भूख पर भी पड़ता है। पहले बच्चा जिन खेलों या एक्टविटीज में हिस्सा लेने में आगे रहता था वो उसमें भाग लेने से पीछे हट जाता है। सिंगिंग, डांसिंग या ड्राइंग जैसी उनकी मनपसंद एक्टिविटीज में भी उनका मन लगना बंद हो जाता है।

    ये लक्षण साफ नजर आते हैं

    पेरेंट्स कैसे पहचानें

    • बच्चा जिन कामों को करने में पहले दिलचस्पी दिखाता था अब उसे करना बोझ लगने लगे।
    • किसी भी काम को शुरू करने से पहले ही बच्चा कहने लगे कि ये मुझसे नहीं होगा।
    • बच्चा बार-बार बीमार पड़ने लगे और रात में नींद भी कम आए
    • बच्चा बाहर जाने से मना करने लगे
    • किसी से मिलने-जुलने में असहजता महसूस करे
    • काम को ना करने के नए-नए बहाने बनाए

    क्या करें पेरेंट्स

    जब पेरेंट्स को लगने लगे कि बच्चे के व्यवहार में बदलाव हो रहा है तो उनसे ज्यादा से ज्यादा बात करने की कोशिश करें। यह जानने का प्रयास करें कि आखिर उनका बच्चा किस बात को लेकर परेशान हो रहा है। उनकी बातों को बेफिजूल मानकर ना टलें। उन्हें ऐसा महसूस कराएं कि उनके पेरेंट्स हर स्थिति में उनका साथ देंगे। बच्चे के आस-पास ही रहें और उन्हें कम्फर्टेबल करने की कोशिश करें। उनकी डाइट का भी भरपूर ध्यान रखें, खासकर लिक्विड डाइट दें। अगरबच्चे की सेहत पर एंग्जायटी का असर ज्यादा नजर आने लगे तो देर ना करें, किसी अच्छे साइकोलॉजिस्ट या काउंसलर से बात करें।

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