इस New Year बच्चों को करें Resolution लेने के लिए प्रेरित, साथ मिलकर ऐसे में पूरा करें संकल्प
कुछ ही दिनों नया साल आने वाला है। आने वाले नए साल के स्वागत के साथ ही लिए जाते हैं कुछ संकल्प। क्यों न इस बार एक जैसा संकल्प ले परिवार जिसे साथ मिलकर पूरा करने के लिए हों एक साथ प्रयास। कैसे परिवार मदद कर सकता है इस परंपरा को पूरा करने में बता रही हैं पैरेंटिंग इन्फ्लुएंसर अंबिका अग्रवाल।
नई दिल्ली। कैलेंडर बदलने वाला है यानी आने वाला है। वो समय जब आप एक बार फिर प्रेरित होते हैं, जीवन में कुछ नया करने या परिवर्तन लाने के लिए। प्रण और संकल्प लिए जाते हैं। कोशिशों का दौर शुरुआती दिनों तक तो सही ट्रैक पर रहता है, मगर समय के साथ यह स्मृतियों में भी धुंधला पड़ जाता है। बतौर पैरेंट्स आपको यह बात जरूर खलती होगी कि बच्चे तय लक्ष्यों को बीच में ही छोड़ देते हैं। ऐसे में आपकी फटकार उन्हें और बुरी लगने लगती है, क्योंकि वे स्वयं भी उस ग्लानि में होते हैं कि उनका लक्ष्य अब पूरा नहीं हो पाएगा। तो क्यों न इस बार उन्हें लक्ष्यों को छोड़ने के लिए फटकार लगाने के बजाय दें अपना साथ!
इस वर्ष निजी संकल्पों के साथ ही कुछ ऐसे संकल्प भी लें, जिसमें परिवार का हर सदस्य शामिल हो। सामूहिक संकल्प की शक्ति को समझें और परिवार के तौर पर आगे आएं। जिन लक्ष्यों की उम्मीद कर रहे हैं, उनसे जुड़ी आदतें पहले स्वयं अपनाएं, जिन्हें आप बच्चों में देखना चाहते हैं। इससे एक सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि अगर कोई इस लक्ष्य की पूर्ति में लड़खड़ाया, तो परिवार के बाकी सदस्य साथ रहेंगे, जिससे मनोबल टूटने से बचेगा। जब परिवार साथ होगा तो यह भी तय है कि इसमें हार नहीं होगी। भले ही साल के अंत में संकल्प टूट जाएं, मगर परिवार की बांडिंग मजबूत जरूर हो जाएगी।
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साथ से बनेगी बात
इस नए साल पर एक ऐसा संकल्प लें जो पूरे परिवार को खुशहाल बना सके। ताकि अगर कोई डगमगाए तो दूसरा मदद का हाथ बढ़ाए न कि तंज करकर सामने वाले व्यक्ति के प्रयास को भी ध्वस्त कर दे। इसके लिए छोटे मगर मजबूत प्रण लें। जैसे इस वर्ष आप जंक फूड खाने या बिना सोचे-समझे डिजिटल पेमेंट करने जैसी आदतों को नियंत्रित करने का प्रयास करेंगे या समय प्रबंधन की ओर कदम बढ़ाएंगे या फिर डिजिटल डिटाक्स के लिए अतिरिक्त सतर्क होंगे। ऐसी ही कई आदतें होंगी, जिसके लिए आप सभी एक-दूसरे को अक्सर टोकते अवश्य होंगे। अगर टोकने की जगह आप स्वयं उस व्यक्ति के साथ मिलकर प्रण लेंगे तो यह उन्हें भी प्रेरित करेगा। यह संकल्प दोष देने या किसी को नीचा दिखाने का नहीं है। यह एक-दूसरे के साथ सीखने और बेहतर बनने का अवसर है।
देखने को मिलेंगे अद्भुत बदलाव
उदाहरण के लिए, अगर आप एक-दूसरे से सम्मान के साथ बात करने का प्रण लेते हैं, तो जब आप पहले दिन से ऐसा करना शुरू करेंगे, बच्चे के साथ पूरे सम्मान से बात करेंगे, तो वह आपको नई उम्मीद से देखेगा। उसकी आंखों में चमक दिखेगी कि उसे सुना जा रहा है। शायद वह मुस्कुरा दे, शायद वह थोड़ा चौंक जाए, लेकिन उस पल से उसकी भावनाओं को पहली बार आपकी बातों में घर मिलेगा। सात दिनों तक सम्मानपूर्वक बात करने के बाद बच्चा सहज महसूस करने लगेगा। वह अपनी छोटी-छोटी चिंताएं, डर और खुशियां बेझिझक आपके साथ साझा करेगा। अगर वह स्कूल में किसी से डरा हुआ था, तो वह बताने की हिम्मत करेगा। अगर उसने कुछ नया सीखा है, तो गर्व से आपको बताएगा।
इस दौरान, वह आप पर पहले से ज्यादा भरोसा करना शुरू करेगा। एक महीने तक लगातार सम्मान से बात करने का असर आपके बच्चे के व्यवहार में साफ झलकेगा। आपका बच्चा खुद भी आपके जैसा व्यवहार करना सीखेगा। वह छोटी-छोटी बातों में थैंक्यू, सॉरी और प्लीज जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने लगेगा। वह न केवल अपने भाई-बहनों और दोस्तों के प्रति अधिक विनम्र होगा, बल्कि उसके शब्दों में मिठास भी अधिक होगी।
इस तरह घर के माहौल में सकारात्मक ऊर्जा आएगी। आप यह देख पाएंगे कि प्यार और सम्मान का असर कितनी गहराई तक पहुंच चुका है। 365 दिन बाद आपका और आपके बच्चे का रिश्ता पूरी तरह बदल चुका होगा। वह न केवल आपसे हर बात शेयर करेगा, बल्कि आपको अपना सबसे अच्छा दोस्त भी मानेगा। आपके बीच का हर संवाद प्यार, विश्वास और सम्मान से भरा होगा। बच्चे के आत्मविश्वास में जबरदस्त वृद्धि होगी, क्योंकि अब उसे पता है कि उसे घर में हमेशा समझा जाएगा। सबसे बड़ी बात यह होगी कि यह आदत सिर्फ बच्चे तक सीमित नहीं रहेगी। सम्मान की यह परंपरा पूरे घर का हिस्सा बन जाएगी।
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