Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्कूल से लौटे बच्चे से भूलकर भी न पूछें 5 सवाल, आपकी यह आदत उन्हें बना सकती है एंग्जायटी का शिकार

    कई बार माता-पिता अनजाने में स्कूल से लौटे बच्चों से ऐसे सवाल पूछ बैठते हैं जो उन पर बुरा असर डाल सकते हैं और उन्हें चिंता एंग्जायटी का शिकार बना सकते हैं। जी हां कई बार आपकी अच्छी नीयत भी बच्चे के लिए स्ट्रेस की वजह बन सकती है। इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि स्कूल से आने के बाद बच्चों से किन सवालों को पूछने से बचना चाहिए।

    By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Mon, 21 Apr 2025 09:17 PM (IST)
    Hero Image
    स्कूल से लौटकर घर आता है बच्चा, तो भूलकर भी न पूछें 5 सवाल (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Parenting Tips: हर मां-बाप का दिल चाहता है कि उनका बच्चा खुश रहे, आगे बढ़े और जीवन में सफल हो। स्कूल से लौटते ही हम बच्चे से ढेर सारे सवाल पूछने लगते हैं, जैसे- आज क्या हुआ, कौन-कौन नंबर लाया, टीचर ने कुछ कहा तो नहीं? ऐसे में, क्या आपने कभी सोचा है कि ये सवाल बच्चों को जानकारी देने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें मानसिक दबाव में डालने का काम भी कर सकते हैं?

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दरअसल, बच्चे स्कूल से लौटते वक्त थक चुके होते हैं- मानसिक रूप से भी और शारीरिक रूप से भी। ऐसे में, अगर उन पर सवालों की बौछार कर दी जाए, तो वे ना सिर्फ चिड़चिड़े हो जाते हैं, बल्कि धीरे-धीरे उनमें एंग्जायटी यानी बेचैनी और मानसिक तनाव की आदत भी विकसित हो सकती है। आइए जानते हैं वो कौन से 5 सवाल (what not to ask kids after school) हैं जो स्कूल से लौटे बच्चे से भूलकर भी नहीं पूछने चाहिए और क्यों।

    पहला सवाल: आज स्कूल में क्या हुआ?

    क्यों न पूछें: बच्चा पूरा दिन स्कूल में बिताकर लौटा है। वह खुद भी नहीं जानता कि पूरे दिन में ऐसा क्या हुआ जो बताने लायक है। यह सवाल बच्चे को मजबूर कर सकता है कि वो हर छोटी बात को याद करे और दोहराए- जो उसे थकावट में और ज्यादा बोझ महसूस करवा सकता है।

    इसके बजाय बच्चे को कुछ समय दें। उसे रिलैक्स होने दें। जब वह खुद कुछ बताना चाहे, तब ध्यान से सुनें।

    दूसरा सवाल: कितने नंबर आए?

    क्यों न पूछें: हर बच्चा हर विषय में अव्वल नहीं हो सकता। अगर हम रोज नंबर या ग्रेड की बात करेंगे, तो बच्चा खुद को केवल एक ‘अंक’ समझने लगेगा। धीरे-धीरे उसे ये डर सताने लगेगा कि अगर नंबर अच्छे नहीं आए, तो मम्मी-पापा नाराज हो जाएंगे।

    बच्चे की कोशिशों की तारीफ करें, रिजल्ट की नहीं। कहें- "तुमने मेहनत की, ये सबसे बड़ी बात है।"

    यह भी पढ़ें- बच्चों को बनाना है जिम्मेदार और मेहनती, तो खेल-खेल में उन्हें ऐसे सिखाएं अच्छी आदतें

    तीसरा सवाल: किसने सबसे ज्यादा नंबर लाए?

    क्यों न पूछें: इस सवाल में छिपा होता है एक गहरा संकेत, कि हम तुम्हारी तुलना दूसरों से कर रहे हैं। इससे बच्चे के मन में हीन भावना पैदा हो सकती है और वह खुद को कमतर समझने लगता है।

    बच्चे को सिखाएं कि सफलता का मतलब दूसरों से बेहतर होना नहीं, बल्कि खुद से बेहतर बनना है।

    चौथा सवाल: टीचर ने डांटा तो नहीं?

    क्यों न पूछें: इस सवाल से लगता है कि माता-पिता को भरोसा नहीं है कि बच्चा स्कूल में सही बरताव करता है। इससे बच्चे को यह महसूस होता है कि वो हमेशा शक के घेरे में है।

    ऐसा पूछने की जगह, पूछें- “आज सबसे मजेदार पल कौन-सा था स्कूल में?” इससे बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ेगी।

    पांचवां सवाल: कुछ छिपा रहे हो क्या?

    क्यों न पूछें: हर बच्चा हर दिन खुलकर बातें नहीं कर सकता। कई बार वो बस शांत रहना चाहता है। ऐसे में, जब आप बार-बार पूछते हैं, तो वो उलझन महसूस करता है और उसे लगता है कि ‘कुछ तो बोलना पड़ेगा’, वरना मम्मी-पापा नाराज हो जाएंगे।

    बच्चे को स्पेस दें। उसे भरोसा दिलाएं कि जब वो चाहे, बात कर सकता है और आप उसे जज नहीं करेंगे।

    इन बातों का रखें ध्यान

    • स्कूल से लौटने के बाद 30 मिनट तक बच्चा जो चाहे वो करने दें। उसे खेलने दें, खाना खाने दें या बस लेटने दें।
    • बातचीत का माहौल बनाएं। जब बच्चा खुद सहज महसूस करे, तब धीरे-धीरे बातों का सिलसिला शुरू करें।
    • खुद से भी शेयर करें। उसे बताएं कि आपका दिन कैसा रहा। इससे वह खुद भी अपनी बातें खोलने लगेगा।
    • गले लगाएं, सिर सहलाएं। ये छोटे-छोटे इमोशनल इशारे, बच्चों की एंग्जायटी दूर करने में कमाल करते हैं।

    यह भी पढ़ें- गुस्से में भी बच्चों से नहीं कहनी चाहिए 5 बातें, वरना अनजाने में ही जिंदगी भर का चोट दे बैठेंगे आप