NATO: क्या आप भी बेफिक्र होकर करना चाहते हैं डेटिंग, तो जानें क्या है डेटिंग का नया ट्रेंड नाटो
अक्सर किसी को डेट करते समय हमारे दिमाग में बस यही चिंता रहती है कि आगे क्या होगा क्या इस इंसान के साथ हमारा कोई भविष्य है? ऐसे कई सवाल हमारे दिमाग में घूमते रहते हैं लेकिन Gen-Z के इस डेटिंग ट्रेंड में वे इन सभी परेशानियों के बारे में सोंचे बिना नए अनुभवों पर ध्यान देना चाहते हैं। जानें क्या है ये नई डेटिंग तकनीक नाटो।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। NATO: बदलते समय के साथ- साथ, हमारी कितनी ही आदतें बदलती रहती हैं। हमारा रहन-सहन, खान-पान, बात-चीत करने का तरीका और इतना ही नहीं, बल्कि हमारी डेटिंग के तरीके में भी काफी बदलाव देखे जा सकते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। लाइफस्टाइल से लेकर बदलती पीढ़ी के नए तौर-तरीके कुछ हो सकते हैं। हालांकि, डेटिंग का मकसद अभी भी अपने लिए एक हमसफर ढूंढ़ना ही है, लेकिन Gen-Z ने इसके साथ-साथ इसमें अपनी नई खूबसूरत यादों और अनुभवों को भी उतनी ही तवज्जो देने का फैसला किया है। इस नई डेटिंग के तरीके को नाटो कहा जाता है। दरअसल नाटो ( NATO) नॉट अटैच्ड टू एन आउटकम (Not Attached To an Outcome) का शॉर्ट फॉर्म है। अगर आप अभी तक नहीं समझ पाएं हैं कि क्या है नाटो, तो आइए जानते हैं, जेन-जी को क्यों इस डेटिंग के तरीके की जरूरत पड़ी और क्या यह डेटिंग का एक बेहतर तरीका हो सकता है।
क्या है NATO?
नाटो डेटिंग का एक ऐसा तरीका है, जिसमें लोग बिना रिज्लट की चिंता किए, नए अनुभवों के लिए ज्यादा उत्सुक होते हैं। दरअसल, टिंडर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 18-25 साल तक के युवा, अपने रिलेशनशिप स्टेटस को अभी भी एक्सप्लोर कर रहे हैं। इस कारण से, वे बिना किसी अपेक्षा के दबाव के नए लोगों से मिलना चाहते हैं और अपने रिश्ते और साथ ही खुद को भी एक्सप्लोर करना चाहते हैं। इस डेटिंग का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि जेन-जी रोमांटिक इंटरेस्ट नहीं रखती। वे अपने लाइफ पार्टनर को चुनने से पहले, अभी काफी कुछ एक्सप्लोर करना चाहते हैं ताकि अंत में सही फैसला ले सके।
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इस डेटिंग में बिना किसी लेबल के नए लोगों को जानना और उनसे कैसे जुड़ सकते हैं, क्या आप उनके साथ कंपैटिबल है या नहीं, आप इस रिश्ते से क्या चाहते हैं, ये सभी जरूरी बातें सोचने और समझने का मौका मिल सकता है। इस डेटिंग ट्रेंड में आप, आगे चलकर क्या होगा, क्या कोई हैप्पी एंडिंग होगी इस स्टोरी कि या नहीं, ये सभी बातें सोचे बिना खुद को नई चीजें और नए लोगों को एक्सप्लोर करने का मौका देते हैं। समाज के दिए हुए लेबल्स से ऊपर उठकर, वे रोमांटिक रिलेशन को चेक लिस्ट न समझकर बल्कि नई यादे बनाने का एक अवसर समझकर आगे बढ़ रहे हैं। इस डेटिंग ट्रेंड से यह साफतौर पर समझा जा सकता है कि Gen-Z अपनी कहानी की एंडिंग के बारे में फिक्र करने से जयादा अपनी कहानी के सफर पर ध्यान देना चाहती है।
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