बच्चों को बात-बात पर आता है गुस्सा, तो उन्हें कंट्रोल करने के लिए जरूर करें 10 काम
अगर आपका बच्चा जल्दी गुस्सा होता है तो पेशेंस और समझदारी से उसे संभालें। सबसे पहले उसके गुस्से के पीछे की वजह समझें और उससे खुलकर बात करें। बच्चों के गुस्से को अगर कंट्रोल न किया जाए और उन्हें समझाया न जाए तो यह आगे चलकर परेशानी की वजह बन सकता है। आइए जानें अगर बच्चा शॉर्ट टेंपर है तो कैसे उन्हें हैंडल करें।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बच्चों का गुस्सा करना एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन अगर वे बार-बार छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़े हो जाते हैं या जल्दी गुस्सा करने लगते हैं, तो यह शॉर्ट टेम्पर (कम सहनशीलता) होने का संकेत हो सकता है।
कई पैरेंट्स इस कंडीशन को लेकर टेंशन में रहते हैं, लेकिन ऐसे में उन्हें डांटने या जबरदस्ती शांत करने से समस्या और बढ़ सकती है। बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन देने से उनमें धैर्य और इमोशनल बैलेंस का विकास होता है। शॉर्ट टेंपर या जल्दी गुस्सा होने वाले बच्चों को हैंडल करने के लिए हम कुछ टिप्स बता रहे हैं। आइए जानें।
कैसे करें शॉर्ट टेंपर बच्चों को हैंडल?
- धैर्य और समझदारी से काम लें- बच्चों का बिहेवियर अक्सर माता-पिता से प्रभावित होता है। अगर आप खुद धैर्य और शांति बनाए रखेंगे, तो बच्चा भी वैसा ही सीखेगा। उसे डांटने के बजाय प्यार से समझाने की कोशिश करें।
- गुस्से की असली वजह जानें- बच्चों का गुस्सा कई कारणों से हो सकता है, जैसे- भूख, थकान, नींद की कमी, असुरक्षा या भावनात्मक असंतुलन। जब भी बच्चा गुस्सा करे, तो पहले यह समझें कि आखिर इसकी असली वजह क्या है और उसे दूर करने की कोशिश करें।
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- बातचीत को बढ़ावा दें- बच्चों को अपने इमोशंस को शब्दों में जाहिर करने के लिए प्रेरित करें। उनसे खुलकर बात करें और उन्हें सिखाएं कि गुस्सा आना नॉर्मल ह्यूमन नेचर है, लेकिन इसे सही तरीके से व्यक्त करना जरूरी है।
- उनकी एनर्जी को सही दिशा में लगाएं- बच्चों की एक्स्ट्रा एनर्जी को खेल-कूद, दौड़, योग, साइकिलिंग या अन्य क्रिएटिव एक्टिविटीज में लगाएं।
- डीप ब्रीदिंग की टेक्नीक सिखाएं- जब बच्चा गुस्सा करे, तो उसे कुछ सेकंड तक गहरी सांस लेने के लिए कहें। यह तरीका तनाव कम करने में बहुत प्रभावी होता है।
- स्क्रीन टाइम सीमित करें- ज्यादा मोबाइल, टीवी या वीडियो गेम देखने से बच्चे चिड़चिड़े हो सकते हैं। स्क्रीन टाइम को सीमित करें और उन्हें किताबें पढ़ने, पेंटिंग जैसे कामों के लिए प्रेरित करें।
- हर काम के लिए डेली रूटीन बनाएं- बच्चों की दिनचर्या व्यवस्थित होनी चाहिए, जिसमें पर्याप्त नींद, बैलेंस्ड डाइट और खेलने-कूदने का समय शामिल हो।
- अच्छे व्यवहार को इंकरेज करें- जब बच्चा शांत तरीके से व्यवहार करे, तो उसकी सराहना करें। इससे उसे पॉजिटिव बिहेवियर अपनाने में मदद मिलेगी।
- गुस्से को निकालने के हेल्दी तरीके सिखाएं- अगर बच्चा गुस्से में चीजें फेंकता है या मारपीट करता है, तो उसे कुछ पॉजिटिव ऑप्शन दें, जैसे- ड्रॉइंग करना, गाने सुनना या टहलने जाना।
- प्यार और सुरक्षा का एहसास कराएं- कई बार बच्चे खुद को असुरक्षित महसूस करके गुस्सा करते हैं। ऐसे में उन्हें यह एहसास कराएं कि आप हमेशा उनके साथ हैं।
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