प्यार-रोमांस नहीं, अब दोस्ती से चल रही है शादी! दिलचस्प है Friendship Marriage का अनोखा कॉन्सेप्ट
क्या आपने कभी Friendship Marriage के बारे में सुना है? यह एक ऐसा रिश्ता है जहां दो लोग सिर्फ इसलिए शादी करते हैं क्योंकि वे बहुत अच्छे दोस्त हैं और एक-दूसरे के साथ जिंदगी बिताना चाहते हैं। जी हां इसमें प्यार या रोमांस जैसी फीलिंग्स शामिल नहीं होती हैं। बता दें जापान में यह चलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। आइए विस्तार से इसके बारे में जानते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। शादी का नाम सुनते ही ज्यादातर लोगों के मन में प्यार, रोमांस और भावनात्मक जुड़ाव की तस्वीर उभरती है, लेकिन क्या आपने कभी ऐसी शादी के बारे में सुना है जिसमें न तो रोमांस हो, न ही फिजिकल अट्रैक्शन, बल्कि सिर्फ गहरी दोस्ती हो? बता दें, जापान में इन दिनों ऐसा ही एक नया चलन तेजी से बढ़ रहा है, जिसे कहा जाता है Friendship Marriage यानी दोस्ती वाली शादी।
क्या है दोस्ती वाली शादी का कॉन्सेप्ट?
फ्रेंडशिप मैरिज का मतलब है- दो ऐसे लोगों का साथ आना, जो एक-दूसरे के साथ इमोशनल कनेक्शन से जुड़ाव महसूस करते हैं, लेकिन उनके बीच कोई रोमांटिक या फिजिकल अट्रैक्शन नहीं होता (Modern Marriage Concepts)। यह रिश्ता पूरी तरह दोस्ती, समझदारी और जीवन में स्थिरता की भावना पर आधारित होता है।
जापान में कई लोग अब इस नए रिश्ते के मॉडल को अपना रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2015 से अब तक लगभग 500 लोग ऐसी शादियों में बंध चुके हैं। दिलचस्प बात यह है कि इन शादियों में कपल्स शादी से पहले ही कई व्यावहारिक बातें खुलकर तय कर लेते हैं- जैसे खाने की पसंद, घर के खर्च, भविष्य की योजनाएं, बच्चों की परवरिश का तरीका और यहां तक कि घरेलू जिम्मेदारियों का बंटवारा भी।
कौन लोग करते हैं ऐसी शादी?
फ्रेंडशिप मैरिज का चलन उन लोगों के बीच ज्यादा देखा जा रहा है जो या तो एसेक्शुअल (यानी जिन्हें यौन आकर्षण महसूस नहीं होता) या होमोसेक्शुअल (जो समान लिंग की ओर आकर्षित होते हैं) हैं। इनके लिए यह व्यवस्था एक सुरक्षित और सम्मानजनक विकल्प साबित हो रही है, जहां समाज की पारंपरिक उम्मीदों के बिना भी वे एक स्थायी रिश्ता बना सकते हैं।
क्यों बढ़ रहा है यह ट्रेंड?
इस तरह की शादी के लोकप्रिय होने के कई सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कारण हैं:
सामाजिक दबाव से राहत
जापान जैसे देशों में शादी और बच्चों को लेकर काफी सामाजिक दबाव होता है। ऐसे में बहुत से लोग ‘फ्रेंडशिप मैरिज’ को एक आसान रास्ता मानते हैं, जहां वे शादी भी कर लेते हैं लेकिन बिना रोमांटिक फीलिंग के।
साथ और अपनेपन की चाह
बहुत से लोग अकेलेपन से जूझ रहे हैं। ऐसे में उन्हें एक ऐसा साथी चाहिए जिसके साथ वे जीवन की जिम्मेदारियां और खुशियां बांट सकें। यह शादी उन्हें वह साथी देती है, जो दोस्त भी है और परिवार जैसा सहारा भी।
पारंपरिक विवाह से मोहभंग
कई युवा अब पारंपरिक शादी की अवधारणा से थक चुके हैं। रिश्तों में अपेक्षाएं और निराशाएं बढ़ने के कारण वे अब एक सिंपल रिश्ते की तलाश में हैं, जिसमें जरूरत से ज्यादा भावनात्मक बोझ न हो।
कम उम्मीदें, ज्यादा शांति
इस तरह की शादियों में लोग एक-दूसरे से बहुत ज्यादा उम्मीदें नहीं रखते। नतीजा यह होता है कि रिश्ते में झगड़े और निराशा भी कम होती है।
सरकारी लाभ
जापान में शादीशुदा लोगों को टैक्स में कुछ विशेष रियायतें भी मिलती हैं। यह वजह भी लोगों के इस फैसले को प्रभावित करती है।
समझदारी बनती है रिश्ते की बुनियाद
फ्रेंडशिप मैरिज को अगर सरल शब्दों में समझें तो यह किसी भरोसेमंद ‘रूममेट’ के साथ जीवन बिताने जैसा है, जिसके साथ आप सेफ और कम्फर्टेबल फील करते हैं। यह रिश्ता प्यार से नहीं, बल्कि आपसी समझ, सम्मान और सुविधा से संचालित होता है।
ऐसे रिश्ते में न तो भावनात्मक दबाव होता है, न ही सामाजिक दिखावे की चिंता। दोनों साथी अपनी निजी सीमाओं के साथ रहते हुए भी एक-दूसरे के जीवन का अहम हिस्सा बने रहते हैं।
क्या बदल रहा है शादी का मतलब?
आज की तेज-रफ्तार जिंदगी में जहां लोग अपने करियर, पर्सनल फ्रीडम और मानसिक शांति को प्राथमिकता देने लगे हैं, वहीं ‘फ्रेंडशिप मैरिज’ जैसे मॉडल उन्हें एक संतुलित विकल्प दे रहे हैं। यह उन लोगों के लिए एक रास्ता है जो पारंपरिक प्रेम या वैवाहिक ढांचे में फिट नहीं बैठते, लेकिन कम्पैनियनशिप यानी साथ चाहते हैं।
शायद आने वाले समय में यह विचार दुनिया के दूसरे देशों में भी चर्चा का विषय बने, क्योंकि आखिरकार हर इंसान को जीवन में किसी न किसी रूप में साथी की जरूरत तो होती ही है। ‘दोस्ती वाली शादी’ हमें यह सिखाती है कि हर रिश्ता प्रेम या रोमांस पर आधारित होना जरूरी नहीं। कभी-कभी आपसी सम्मान, भरोसा और साथ ही एक खुशहाल जिंदगी की नींव रख सकते हैं।
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