सिर्फ चिल्लाना ही नहीं, बल्कि और भी कई तरीकों से होता है अपमान, ये 7 गलतियां कर देंगी रिश्ता बर्बाद
अक्सर लोग मानते हैं कि किसी के साथ ऊंची आवाज में बात करना या उस पर हाथ उठाना ही अपमानजनक होता है। लेकिन ऐसा नहीं है। कई बार बहुत छोटी-छोटी बातें (Signs of Disrespect) भी गहरा अपमान कर देती हैं। आइए जानें ऐसी ही 7 बातों के बारे में जो किसी भी व्यक्ति के लिए काफी अपमानजनक होती हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अक्सर लोग मान लेते हैं कि अपमान केवल तब होता है, जब कोई ऊंची आवाज में डांटता या चिल्लाता है। लेकिन सच यह है कि अपमान कई और तरीकों (Signs of Disrespect) से भी किया जा सकता है, कभी जानबूझकर, तो कभी अनजाने में।
ऐसे व्यवहार रिश्तों को खोखला बना देते हैं और सामने वाले के आत्मसम्मान को गहराई से चोट पहुंचाते हैं। आइए जानते हैं वे 7 आम बातें, जो बिना गाली-गलौज या चिल्लाने के भी अपमानजनक होती हैं।
डिजिटल मल्टीटास्किंग करना
बातचीत के दौरान मोबाइल पर चैट करना या मेल टाइप करना सामने वाले को यह इशारा देता है कि वह आपके लिए जरूरी नहीं है। यह बर्ताव भले ही आम लग सकता है, लेकिन यह गहरा अपमान साबित होता है और रिश्तों में दूरी लाता है।
दूसरों का समय बर्बाद करना
किसी से मिलने का समय तय करके देर से पहुंचना या उन्हें लंबे समय तक इंतजार करवाना केवल लापरवाही नहीं बल्कि अपमानजनक भी है। समय की पाबंदी न केवल विश्वास बढ़ाती है, बल्कि आपकी विश्वसनीयता को भी मजबूत करती है।
किसी की अवहेलना करना
सोशल मीडिया के दौर में किसी से लगातार जुड़े रहना और फिर अचानक उसे नजरअंदाज करना बहुत आम हो गया है। बिना किसी वजह बताए मैसेज और कॉल का जवाब न देना सामने वाले का अपमान है। मजबूत रिश्तों के लिए ईमानदारी से बातचीत करना जरूरी है।
बेमन तारीफ करना
कभी-कभी तारीफ के नाम पर की गई घुमाकर आलोचना भी अपमान बन जाती है। जैसे- “इतने कम दिनों में प्रमोशन? हैरत की बात है।” यह सुनने में प्रशंसा लगे लेकिन असल में यह नीचा दिखाने का तरीका है। सच्ची तारीफ हमेशा साफ और दिल से होनी चाहिए।
भावनाओं को न समझना
हर इंसान अपनी भावनाएं अलग तरह से व्यक्त करता है। किसी के दुख या डर को यह कहकर टाल देना कि “इसमें परेशान होने वाली क्या बात है?” उसकी भावनाओं को नकारना है। यह व्यवहार सामने वाले को अपमानित महूसस कराता है।
उपलब्धियों को कम आंकना
किसी की सफलता को हल्के में लेना भी अपमान का रूप है। जैसे- “पेपर आसान रहा होगा तभी पूरे नंबर आए।” यह टिप्पणी सामने वाले की मेहनत को कमतर कर देती है। सचमुच में खुशी जताना आपकी पॉजिटिव इमेज बनाता है।
दूसरों की बात काटना
किसी को बोलते समय बीच में टोकना या उनकी राय को नजरअंदाज करना यह दिखाता है कि आपको उनकी बात की परवाह नहीं। इससे न केवल सामने वाले को बुरा लगता है, बल्कि आपकी छवि भी घमंडी और इंसेंसिटिव बनती है।
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