भारत में तेजी से बदल रहा है डेटिंग कल्चर, सिचुएशनशिप से नैनोशिप अब है रिश्तों में ‘नो लेबल्स’ का दौर
आजकल युवाओं में रिलेशनशिप ट्रेंड (Relationship Trends) काफी तेजी से बदल रहा है। अब लोग अपने कम्फर्ट और कम्पैटिबिलिटी को ज्यादा तवज्जो देते हैं और उसी हिसाब से अपने रिश्ते चुनते हैं। रिलेशनशिप के ट्रेंड में ये नए बदलाव सबसे तेजी से जेन-जी अपना रहा है। आइए जानें इन नए डेटिंग ट्रेंड्स के बारे में।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में रिश्तों की दुनिया तेजी से बदल रही है। जहां एक समय ‘शादी-शुदा’ या ‘सिंगल’ जैसे लेबल ही रिलेशनशिप को परिभाषित करते थे, अब ऐसा नहीं रहा है। आजकल युवा रिलेशनशिप (Relationship Trends) को अपनी सुविधा के अनुसार अपना रहे हैं और उन्हें नाम भी वैसे ही दे रहे हैं।
रिलेशनशिप के ये नए ट्रेंड जेन-जी के बीच काफी पॉपुलर हैं। हालांकि, कई मिलेनियल्स भी इन्हें ट्राई कर रहे हैं। आइए जानते हैं भारत में डेटिंग कल्चर में क्या बदलाव आ रहे हैं।
सिचुएशनशिप
नए रिलेशनशिप ट्रेंड्स में सिचुएशनशिप का नाम आपने काफी सुना होगा। यह बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड के रिश्ते से काफी अलग होता है। इसमें दो लोग एक-दूसरे के साथ आते हैं, उनमें इमोशनल कनेक्शन भी होता है, लेकिन वे अपने रिश्ते को बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड का लेबल नहीं देते हैं।
इसे यूं समझ लीजिए कि सिचुएशनशिप में आप एक-दूसरे से कोई कमिटमेंट नहीं करते हैं। पहले इसे भले ही टॉक्सिक माना जाता था, लेकिन युवा अब इसे खूब पसंद कर रहे हैं। इसमें व्यक्ति को अपने पार्टनर को समझने का मौका मिलता है और अगर वे एक साथ कम्पैटिबल नहीं होते, तो कभी भी एक दूसरे का साथ छोड़ सकते हैं।
नैनोशिप
इसके नाम से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि नैनोशिप होता क्या है। नैनो का मतलब होता है छोटा, यानी यह रिलेशनशिप काफी कम समय के लिए होता है। यह कुछ हफ्ते या तीन-चार डेट्स तक ही सिमट कर रह जाता है। यह रिश्ता जितनी जिल्दी शुरू होता है, उतनी ही जल्दी खत्म भी हो जाता है। यह जेन-जी की ‘फास्ट-फैशन’ डेटिंग स्टाइल है, जिसमें एक्सप्लोरेशन और नए अनुभवों को ज्यादा तवज्जो दी जाती है।
फैनशिप
फैनशिप का भी अनदाजा आप नाम से लगा सकते हैं। जैसे मान लीजिए कि आप किसी सिलेब्रिटी के फैन हैं और उन्हें सोशल मीडिया पर फॉलो करते हैं, उनसे आकर्षित भी होते हैं, लेकिन कभी बात नहीं करते। इसी तरह सोशल मीडिया पर किसी को कोई व्यक्ति पसंद आ सकता है और वह उसे फॉलो करता है, लेकिन उससे कभी बात नहीं करता। यह एक तरह से बिना बातचीत वाला डिजिटल लगाव है।
ये सभी रिलेशनशिप के नए फॉर्मेट हैं, जिन्हें युवा काफी पसंद कर रहे हैं। ये पारंपरिक रिलेशनशिप से ज्यादा फ्लेक्सिबल हैं और ज्यादा पर्सनल फ्रीडम देते हैं। आजकल लोग किसी भी कमिटमेंट में बंधने से पहले ये जानना चाहते हैं कि वे सामने वाले व्यक्ति के साथ तालमेल बिठा पाएंगे भी या नहीं।
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