सिर्फ पढ़ाई नहीं, संस्कारों में भी टॉपर बनेगा आपका बच्चा; पढ़ें पेरेंटिंग के 10 गोल्डन रूल्स
बच्चों में अच्छे संस्कार विकसित करना हर पेरेंट्स की प्राथमिकता होनी चाहिए, क्योंकि यही उनकी पहचान और चरित्र का आधार बनते हैं। संस्कार केवल शिक्षा नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला सिखाते हैं। उन्हें सच्चाई, सम्मान, सहानुभूति, समय की पाबंदी और जिम्मेदारी जैसे वैल्यूज को सिखाना जरूरी है। आइए, विस्तार से समझते हैं इसके बारे में।

बच्चों को अच्छे संस्कार कैसे दें? ये टिप्स आएंगे आपके काम (Image Source: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हर माता-पिता की यह ख्वाहिश होती है कि उनका बच्चा न सिर्फ पढ़ाई में अच्छा हो, बल्कि वह बिहेवियर, सोच और लाइफ स्टाइल में भी संस्कारी बने। आज की तेज रफ्तार दुनिया में जहां तकनीक और सोशल मीडिया बच्चों को जल्दी प्रभावित करते हैं, वहां उन्हें अच्छे संस्कार देना पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है। संस्कार सिर्फ किताबों से नहीं, बल्कि बच्चों के आसपास के वातावरण, पेरेंट्स के बिहेवियर और दिनचर्या से भी गहराई से जुड़े होते हैं। आइए जानें कि किन तरीकों से आप अपने बच्चों में अच्छे संस्कार और शिष्टाचार विकसित कर सकते हैं।
खुद एक मिसाल बनें
बच्चे जैसा देखते हैं, वैसा ही सीखते हैं। अगर आप खुद विनम्रता, ईमानदारी, समय की पाबंदी और सहानुभूति दिखाएंगे, तो बच्चा भी वही अपनाएगा।
ध्यान की आदत डालें
सुबह या रात को फैमिली के साथ मिलकर प्रार्थना करने से बच्चों में मानसिक स्थिरता, आभार और पॉजिटिव सोच विकसित होती है।
बड़ों का सम्मान सिखाएं
बड़ों के पैर छूना, ‘नमस्ते’ कहना या आदर से बात करना जैसे छोटे कदम बड़े संस्कारों की नींव डालते हैं।
ईमानदारी का महत्व समझाएं
अगर बच्चा झूठ बोले तो सजा देने की जगह उसकी गलती समझाकर ईमानदारी का मूल्य बताएं, जिससे वो गिल्ट नहीं, बल्कि सीख लेकर आगे बढ़े।
सेवा भाव और दया सिखाएं
बच्चों को जरूरतमंदों की मदद करना, पेड़-पौधों और जानवरों की देखभाल करना सिखाएं, इससे उनमें करुणा और संवेदना का विकास होता है।
जिम्मेदारी देना शुरू करें
उन्हें अपनी चीजे संभालना, स्कूल बैग तैयार करना या अपना कमरा साफ रखना सिखाएं। इससे उनमें सेल्फ कॉन्फिडेंस और डिसिप्लीन की भावना का विकास होगा।
समय का महत्व बताएं
बच्चों को सही दिनचर्या का पालन करवाएं। समय पर उठना, पढ़ना और खेलना उन्हें अनुशासित बनाता है।
गुड और बैड टच की जानकारी दें
संस्कारों में सुरक्षा भी शामिल है। बच्चों को सिखाएं कि कौन-सा टच सही है और कौन-सा नहीं, जिससे वे सतर्क रहें, और सही गलत में फर्क महसूस कर सकें।
धार्मिक कहानियों का सहारा लें
रामायण, महाभारत जैसे कई धार्मिक ग्रंथों और कई अन्य लोककथाओं के माध्यम से मॉर्ल वैल्यू देना बच्चों के मन पर गहरा प्रभाव डालता है।
घर में पॉजिटिव माहौल दें
बच्चे की हर बात ध्यान से सुनें, उसे खुले मन से बात करने दें। स्नेह और विश्वास से किया गया संवाद उनमें सेल्फ कॉन्फिडेंस और सहनशीलता बढ़ाता है।
बच्चों में अच्छे संस्कार और शिष्टाचार को विकसित करना कोई एक दिन का काम नहीं है। यह धीरे-धीरे उनके व्यवहार, सोच और अनुभवों में पनपता है। अगर पेरेंट्स प्यार, पेशेंस और रेगुलर गाइडेंस से उनका साथ दें, तो सचमुच बच्चे एक बेहतर इंसान बनेंगे और समाज में अपना सकरात्मक योगदान देंगे।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।