Move to Jagran APP

प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल को निखार कर दे सकते हैं करियर को नई ऊंचाई

अपनी प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल को निखार कर करियर को नई ऊंचाई दी जा सकती है। क्या है प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल? कैसे तराशें इसे? जानते हैं।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 08:49 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 08:49 AM (IST)
प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल को निखार कर दे सकते हैं करियर को नई ऊंचाई
प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल को निखार कर दे सकते हैं करियर को नई ऊंचाई

ऑफिस में हर दिन किसी न किसी समस्या का सामना करना ही पड़ता है। चाहे किसी क्लाइंट की समस्या का हल ढूंढऩा हो या किसी समस्या का हल ढूंढ़ रहे कलीग की मदद करना सा फिर समस्या कल करने के लिए नई समस्या खोजना। समस्याएं हर पेशेवर की जिंदगी का हिस्सा है। अंतर सिर्फ समस्या के स्वरूप का है। हर पेशेवर की जि़म्मेदारी का अहम हिस्सा समस्या हल करने के तरीके खोजना है। इसलिए अपनी प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल को पहचानना और उसे तराशना बेहद ज़रूरी हो जाता है। निरंतर अभ्यास और कुछ बातों पर ध्यान देकर प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल को तराशा जा सकता है। क्या हैं वे बातें जानते हैं यहां...

loksabha election banner

समस्या की जड़ तक पहुंचें

सबसे पहले समस्या के मूल कारण पहचानें। जैसे अगर अन्य विभागों की तुलना में आपके विभाग की परफॉरमेंस खराब है, तो उसके कारण पता लगाएं। हो सकता है कि पहली नजर में आपको इसके लिए देर से काम पूरा करने वाले लोग नज़र आएं। लेकिन ट्रेनिंग का अभाव या ज़रूरत से ज्यादा वर्क लोड भी इसकी वजहें हो सकती हैं। इसलिए हमेशा समस्या की मूल वजह जानने की कोशिश करें।

विश्लेक्षण कौशल: वजह जानने के बाद समस्या का विश्लेषण करें। जैसे क्या स्टाफ कम होने की वजह से कर्मचारियों पर वर्कलोड है या फिर कुछ कर्मचारी को अपग्रेड करने की ज़रूरत है। आपका विश्लेषणात्मक कौशल समस्या को समझने और असरदार तरीके से हल निकालने में मदद करेगा।

मज़बूत हो इंटरपर्सनल स्किल: आपकी इंटरपर्सनल स्किल जितनी स्ट्रॉन्ग होगी, समस्या के उतने ही अच्छे हल सामने आएंगे। मसलन अपने विभाग की खराब परफॉरमेंस की वजह जानने और उसे सुधारने के लिए आपको टीम मैंबर्स से बात करनी होगी। अगर टीम के सदस्य आपसे बात करने में झिझकते हैं, उन्हें लगता है कि उनका सुझाव खारिज कर दिया जाएगा या साथी उन पर हंसेंगे तो वे खुलकर बात नहीं करेंगे। जवाब के द्वारा खुद को जज किए जाने का डर उन्हें स्वभाविक जवाब देने से रोकेगा। इससे दायरा सीमित हो जाएगा और समस्या का अपेक्षित हल नहीं मिलेगा। इसलिए हल तलाशते समय टीम के हर सदस्य को खुल कर अपनी बात कहने के लिए प्रेरित करें।

ज़रूरी है वक्त की पाबंदी

समस्या का सटीक हल जानना जितना ज़रूरी है उतना ही ज़रूरी है उसे सही समय पर और सही ढंग से लागू कराना भी है। वैसे भी नियोक्ता उन कर्मचारियों पर ज़्यादा भरोसा करते हैं जो समस्या का सिर्फ अच्छा हल ही नहीं सुझाते, बल्कि उन्हें समय से और सही ढंग से क्रियान्वित भी कराते हैं।  

Pic credit- Freepik


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.