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    भारत रत्न विज्ञानी सीएनआर राव के जीवन की संघर्ष गाथा

    By Jagran NewsEdited By: Vivek Bhatnagar
    Updated: Sat, 03 Dec 2022 09:42 PM (IST)

    इस पुस्तक में उन पहलुओं को सामने लाने का प्रयास किया गया है जिन कारणों से प्रो. सीएनआर राव एक महान विज्ञानी बनने में सफल हुए। अनेक रोचक घटनाओं का भी यत्र-तत्र उल्लेख है जिन्हें पढ़कर उस समय के विज्ञान संबंधी परिदृश्य को भी समझा जा सकता है।

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    यह पुस्तक एक महान विज्ञानी के संघर्ष की गाथा है, जो सभी के लिए पठनीय है।

     कन्हैया झा। भारत रत्न से सम्मानित देश के शीर्ष स्तर के विज्ञानी सीएनआर राव यानी चिंतामणि नागेश रामचंद्र राव का जीवन बेहद प्रेरणादायक है। उनकी जीवनी से विपरीत परिस्थितियों को अनुकूल बनाने की प्रेरणा प्राप्त होती है। उन्होंने जो सफलताएं प्राप्त की हैं, उतनी विश्व में बहुत कम ही लोगों को उपलब्ध हुई हैं। वैसे तो प्रो. सीएनआर राव के जीवन पर आधारित अनेक पुस्तकें लिखी गई हैं, परंतु इस पुस्तक के लेखक अरविंद यादव ने इसे समग्रता में लिखा है। लेखक ने इस पुस्तक के माध्यम से उन तमाम पहलुओं को सामने लाने का प्रयास किया है, जिन कारणों से प्रो. सीएनआर राव एक महान विज्ञानी बनने में सफल हुए। उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को प्रस्तुत करते हुए लेखक ने यह प्रयास किया है कि उनकी असाधारण सफलताओं के पीछे का संघर्ष, दृढ़ इच्छाशक्ति, परिश्रम, आत्मविश्वास, प्रतिभा और मेधा-शक्ति के बारे में समझने में लोगों को मदद मिले।

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    पुस्तक में ऐसी अनेक रोचक घटनाओं का भी यत्र-तत्र उल्लेख है, जिसे पढ़कर राव के संघर्ष के साथ ही उस समय के सामाजिक, आर्थिक और विज्ञान संबंधी परिदृश्य को बेहतर रूप में समझा जा सकता है। जैसे वर्ष 1963 में कानपुर में आइआइटी में अध्यापन सत्र आरंभ होने के बाद प्रो. राव ने जब वहां शिक्षण कार्य की जिम्मेदारी संभाली तो भारत में संभवत: पहली बार इस संस्थान में कंप्यूटर आया। इसे अमेरिका से मंगाया गया था, जो कानपुर तक तो हवाई मार्ग से आया, परंतु हवाई अड्डे से उसे आइआइटी संस्थान तक लाने के लिए बैलगाड़ी का उपयोग किया गया। ऐसी अनेक रोचक जानकारियां भी इसमें पढ़ी जा सकती हैं। लेखक ने यह भी प्रयास किया है कि प्रो. रामचंद्र की सफलताओं के पीछे छिपे मंत्रों, गुणों, रहस्यों आदि को समझने में लोगों को आसानी हो। कुल मिलाकर, यह पुस्तक एक महान विज्ञानी के संघर्ष की गाथा है, जो सभी के लिए पठनीय है।

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    पुस्तक : विज्ञान के रामचंद्र : 'भारत रत्न' प्रोफेसर चिंतामणि नागेश रामचंद्र राव की जीवनी

    लेखक : डा. अरविंद यादव

    प्रकाशक : नोशन प्रेस

    मूल्य : 1,500 रुपये

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