जानें, क्यों प्रसिद्ध है हिमाचल की दगशाई जगह और क्या है इससे जुड़े अनसुलझे रहस्य
ऐसा कहा जाता है कि मुग़ल काल में जो भी व्यक्ति राजा और राज्य से गद्दारी करता था उसे दाग-ए-शाही कहा जाता है।
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। हिमाचल प्रदेश अपनी खूबसूरती के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहां की घाटियां, बगीचों की क्यारियां और पहाड़ों पर बने सुन्दर घर देखने लायक हैं। आधुनिक समय में यह जगह किसी देवनगरी से कम नहीं है। हालांकि, इस प्रदेश में कई ऐसी जगहें भी हैं, जहां पर केवल और केवल अशांति है। इनमें से एक दगशाई है, जो प्रदेश के सोलन जिले से 11 किलोमीटर दूर अवस्थित है। यह जगह मुगलकाल से भूतिया किस्सों के लिए जानी जाती है। आइए, दगशाई से जुड़े अनसुलझे रहस्य को जानते हैं-
दगशाई का नाम कैसे पड़ा
ऐसा कहा जाता है कि मुग़ल काल में जो भी व्यक्ति राजा और राज्य से गद्दारी करता था, उसे दाग-ए-शाही कहा जाता है। इसके लिए उन्हें दंड दिया जाता था, जिसमें उसे देश निकाला जाता था। उस समय दाग-ए-शाही लोगों के लिए हिमाचल प्रदेश के इसी स्थान पर जेल बनाया गया था, जिसे दाग-ए-शाही नाम से पुकारा जाता था। आधुनिक समय में इसका नाम दगशाई है।
क्या है भूत की कहानी
इस जगह की भूतिया कहानियां आज भी सुनी जाती हैं। इस मिथक को लेकर दो बातें हैं- पहली, दगशाई जेल में कैदियों को कड़ी यातनाएं और कठोर सजा दी जाती थी, जिससे जेल में कई कैदियों की मृत्यु हो गई थी, जिनकी रूहें आज भी यहां रहती हैं। जबकि दूसरी धारणा के अनुसार, बात 1909 की है। जब देश में ब्रिटिश हुकूमत थी। उस समय दगशाई में लगभग सभी सुविधाएं थीं।
मेजर जॉर्ज वेस्टन अपनी पत्नी के साथ यहां रहता था। हालांकि, दंपत्ति को कोई संतान नहीं थी। एक दिन उनकी मुलाकात एक साधु से होती है, जिसके आशीर्वाद से मेजर की पत्नी गर्भवती होती है, लेकिन किसी कारणवश संतान के जन्म से पहले मेजर की पत्नी और बच्चे की मौत हो जाती है। उस समय मेजर ने अपनी पत्नी को दगशाई में ही दफना दिया था।
ऐसा कहा जाता है कि जिस पत्थर से मैरी का कब्र बनाया गया था, उसे गर्भवती महिलाएं पुत्र प्राप्ति के लिए तोड़-तोड़कर ले जाने लगीं, जिससे मैरी के कब्र का अस्तित्व खतरे में आ गया। तब मैरी की आत्मा ने सबको परेशान करना शुरू कर दिया। अतः यह जगह फिर से भूतिया बन गया।
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