क्या आपने सुना है विटामिन 'एम' और टॉनिक 'एफ' का फंडा? जो बोरिंग वीक डे में भी रखेगा आपको चार्ज
ऑफिस में जितनी एक्साइटमेंट फ्राइडे को लेकर रहती है उतनी ही मायूसी सोमवार को लेकर। तो आज के अपने इस लेख में हम कुछ ऐसे टिप्स एंड ट्रिक्स शेयर करने वाले हैं जिनकी मदद से बोरिंग मंडे या हो ट्यूजडे हर एक दिन को मजेदार बना सकते हैं।

नई दिल्ली, अमित शर्मा: आम तौर पर नौकरीपेशा लोगों का मूड अलग- अलग अंदाज में स्विंग होता है। फ्राइडे को मस्त और मंडे को पस्त। जेहन में यही चलता रहता है, हाय कितनी जल्दी बीत गया ये वीकेंड। चलिए आज मूड को बेहतर रखने के कुछ फंडे आपके साथ शेयर करते हैं.. जिससे वीकेंड जैसी मस्ती आप मंडे टू फ्राइडे ऑफिस में भी रख पाएंगे। इसके लिए 'विटामिन एम' और 'टॉनिक एफ' की डोज आपको बताने जा रहे हैं, खुद भी आजमाएं और दोस्तों को भी बताएं।
क्या है विटामिन 'एम'
विटामिन एम है मस्ती। अपने दिल के अंदर बैठे बच्चे को दफ्तर के माहौल में छुपाइए मत। उसे कुदाले भरते रहने दीजिए। काम के साथ-साथ मस्ती में कमी न आने दें। मन से मस्ती बाहर हुई और शरीर में सुस्ती छाई। ऑफिस के हेक्टिक शेड्यूल में काम तो सबको करना है, टारगेट पूरे करने ही हैं, ऐसे में चुस्त बने रहने के लिए 'मस्ती' विटामिन का भरपूर इस्तेमाल करें।
टॉनिक 'एफ' की लेते रहें डोज
अब आप सोच रहे होंगे कि विटामिन 'एम' के बाद ये टॉनिक 'एफ' क्या बला है। बताते हैं बताते हैं। टॉनिक 'एफ' बोले तो आपके फ्रैंड्स। आप अपने जीवन का सर्वाधिक समय अपने ऑफिस में बिता रहे हैं। चाहे वो सरकारी दफ्तर हो या कॉर्पोरेट का बिग हाउस। काउंट कीजिए.. नींद के अलावा बचे समय को देखें तो सबसे ज्यादा समय आप ऑफिस में ही रहते हैं। ऐसे में आपको दोस्त बनाना जरूरी है। दोस्तों के साथ हंसते-मुस्कुराते रहना जरूरी है। फिक्स टाइम गैप में चाय पीजिए, खाना साथ खाइए। लंच, स्नैक्स अपनी डेस्क पर नहीं कैंटीन में खाइए। काम करते वक्त बीच-बीच में इन दोस्तों के साथ बतियाते रहिए। हंसते रहिए, मुस्कुराते रहिए।
खुश रहने का मेडिकल कनेक्शन
फोर्टिस (शालीमार बाग) के डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन के एचओडी डॉ. निपुन प्रिंजा का कहना है कि जब भी हम खुश होते हैं हमारे शरीर में एंडोर्फिन्स स्त्रावित (रिलीज) होते हैं। एंडोर्फिन्स ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाते हैं और हम स्फूर्ति के साथ काम करते हैं। खुश रहने पर डोपेमाइन और सेरोटोनिन जैसे हार्मोन स्त्रावित होते हैं। इन हार्मोंस से एंडोर्फिन्स रिलीज होता है। सीधी जुबान में कहें तो खुश रहेंगे तो शरीर आपको ऊर्जावान बनाए रखेगा। खुश रहेंगे तो चुस्त रहेंगे। चुस्त रहेंगे तो काम मन लगाकर करेंगे।
जयपुर के होम्योपैथी चिकित्सा विभाग की असिसटेंट डायरेक्टर डॉ. वत्सना कसाना का कहना है कि, सामान्यतः उम्मीद की जाती है कि वीकेंड के बाद हम जॉब में दिए गए कार्य को स्फूर्ति और दक्षता के साथ करेंगे। वीकेंड पर घूमने देर रात पार्टी करने से हमारे शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक (Circadium Rythm) बिगड़ जाती है जिसके कारण जब वीकेंड के बाद जब हम अपनी जॉब पर वापस लौटते हैं तो हम थोड़े से बेचैन, दुखी या तनाव में होते हैं। हमारा ऑफिस आने का मन नहीं कर रहा होता है। जिसकी वजह से हमारे काम के प्रति जोश में कमी नजर आती है। जिसको मंडे ब्लूज कहा जाता है। मंडे ब्लूज से बचने के लिए हमें हमारी दैनिक दिनचर्या में योग, ध्यान और शारीरिक व्यायाम को आवश्यक रूप से शामिल करना चाहिए। संतुलित आहार लेना चाहिए। मंडे ब्लूज वाली उदासीनता पर अगर सही समय पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह अवसाद का रूप भी ले सकती है।
अच्छे काम की करें तारीफ
अमूमन वर्किंग डेज में अधिकांश एम्पलॉयज को लगता है कि काम का बर्डन ज्यादा है। इस कारण चिड़िचिड़ाहट भी रहती है। इसे बड़े पॉजिटिव वे में इसका सॉल्यूशन निकालें। कलीग्स के अच्छे काम की तारीफ करें। उन्हें एप्रिशिएट करें। एप्रिशिएट करेंगे तो वो खुश होंगे और खुश होने पर ज्यादा काम भी मस्ती और चुस्ती के साथ होगा। इसमें भी विटामिन एम और टॉनिक एफ का फंडा एप्लाई होता है। एप्रिसिएशन में मस्ती भी छुपी है और आपके कलीग आपके दोस्त भी बनेंगे। आज से ही एप्लाई करें, मजा आएगा।
Pic credit- pexels
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