Group Discussion Tips: जॉब इंटरव्यू के दौरान ग्रूप डिस्कशन का हिस्सा बनने जा रहे हैं, तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान
Group Discussion Tips आप किसी जॉब इंटरव्यू को क्रैक करने के लिए उससे जुड़े ग्रूप डिस्कशन का हिस्सा बनने जा रहे हैं हां तो इससे पहले कि आप वहां पहुंचकर उस जीडी का हिस्सा बनें इससे जुड़ी कुछ बारीकियों और नियमों को गहराई से समझ लें।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Group Discussion Tips: हममें से कई लोगों के साथ ऐसा होता है कि हम उपने ग्रूप के बीच तो बातचीत में खुद को बेहतर तरीके से प्रेजेंट कर लेते हैं, पर जहां बात किसी कोर्स में एडमिशन या जॉब के लिए ग्रूप डिस्कशन की आती हैं, तो हमारे होश उड़ने लगते हैं। ऐसे में कई बार हम खुद को ग्रूप के बीच स्ट्रॉन्ग-वे में प्रेजेंट नहीं कर पाते हैं। आज के समय में ढेरों कंपनीज इंटरव्यू के साथ ग्रूप-डिस्केशन को तरजीह देते हुे कैंडिडेट्स को सिलेक्ट कर रही हैं। ऐसे में जरूरी है ये जानना कि कैसे ग्रूप डिस्कशन के बीच खुद को प्रूव करें सबसे स्ट्रॉन्ग कैंडिटेट।
1. सब्जेक्ट के बारे में पूरी और सही जानकारी है जरूरी
ग्रूप डिस्कशन के लिए आपको जो सब्जेक्ट दिया गया है, आपकी पहली प्राथमिकता यही हो कि आप उस सब्जेक्ट पर पूरी वैराइटी और गहराई के साथ रिसर्च कर लें। आपको उस सब्जेक्ट की अच्छी नॉलेज होनी चाहिए और साथ ही साथ उससे जुड़ी लेटेस्ट हैपनिंग्स को अपनी बातों में जरूर मेंशन करें। आप अगर उस टॉपिक से जुड़ी वैराइटी पर फोकस करेंगे, तो निश्चित तौर पर आप खुद को एक अच्छा लीडर प्रूव कर पाएंगे।
2. बोलते वक्त आई कॉन्टेक्ट मेनटेन करें
ग्रूप डिस्कशन के दौरान दिए गए सब्जेक्ट पर डिटेल नॉलेज के साथ उसे प्रेजेंट करने के तरीके पर भी आपका अगला फोकस होना चाहिए। आपकी कोशिश रहे कि बोलते वक्त सिर्फ मॉडरेटर से आई कॉन्टेक्ट बनाने के अलावा डिस्कशन में मौजूद सारे लोगों से आई कॉन्टेक्ट बनाकर रखें। इससे आपका कॉन्फिडेंस लेवल समझ में आता है।
3. ग्रूप डिस्कशन
ऐसा अक्सर देखा गया है कि ग्रूप डिस्कशन में शुरुआत करना कई बार फायदेमंद होता है। इसके पीछे बड़ा कारण माना जाता है कि आप शुरुआत में ही अपना पक्ष रख देते हैं। ऐसे में शुरुआत में आपको दिए गए टॉपिक पर खुलकर बोलने का मौका भी मिलता है।
4. बहुत ज्यादा डिटेल्स में न जाएं
ऐसा कई बार हो जाता है कि कई विषयों पर काफी कुछ जान रहे होते हैं और उस टॉपिक पर बहस शुरू होते ही कुछ सोचे-समझे बहस का हिस्सा बन जाते हैं। न दूसरों की सुनते हैं और न ही उनहें बोलने का मौका देते हैं। ग्रूप डिस्कशन में इस तरह के मोनोलॉग से बचें।
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