Eco friendly Holi 2021: पर्यावरण को बिना कोई नुकसान पहुंचाए इन तरीके से मनाएं ये त्योहार
Eco Friendly Holi 2021 अपने पसंदीदा त्योहार होली को खेलने के चक्कर में हम जाने-अंजाने कई तरह से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं जो हमारे भविष्य के लिए सही नहीं। तो क्यों न इस बार ईको-फ्रेडली तरीके से मनाएं होली।

होली का त्योहार दुनियाभर में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। लोग बढ़-चढ़कर इस त्योहार का मजा लेते हैं लेकिन कुछ लोग इस त्योहार में लकड़ी से लेकर पानी जैसी कई ऐसी चीज़ों की बर्बादी भी करते हैं जो हमारे पर्यावरण के लिए सही नहीं। तो अगर आप वाकई पर्यावरण को लेकर जागरूक हैं और फेस्टिवल भी एंजॉय भी करना चाहते हैं तो इस बार कुछ अलग अंदाज से ऐसे मनाएं ये त्योहार।
घर में बनाएं रंगों से खेलें होली
लाल से लेकर नीले, पीले, नारंगी, बैंगनी कई तरह के रंग घर पर आसानी से फूल, फल, सब्जी, हल्दी जैसी नेचुरल चीज़ों से तैयार किए जा सकते हैं। इससे न ही स्किन को कोई नुकसान पहुंचता है न ही इन्हें निकालने में कोई दिक्कत होती है।
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सूखी होली खेलें
अगर आप पर्यावरण की अहमियत समझते हैं और ईको-फ्रेंडली तरीके से होली का त्योहार मनाना चाहते हैं तो सूखे रंगों से मनाएं होली। होली के दौरान लोग बहुत सारा पानी बर्बाद करते हैं जो किसी भी तरह से सही नहीं। तो पिचकारी, पेंट, वॉटर बैलून से खेलने की जगह हर्बल सूखे रंगों का इस्तेमाल करें। इससे पर्यावरण के साथ आपकी स्किन को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा।
तिलक होली खेलें
केमिकल युक्त रंग लगाने में तो नहीं पता चलते लेकिन जब बारी इन्हें छुड़ाने की आती है तब बहुत दिक्कत होती है। फिर होली खेलने का अफसोस होता है। तो अगर आप अच्छी तरह से होली खेलना चाहते है तो इस बार तिलक वाली होली खेलें। मतलब हर किसी को तिलक लगाकर कहें हैप्पी होली। स्योर ये आइडिया हर किसी को पसंद आएगा।
इस बार ट्राय करें फूलों की होली
मथुरा में खेली जाने वाले फूलों की होली के ट्रेडिशन को आप भी फॉलो कर सकते हैं। जिसमें रंगों और पानी की जगह फूलों से खेली जाती है होली। जिसके लिए गुलाब, टेशू, गेंदे और गुड़हल जैसे कई फूलों का इस्तेमाल कर सकते हैं। जो सेहत के लिए भी कई तरीकों से फायदेमंद होते हैं।
ईको-फ्रेंडली चीज़ों से मनाएं होली दहन
लकड़ी जलाकर पर्यावरण प्रदूषण बढ़ाने की जगह नारियल की भूसी और गोबर के उपले जैसी चीज़ें जलाएं जिससे त्योहार भी फीका नहीं होगा और पर्यावरण भी शुद्ध होगा।
Pic credit- freepik
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