क्यों ‘सुहागरात’ कहलाती है शादी की पहली रात, कभी किसी ने नहीं बताया होगा इसका असली कारण?
शादी के दौरान कई सारी रस्मों को निभाया जाता है। साथ ही इस दौरान कई सारी रीति-रिवाज भी फॉलो किए जाते है। सुहागरात इन्हीं में से एक है जिसका चलन सदियों पुराना है। हालांकि आज भी कई लोग इसके बारे में खुलकर बात नहीं करते क्योंकि इसका असल मतलब कम लोगों को ही पता है। आइए जानते हैं सुहागरात की दिलचस्प कहानी।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। शादी हर किसी के लिए बेहद खास होती है। यह जन्मों-जन्मों का बंधन होता है, जो दो लोगों को एक रिश्ते में बांधता है। शादी के दिन को खास बनाने के लिए लोग कई सारी तैयारियां करते हैं। सभी धर्मों और समुदायों में अलग-अलग तरीकों से शादी की जाती है। खासकर हिंदू धर्म में शादी के दौरान कई सारी रस्में निभाई जाती है। शादी की शुरुआत से लेकर अंत तक इस दौरान कई रस्में होती हैं।
साथ ही इस दौरान कुछ रीति-रिवाजों का भीशादी पालन किया जाता है। इन्हीं में से एक सुहागरात है, जिसे शादीशुदा जीवन का सबसे अहम पड़ाव माना जाता है। यह सदियों से चली आ रहे रीति-रिवाजों में से एक है, जिसके बारे में जानते तो सब है, लेकिन इसका असल मतलब शायद ही किसी को पता होगा। इन दिनों शादियों का सीजन जारी ही है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे सुहागरात का असली मतलब और जानेंगे कि क्यों है ये जरूरी-
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क्या है सुहागरात का असल मतलब?
सुहागरात शब्द तो हम सभी ने सुना होगा और हम में से ज्यादा लोग इसका मतलब भी जानते होंगे, लेकिन आप इसका जो मतलब जानते हैं, वह पूरा सही नहीं है। इस शब्द का असल मतलब और महत्व और भी ज्यादा है। वह शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन की पहली रात होती है। हालांकि, यह खास इसलिए मानी जाती है, क्योंकि यह दूल्हा-दुल्हन की बतौर पति-पत्नी पहली रात होती है। साथ ही यह और भी कई मायनों में काफी अहम मानी जाती है।
क्यों खास होती है सुहागरात?
सुहागरात यानी शादी की पहली रात को खास इसलिए माना जाता है, क्योंकि यह पति-पत्नी के रूप में एक नए रिश्ते की शुरुआत होती है। साथ ही यह पल प्रेम और विश्वास का भी प्रतीक माना जाता है। इस दौरान दोनों पार्टनर्स को एक-दूसरे को करीब से समझने का मौका मिलता है और एक साथ उनके शादीशुदा जीवन की शुरुआत होती है। साथ ही पारिवारिक जीवन की शुरुआत करने का भी एक मौका होता है, लेकिन ऐसा करना जरूरी नहीं। दोनों पार्टनर्स की मर्जी के बाद भी रिश्ते को उस लेवल पर पहुंचाना चाहिए।
क्यों पहली रात कहलाती है सुहागरात?
सुहागरात का सही मतलब और इसका महत्व तो आप जान ही गए होंगे, लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा कि आखिर शादी की पहली रात को सुहागरात क्यों कहा जाता है? अगर नहीं, तो चलिए आपको बताते हैं इसका कारण। दरअसल, सुहागरात शब्द संस्कृत सौभाग्य शब्द से जुड़ा है। इसी शब्द से सुहाग की उत्पत्ति मानी जाती है। सुहाग और सुहागन दोनों की शब्द विवाहित महिला के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
शादी के बाद महिला सुहागन कहलाती है और पति के सौभाग्य को बढ़ाने के लिए सुहाग की निशानियां जैसे मंगलसूत्र, चूड़ियां, सिंदूर, पायल, बिछिया पहनती है। ऐसे में सुहागन बनी महिला की शादी के बाद पहली रात को सुहागरात कहा जाता है।
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