कभी सोचा है शादी की पहली रात क्यों पिया जाता है हल्दी-केसर वाला दूध? बेहद खास है इस रस्म के पीछे की वजह
हिंदू धर्म में शादी एक अहम परंपरा मानी जाती है जिसे पूरा करने में कई रीति-रिवाज निभाए जाते हैं। शादी के दौरान कई रस्में की जाती हैं जिनमें से एक शादी की पहली रात केसर या हल्दी वाला दूध पीना है। यह प्रथा सदियों से चली आ रही है लेकिन कम लोग ही इसके पीछे की वजह (Saffron milk tradition in First Wedding Night) जानते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। शादियों का सीजन शुरू हो चुका है और इन दिनों हर कोई शादी की तैयारियों में लगा हुआ है। शादी एक व्यक्ति के जीवन का बेहद खास पल होता है। साथ ही यह एक अहम और सदियों पुरानी परंपरा हैं, जो आज भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। भारत में कई तरह से शादी की जाती है। हर धर्म और संप्रदाय के अपने अलग रीति-रिवाज होते हैं। शादी के दौरान कई ऐसे रिवाज पूरे किए जाते हैं, जिसके पीछे के तर्क कई लोगों को आज तक पता ही नहीं है। ऐसा ही एक रिवाज शादी की पहली दूध (First wedding night milk tradition) पीने का है।
आपने अक्सर टीवी सीरियल या फिल्मों और असल जिंदगी में भी शादी के पहली रात दूल्हे को दूध पीते देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर शादी की रात दूध क्यों पिया जाता है? क्यों शादी की पहली रात (Saffron milk significance) दूल्हे के लिए केसर वाला दूध भिजवाया जाता है? अगर आपको भी इसकी वजह नहीं पता, तो आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे इसके पीछे की असल वजह-
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शादी का रात क्यों पीते हैं केसर वाला दूध?
हिंदू धर्म में शादी को बेहद अहम और एक पवित्र बंधन माना जाता है, जिसे करते हुए कई सारी रस्मों और रिवाजों को पूरा किया जाता है। शादी की पहली रात दूध पिलाना इन्हीं रस्मों में से एक है। यह एक पुरानी परंपरा है, जो कई साल से चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि शादी के बाद की पहली रात पति-पत्नी के वैवाहिक जीवन की नींव होती है और इस खास मौके पर दांपत्य जीवन में मिठास घोलने के मकसद से केसर वाला दूध पिया जाता है।
वहीं, कुछ लोग इस मौके पर हल्दी वाला दूध भी पीते हैं, क्योंकि हल्दी को शुभता और पवित्रता का सूचक माना जाता है। ऐसे में शादी के बाद वैवाहिक जीवन में खुशहाली और पवित्रता लाने के लिए हल्दी वाला दूध पिया जाता है।
केसर या हल्दी वाला दूध ही क्यों?
हिंदू परंपरा में दूध और केसर का इस्तेमाल कई मौकों पर किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि रीति-रिवाजों के मुताबिक दूध को बेहद शुभ माना जाता है और इसी वजह से शादी की पहली रात यानी सुहागरात को दूध पिया जाता है, ताकि वैवाहिक जीवन की शुभ शुरुआत हो।
वहीं, इस परंपरा के पीछे साइंटिफिक कारण भी है। दरअसल, हल्दी और केसर को सदियों से कामोत्तेजक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। ट्रिप्टोफैन से भरपूर दूध में केसर या हल्दी मिलाने से न्यूली वेड्स कपल को तनाव दूर करने में मदद मिलती है। साथ ही इससे एंग्जायटी और डिप्रेशन को दूर करने में भी मदद मिलती है। ऐसे में शादी की पहली रात इसे पीने से वातावरण खुशनुमा हो जाता है।
कैसे हुई इस परंपरा की शुरुआत?
दूध पीने का जिक्र कामसूत्र में मिलता है। दरअसल, ऐसा माना जाता है यह सेक्स के लिए एनर्जी और स्टेमिना देता है। ऐसे में शादी की पहली रात पर कपल के एक्सपीरिएंस को बेहतर बनाने के लिए सुहागरात पर केसर या हल्दी वाला दूध पिलाया जाता है।
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