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    6 करोड़ 20 लाख रुपये में बिकी Whale की 5 किलो से ज्यादा उल्टी, खासियत जानकर आप भी रह जाएंगे दंग

    Updated: Tue, 01 Oct 2024 02:16 PM (IST)

    महाराष्ट्र क्राइम ब्रांच ने हाल ही में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 5.6 किलोग्राम व्हेल की उल्टी (Whale Vomit) को जब्त किया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी (ambergris) कीमत लगभग 6.20 करोड़ रुपये आंकी गई है। बता दें भारत में अंबरगिस का व्यापार पूरी तरह से प्रतिबंधित है लेकिन अवैध रूप से इसकी खरीद-बिक्री की खबरें अक्सर सामने आती रहती हैं।

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    Whale Vomit Price: करोड़ों में बिकी व्हेल की उल्टी, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप (Image Source: Jagran)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र क्राइम ब्रांच यूनिट ने हाल ही में, 5.6 किलोग्राम अंबरगिस (Whale Vomit) को जब्त किया है। अनुमान के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 6.20 करोड़ रुपये है। बता दें, अंबरगिस की तस्करी के आरोप में तीन लोगों को भी गिरफ्तार किया है। ऐसे में, आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिर व्हेल की उल्टी में ऐसा क्या है कि इसे सोने से भी ज्यादा ऊंची कीमत पर खरीदा और बेचा जाता है। आइए जानें।

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    क्या होता है अंबरगिस?

    अंबरगिस यानी व्हेल की उल्टी को 'समुद्र का सोना' भी कहा जाता है। यह एक मोम जैसा पदार्थ है जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में अत्यंत दुर्लभ और बहुमूल्य माना जाता है। शुक्राणु व्हेल के पाचन तंत्र में कुछ खाने योग्य न होने वाली चीजों के जमा होने से इसका निर्माण होता है औऱ समय के साथ ये पदार्थ व्हेल के शरीर से बाहर निकलकर समुद्र में तैरने लगता है।

    क्या है अंबरगिस की खासियत?

    आसान भाषा में समझें, तो जब शुक्राणु व्हेल समुद्र में रहती हैं तो वे कई तरह के जीवों को निगल जाती हैं, जिनमें से कुछ को वे पचा नहीं पाती हैं। ऐसे में, इन अपच पदार्थों के कारण व्हेल के शरीर में एक मोम जैसा पदार्थ बनना शुरू हो जाता है, फिर धीरे-धीरे यह पदार्थ व्हेल के पाचन तंत्र से बाहर निकलकर समुद्र में तैरने लगता है। दिलचस्प बात है कि समुद्री जल और हवा के संपर्क में आने से यह पदार्थ सख्त हो जाता है और एक सुगंधित पदार्थ में बदल जाता है, जिसे हम अंबरगिस कहते हैं। इसकी खासियत यह है कि यह किसी भी सुगंध को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद करता है।

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    क्यों इतना महंगा है अंबरगिस?

    व्हेल की उल्टी यानी अंबरगिस का रंग सफेद, पीला, भूरा या काला हो सकता है। इसका स्वाद थोड़ा नमकीन और मिट्टी जैसा होता है। इसमें एक बहुत ही स्ट्रांग और शानदार सुगंध होती है। अंबरगिस की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी सुगंध को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद करता है। इत्र उद्योग में इसे एक बहुत ही मूल्यवान वस्तु माना जाता है। इसीलिए इसकी मांग बहुत ज्यादा है, लेकिन उपलब्धता कम होने के कारण

    क्या व्हेल की उल्टी में बदबू नहीं होती?

    व्हेल के शरीर से जब अंबरगिस बाहर निकलता है तो इसकी गंध बेहद बदबूदार होती है, लगभग मल जैसी। लेकिन धीरे-धीरे जब यह समुद्र के पानी और हवा के संपर्क में आता है, तो इसमें एक बड़ा बदलाव देखने को मिलता है। यह सूखने लगता है और इसकी बदबू गायब होकर एक शानदार, मिट्टी जैसी खुशबू में बदल जाती है जिसे कस्तूरी कहा जाता है।

    ऐसे होता है व्हेल की उल्टी का इस्तेमाल

    अंबरगिस की इस खास खुशबू के कारण इसे इत्र उद्योग में बहुत महत्व दिया जाता है। इसकी मदद से एक खास तरह का अल्कोहल निकाला जाता है, जिसे अंबरिन कहते हैं। अंबरिन की खासियत यह है कि यह किसी भी सुगंध को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद करता है। यानी अगर आप अंबरिन मिलाकर कोई इत्र बनाते हैं, तो उसकी खुशबू बहुत लंबे समय तक रहेगी। इसके अलावा, अंबरिन सुगंध को उड़ने से भी रोकता है। यही कारण है कि महंगे इत्रों में अंबरिन का इस्तेमाल किया जाता है।

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