Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्यों उगते और ढलते समय सूरज का आकार दिखता है बड़ा? आखिर क्या है इसके पीछे का रहस्य

    Updated: Thu, 12 Dec 2024 01:52 PM (IST)

    चांद की तरह सूरज का आकार बढ़ता-घटता रहता है लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि फिर भी सूरज उगते समय और सूरज ढलते समय वह अपने सामान्य आकार से थोड़ा बड़ा नजर आता है (Sun Optical Effects)। ऐसा क्यों होता है क्या इस बारे में आपने कभी जानने की कोशिश की है। आइए यहां जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है।

    Hero Image
    क्या है Sunrise और Sunset के समय सूरज का आकार बदलने के पीछे की साइंस? (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Sun Optical Effects: क्या आपने कभी सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूरज को देखा है? अगर हां, तो आपने ध्यान दिया होगा इस समय (Sunrise and Sunset) सूरज अपने सामान्य आकार से ज्यादा बड़ा नजर आता है (Sunrise and Sunset Appearance)। ऐसा क्यों होता है, क्या इसकी वजह आपको पता है? अगर नहीं, तो इसे समझने के लिए हमें साइंस की मदद लेनी पड़ेगी। आइए विज्ञान की मदद से इस रहस्य को सुलझाने की कोशिश करते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आंखों का धोखा

    सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि सूरज का आकार असल में बदलता नहीं है। वह हमेशा एक ही आकार का रहता है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य का बड़ा दिखना एक ऑप्टिकल इल्यूजन मात्र है। इसे 'होराइजन इल्यूजन' (Horizon Illusion) या 'सनसेट इल्यूजन' (Sunset Illusion) कहा जाता है। यह मून इल्यूजन के समान ही होता है। यह धोखा हमारे दिमाग के काम करने के तरीके और वायुमंंडल से जुड़ा हुआ है।

    यह भी पढ़ें: क्या आप जानते हैं ब्लू मून, सुपर मून, हार्वेस्ट मून और ब्लड मून में अंतर

    वायुमंडल की भूमिका

    सूरज का प्रकाश जब हमारे वायुमंडल से होकर गुजरता है, तो यह वायुमंडल में मौजूद अलग-अलग कणों से टकराता है। इस टकराव के कारण प्रकाश का मार्ग थोड़ा सा मुड़ जाता है, जिसे रिफ्रेक्शन कहते हैं। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय, सूर्य होराइजन के पास होता है, और इसकी ऊंचाई दोपहर की तुलना में कम होती है। ऊंचाई कम होने के साथ-साथ रिफ्रेक्टिव इंडेक्स बढ़ता जाता है, जिस वजह से लाइट ज्यादा बेंड होती है। इसके कारण सूरज थोड़ा-सा ऊपर उठा हुआ और बड़ा दिखाई देता है।

    दिमाग का खेल

    एटमॉस्फेरिक रिफ्रेक्शन के अलावा, हमारा दिमाग भी इस धोखे में अहम भूमिका निभाता है। जब हम सूरज को क्षितिज के पास देखते हैं, तो हमारे पास तुलना करने के लिए कोई अन्य वस्तु नहीं होती है। आसपास के पेड़, इमारतें या अन्य वस्तुएं सूर्य की तुलना में बहुत छोटी दिखती हैं। इस तुलना के कारण हमारा दिमाग सूरज को सामान्य से बड़ा आकार का मान लेता है।

    इन कारणों से सूरज उगते और डूबते समय अपने सामान्य आकार से थोड़ा बड़ा नजर आता है। ऐसा होने का कारण जानकर अब आप समझ चुके होंगे कि यह दुनिया अपने भीतर कितने रहस्य छिपाए बैठी है और विज्ञान की मदद से ही हम इसके करीब पहुंच सकते हैं। इसे बेहतर तरीके से जान सकते हैं।

    यह भी पढ़ें: आखिर कब लगता है चंद्रग्रहण क्‍या है इसका पीछे का विज्ञान, आइये जानें इसकी कुछ खास बातें जो आपको अब तक नहीं पता