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    मीठे की क्रेविंग्स को करना है कंट्रोल, तो अपना लें ये तरीके; जल्द दिखेगा असर

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 07:37 AM (IST)

    आप हर दिन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में मीठा खाते हैं तो खाने से आपका रिश्ता बेहतर होता है और आपके अंदर मीठा खाने की क्रेविंग भी कम होती है। भरपेट खाना मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने के लिए एक्सरसाइज करना प्रोसेस्ड शुगर की कम मात्रा जैसे उपाय आपको मीठा खाने के बाद भी हेल्दी रहने में मदद करते हैं।

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    मीठे की क्रेविंग से पाएं छुटकारा, अपनाएं ये हेल्दी टिप्स (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या यह आपके साथ भी होता है कि भरपेट खाना खाने के बाद भी कुछ मीठा खाने की क्रेविंग होती है। मीठा खाने के शौकीन तो यहां तक मानते हैं कि मीठे के लिए तो एक अलग पेट ही होता है, हालांकि इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

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    क्या हर रोज मीठा खाना हेल्दी होता है? या हम किस तरह के डिसर्ट खा सकते हैं जो हेल्दी भी हो और आपके मीठे की क्रेविंग को भी शांत कर सके। आइए ऐसे ही मिठास भरे फैक्ट्स की तरफ चलते हैं।

    फ्रूट्स से बनाएं अपना डिसर्ट

    ऐसा नहीं है कि इसमें सिर्फ फलों को काटकर बाउल में रखना है और खाना है। आपको इसे तैयार करने की अलग-अलग तरकीबें निकालनी होगी। जैसे आप फलों को फ्रोजन, ड्राइड, फ्रूट चाट के रूप में भी खा सकते हैं। दही के साथ इनका कॉम्बिनेशन काफी हेल्दी और स्वादिष्ट होता है।

    भरपेट खाने पर नहीं होगी क्रेविंग

    भले ही मीठा खाना पसंद है लेकिन भरपेट खाना जरूर खाएं। आपके भोजन में पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन और हेल्दी फैट्स होने चाहिए। इससे आपको हर बार मीठा खाने की क्रेविंग नहीं होगी। कैलोरी कम करने के लिए कभी भी कोई मील न छोड़ें। पेट भरा न होने की स्थिति में शुगर की क्रेविंग बढ़ती है और आप ज्यादा कैलोरी ले लेते हैं।

    सबसे पहले परोसे मीठा

    ऐसा करने की सबसे बड़ी वजह है कि जब आप भूखे होते हैं, तो अपना मनपसंद डिसर्ट बहुत आनंद के साथ खाते हैं। यह माइंडफुल तरीके से खाने का तरीका है कि जब भूख हो तभी खाएं। अगर भोजन से पहले मीठा सर्व किया जाए, तो आप अपनी क्रेविंग को सबसे पहले शांत करते हैं और फिर अच्छी तरह खाना खाते हैं।

    इस तरह क्रेविंग होती जाती है कम

    अगर कोई मनपसंद चीज खाने से खुद को जरूरत से ज्यादा जाए तो उसका उल्टा असर हमारे ब्रेन पर पड़ता है। उसे कम खाने की बजाय हम और ज्यादा खाने लगते हैं। वहीं, एक सीमित मात्रा में उसे खाने की परमिशन खुद को दी जाए, तो हर दिन आपको उसमें कुछ नयापन नजर नहीं आएगा। इस तरह आप मूड होने पर ही उसे खाएंगे और हर दिन उसे खाने की क्रेविंग नहीं रहेगी। यह एक तरह से अपने ब्रेन को ट्रेनिंग देने जैसा है।

    अगर आप हर दिन खाते हैं मीठा

    अगर आप हर दिन कुछ न कुछ मीठा खाते हैं, तो आपको अपने मेटाबॉलिज्म को भी बूस्ट करने की जरूरत है। इसके लिए एक्टिव रहें, कोई न कोई फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें। साथ ही प्रोसेस्ड शुगर वाली चीजें कम से कम लेने की कोशिश करें। अगर किसी को पहले से ही कोई बीमारी है, तो अपने डॉक्टर की सलाह पर ही डाइट में मीठा शामिल करें।

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