सैचुरेटेड, अनसैचुरेटेड और ट्रांस फैट में क्या होता है अंतर? गलत जानकारी बिगाड़ सकती है आपकी सेहत
क्या आप जानते हैं कि सभी फैट एक जैसे नहीं होते? कुछ फैट हमारी सेहत के लिए फायदेमंद तो कुछ बहुत ही नुकसानदायक होते हैं। जी हां गलत जानकारी आपकी सेहत को बिगाड़ सकती है। ऐसे में आइए जानते हैं इन तीनों तरह के फैट में क्या अंतर होता है और कौन-सा फैट हमारी सेहत के लिए सबसे अच्छा है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। जब भी हम किसी पैक्ड फूड या तेल के डिब्बे पर नजर डालते हैं, तो अक्सर उस पर लिखा होता है- सैचुरेटेड फैट, अनसैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट। कई लोग इसे पढ़कर नजरअंदाज कर देते हैं, क्योंकि लगता है कि ‘फैट’ तो बस शरीर के लिए हानिकारक ही होगा, लेकिन सच्चाई इससे थोड़ी अलग है। जी हां, हर फैट खराब नहीं होता, फर्क बस उसे समझने (Difference Between Fats) और सही मात्रा में लेने का है। आइए जानते हैं इन तीनों तरह के फैट के बारे में।
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सैचुरेटेड फैट (Saturated Fat)
यह फैट हमारे रोजमर्रा के खाने में सबसे आम है। मक्खन, घी, पनीर, दूध और मांस जैसी चीज़ों में यह पाया जाता है। शरीर को एनर्जी देने में यह मदद करता है, लेकिन अगर इसकी मात्रा जरूरत से ज्यादा हो जाए, तो यह बुरे कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ाने लगता है। यही वजह है कि डॉक्टर हमेशा कहते हैं कि मक्खन और तली-भुनी चीज़ों को सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए।
अनसैचुरेटेड फैट (Unsaturated Fat)
यह फैट शरीर का दोस्त कहा जाता है। ऑलिव ऑयल, सूरजमुखी का तेल, बादाम, अखरोट और एवोकाडो जैसे फूड आइटम्स में यह भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। अनसैचुरेटेड फैट हमारे हार्ट को हेल्दी रखता है, खून में कोलेस्ट्रॉल का संतुलन बनाए रखता है और दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ाने में भी मदद करता है। आसान भाषा में कहें तो यह ‘हेल्दी फैट’ है, जिसे संतुलित मात्रा में लेना शरीर के लिए फायदेमंद है।
ट्रांस फैट (Trans Fat)
अब आती है उस फैट की बारी जिससे हमें सबसे ज्यादा बचना चाहिए। ट्रांस फैट ज्यादातर पैक्ड स्नैक्स, बिस्किट, केक, नमकीन और डीप-फ्राई फूड में पाया जाता है। यह शरीर के लिए बेहद हानिकारक है, क्योंकि यह न सिर्फ खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ाता है बल्कि अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को भी घटा देता है। यानी यह हमारे दिल और धमनियों के लिए डबल नुकसान करता है।
क्या फैट जरूरी है?
बिलकुल! फैट शरीर को एनर्जा देता है, कई विटामिन्स को अवशोषित करने में मदद करता है और दिमाग को तेज बनाता है। बस जरूरत है सही फैट चुनने की और उसे संतुलित मात्रा में लेने की।
3 बातों का रखें ध्यान
- सैचुरेटेड फैट: कम मात्रा में
- अनसैचुरेटेड फैट: नियमित और संतुलित
- ट्रांस फैट: जितना हो सके उतना परहेज
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