कौन थे Roald Amundsen जो बने थे अंटार्कटिका पहुंचने वाले पहले इंसान? जानें सब कुछ
साउथ पोल पर पहुंचने वाले नॉर्वे के रोआल्ड एमंडसन (Roald Amundsen) पहले इंसान थे। उन्होंने करीब दो महीने में अंटार्कटिका की यात्रा पूरी की थी। उनके साथ तीन पुरुष और 52 कुत्ते भी गए थे। आज इतिहास के पन्नों में रोआल्ड एमंडसन का नाम दर्ज है। उनकी इस सफलता ने दुनिया को यह सिखाया है कि कोई भी सफलता दृढ़ इच्छाशक्ति से हासिल की जा सकती है।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अंटार्कटिका जाने का सपना हर किसी का होता है लेकिन यहां पहुंचना उतना आसान नहीं है। नॉर्वे के रोआल्ड एमंडसन (Who was Roald Amundsen) दुनिया के पहले ऐसे शख्स थे जिन्होंने साउथ पोल पर कदम रखा था। उन्होंने वहां अपने देश का झंडा फहराया था। 14 दिसंबर 1911 की बात है जब उन्होंने इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कराया था। एमंडसन की टीम में 3 पुरुष और 52 कुत्ते भी शामिल थे। हैरान करने वाली बात ये है कि अंटार्कटिका पहुंचते-पहुंचते 52 कुत्तों में से सिर्फ 16 डॉग्स ही बचे थे। ये टीम 19 अक्टूबर 1911 को अंटार्कटिका (First Person To Reach Antarctica) के लिए रवाना हुई थी। वहां पहुंचने में करीब दो महीने का समय लगा था। इस 14 दिसंबर को 113 साल पूरे हो जाएंगे। आइए रोआल्ड एमंडसन से जुड़ी बातें जानते हैं-
आपको बता दें कि समुद्र तल से लगभग 2,835 मीटर की ऊंचाई पर अंटार्कटिका स्थित है। यहां सूरज 6 महीने तक नहीं उगता और 6 महीने तक अस्त नहीं होता है। यहां दिन और पता लगा पाना काफी मुश्किल हाेता है। इसे पृथ्वी की सबसे ठंडी जगहों में से एक कहा जाता है। यहां का तापमान -60°C तक गिर सकता है। ये जगह पूरी तरह से बर्फ से ढकी रहती है।
रोआल्ड एमंडसन की यात्रा
रोआल्ड एमंडसन और उनकी टीम ने अंटार्कटिका तक पहुंचने के लिए पूरी तैयारी कर ली थी। उनकी टीम ने कुत्तों की मदद से स्लेज का इस्तेमाल किया था। कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए 14 दिसंबर 1911 को टीम मंजिल पर पहुंची थी। साथ आए 52 कुत्तों में से सिर्फ 16 कुत्ते ही बचे थे। जब भी किसी काे भूख लगती थी तो वो कुत्ते को मारकर खा जाते थे।
रॉबर्ट स्कॉट भी हुए थे रवाना
रोआल्ड एमंडसन की जीत के बाद एक नवंबर 1911 को नॉर्वे के ही रॉबर्ट स्कॉट भी अंटार्कटिका जाने के लिए अपनी टीम के साथ निकले थे। 17 जनवरी 1912 को उनकी टीम साउथ पोल पर पहुंची थी। हालांकि वहां पहुंचने के बाद उन्हें पता चला कि रोआल्ड एमंडसन ने पहले ही जीत हासिल कर ली है। दुर्भाग्यवश अंटार्कटिका से लौटते समय स्कॉट की मौत हो गई थी।
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विमान हादसे में हो गई थी मौत?
रोआल्ड एमंडसन की यह उपलब्धि उस समय एक बड़ा मील का पत्थर साबित हुई थी। उन्होंने न केवल अंटार्कटिका में अपने साहस का प्रदर्शन किया था बल्कि यह भी सिद्ध कर दिया था कि लगन और इच्छाशक्ति से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। ये भी कहा जा रहा था कि 18 जून 1928 में नॉर्थ पोल से लौटते समय एक विमान लापता हो गया था। इसमें रोआल्ड एमंडसन भी सवार थे। वो विमान आजतक नहीं मिल सका है।
नहीं मिला था शव
ऐसा माना जाता है कि उसी विमान हादसे में 55 साल के रोआल्ड एमंडसन की जान चली गई थी। 2003 में भी एमंडसन और उस विमान में सवार लोगों के शव को ढूंढने की कोशिश की गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आज अंटार्कटिका वैज्ञानिक अनुसंधान का एक प्रमुख केंद्र है। यहां कई अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र स्थित हैं, जहां जलवायु परिवर्तन, ग्लेशियरों की गति और पृथ्वी के पर्यावरण से जुड़े अध्ययन किए जाते हैं।
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