Jet Spray नहीं, कुछ और है वेस्टर्न टॉयलेट के बगल वाला छोटा शॉवर! क्या आप जानते हैं इसका असली नाम?
आपने देखा होगा कि Western Toilet के बगल में एक छोटा-सा शॉवर लगा होता है। अक्सर लोग इसे Jet Spray कहकर बुलाते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसका असली नाम कुछ और है? जी हां सिर्फ बच्चे नहीं बल्कि कई बड़े भी इसका असली नाम नहीं जानते हैं। ऐसे में आइए यहां आपको इस दिलचस्प सवाल का सही जवाब देते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हम रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसी कई चीजों का इस्तेमाल करते हैं, जिनका सही नाम हमें मालूम ही नहीं होता है। कभी-कभी तो गलत नाम इतना आम हो जाता है कि कोई इसका असली नाम जानने की कोशिश ही नहीं करता है।
ऐसा ही कुछ Western Toilet के बगल में लगे छोटे शॉवर के साथ हुआ है। भारत में यह लगभग हर घर में पाया जाता है, लेकिन इसके असली नाम से बहुत कम लोग वाकिफ हैं। आइए, इस आर्टिकल में आपको बताते हैं कि इसे जेट स्प्रे नहीं, आखिर कहते हैं?
तो आखिर इसे क्या कहते हैं?
जिसे हम आमतौर पर Jet Spray कहते हैं, उसका असली नाम 'Health Faucet' या 'Bidet Shower' है। यह एक हाथ से पकड़ने वाला छोटा शॉवर होता है, जिसे वेस्टर्न टॉयलेट के बगल में लगाया जाता है। इसकी मदद से सफाई करना आसान और ज्यादा सुविधाजनक हो जाता है।
यह खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है, जो पानी से सफाई को टॉयलेट पेपर से ज्यादा हाइजीनिक और बेहतर मानते हैं। Bidet Shower पश्चिमी देशों में उतना आम नहीं है, लेकिन भारत, जापान और अन्य एशियाई देशों में इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है।
Jet Spray में आमतौर पर पानी का फ्लो बहुत तेज़ होता है, जिससे कुछ लोग इसे इस्तेमाल करने में असहज महसूस करते हैं। दूसरी ओर, Bidet Shower का प्रेशर एडजस्ट किया जा सकता है, जिससे सफाई ज्यादा आरामदायक हो जाती है।
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भारत में यह इतना पॉपुलर क्यों है?
पश्चिमी देशों में ज्यादातर लोग टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन भारत और अन्य एशियाई देशों में पानी से सफाई को प्राथमिकता दी जाती है। इसके पीछे कई अहम वजहें हैं। आइए जानें।
गुड हाइजीन
टॉयलेट पेपर से सफाई करने पर बैक्टीरिया और गंदगी पूरी तरह साफ नहीं होती, लेकिन पानी से सफाई करने पर ज्यादा हाइजीन बना रहता है। यही वजह है कि डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट्स भी पानी से सफाई करने की सलाह देते हैं।
पर्यावरण के लिए फायदेमंद
क्या आप जानते हैं कि टॉयलेट पेपर बनाने के लिए हर साल लाखों पेड़ काटे जाते हैं? एक अनुमान के मुताबिक, एक साल में करीब 27000 पेड़ सिर्फ टॉयलेट पेपर बनाने के लिए काटे जाते हैं। इसके मुकाबले, पानी से सफाई करने से पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचता है और यह ज्यादा सस्टेनेबल विकल्प है।
ज्यादा किफायती और कम मेंटेनेंस वाला ऑप्शन
टॉयलेट पेपर बार-बार खरीदना पड़ता है, जिससे हर महीने एक एक्स्ट्रा खर्च जुड़ जाता है। दूसरी ओर, Health Faucet या Bidet Shower एक बार लगाने के बाद सालों तक चलता है, जिससे आपको बार-बार खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती।
भारतीय संस्कृति में पानी से सफाई की परंपरा
भारत में हमेशा से ही पानी से सफाई को प्राथमिकता दी गई है। यही वजह है कि भारतीय लोग वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बावजूद पानी से सफाई को ज्यादा बेहतर मानते हैं।
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