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    आप भी बोलते होंगे 'Ladies First', मगर कभी सोचा है कहां से आया ये ट्रेंड? द‍िलचस्‍प है कहानी

    Updated: Mon, 30 Jun 2025 02:36 PM (IST)

    Ladies First अक्सर आपने लोगों को लेडीज फर्स्ट (Ladies First) कहते सुना होगा जिसका मतलब है महिलाओं को प्राथमिकता देना। यह परंपरा यूरोप के अमीर परिवारों से शुरू हुई थी जहां महिलाओं को सम्मान दिया जाता था। लेडीज फर्स्ट का इतिहास सद‍ियों पुराना है। अगर आप अभी तक इसके बारे में नहीं जानते थे तो ये लेख जरूर पढ़ें।

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    क्‍या है Ladies First कहने की कहानी?

    लाइफस्‍टाइल डेस्‍क, नई द‍िल्‍ली। Ladies First: अक्‍सर आपने लाेगाें काे लड़क‍ियों या मह‍िलाओं से ये कहते सुना होगा 'Ladies First'। इसका सीधा मतलब ये है क‍ि उन्‍हें सबसे पहले जगह द‍िया जाए। पार्टीज में या फ‍िर क‍िसी पब्‍लि‍क प्‍लेस पर कोई भी पुरुष आगे बढ़कर दरवाजा खाेलता है। कोई कुर्सी ख‍िसकाता है तो वहीं पब्‍लि‍क प्‍लेस में लाइन में लगी मह‍िलाओं को आगे आने के ल‍िए कहता है। इसके अलावा ल‍िफ्ट में भी आपने देखा होगा क‍ि लड़का लड़की को ही पहले जाने देता है।

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    ये सब तो हम रोजाना देखते और सुनते आ रहे हैं। लेक‍िन क्‍या आपने कभी सोचा है क‍ि लेडीज फर्स्‍ट बोलने की शुरूआत कहां से हुई। आपको बता दें क‍ि Ladies First बोलने का ट्रेंड कोई आज का नहीं है, बल्‍क‍ि इसका इत‍िहास सद‍ियों पुराना है। इसकी जड़ें यूरोप के रॉयल और र‍िच फैम‍िली से जुड़ी हुईं हैं। उस दौरान मह‍िलाओं को खास इज्‍जत दी जाती थी। पुरुषों को भी यही स‍िखाया जाता था क‍ि वे उनका सम्‍मान करें।

    आज भी जारी है परंपरा

    आज मह‍िलाएं भले ही पुरुषों से कदम से कदम म‍िलाकर चल रहीं हैं, लेक‍िन से परंपरा अभी भी कहीं न कहीं जारी है। हालांक‍ि इसका तरीका और सोच थोड़ी बदल सी गई है। अगर आप अभी इसका इत‍िहास नहीं जानते थे तो आपको ये लेख जरूर पढ़ना चाह‍िए। हम आपको Ladies First बोलने की शुरुआत कहां से हुई, इसके बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से -

    यूरोप से शुरू हुई थी परंपरा

    एक फेमस मैगजीन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, Ladies First कहने की परंपरा पुराने यूरोप से शुरू हुई थी। उस समय वहां के अमीर लोग ये मानते थे क‍ि महिलाओं को सम्‍मान देना चाहिए। उस दौरान मह‍िलाओं को नाजुक और खास समझा जाता था। इसी कारण शुरु से पुरुषों को स‍िखाया गया क‍ि वे महिलाओं के लिए दरवाजा खोलें, उन्हें आगे चलने दें या बैठने के लिए कुर्सी दें। इस परंपरा का ये मतलब ब‍िल्‍कुल भी नहीं था क‍ि मह‍िलाएं कमजोर हैं। बस ये उन्‍हें सम्‍मान और प्‍यार देने का खास तरीका था।

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    Titanic से भी जुड़ा है इत‍िहास

    1912 में तब टाइटैनिक का जहाज डूब रहा था, उस दौरान भी 'Ladies And Children First' को पहले निकालने का निर्देश दिया गया था। ये भी Ladies First की सोच को मजबूत करता है। आपको बता दें क‍ि टाइटैनिक की घटना के बाद ये और भी बड़े स्तर पर स्वीकार कर ल‍िया गया था। एक ये भी कहावत है क‍ि Ladies First का ट्रेंड जर्मनी की गुफाओं से आया है। बताया जाता है क‍ि जब भी कोई जानवर आता था तो गुफा में रहने वाले पुरुष मह‍िलाओं को आगे कर देते थे, इसके बाद वे पीछे से हमला करते थे।

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    कप‍िल शर्मा ने भी कही ये बात

    कपि‍ल शर्मा ने भी एक बार अपने शो में इस बात का ज‍िक्र क‍िया था क‍ि जब भी लड़क‍ियां पैदा होती हैं तो उन्‍हें लक्ष्‍मी का रूप माना जाता है। इस ल‍िए हर जगह लेडीज फर्स्‍ट कहा जाता है। क्‍योंक‍ि हमें मालूम है क‍ि नए काम की शुरुआत अगर लड़क‍ियां करें तो वो हमेशा सफल होता है। उन्‍होंने चंद्रयान की टीम का ज‍िक्र करते हुए कहा क‍ि ज्‍यादातर लड़क‍ियां टीम का ह‍िस्‍सा थीं और उन्‍होंने जीत हास‍िल की।

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