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    International Dance Day 2025: भारत ही नहीं, दुनियाभर में अपनी खास जगह बना चके हैं ये 5 क्लासिकल डांस

    Updated: Tue, 29 Apr 2025 12:51 PM (IST)

    हर साल 29 अप्रैल को इंटरनेशनल डांस डे (International Dance Day 2025 ) मनाया जाता है। डांस भावनाओं को जाहिर करने का एक बेहतरीन तरीका है। भारत में ऐसे कई डांस फॉर्म्स हैं खासकर क्लासिकल डांस (Indian Classical Dances) जो दुनियाभर में अपनी खास जगह बना चुके हैं। आइए जानें भारत के मशहूर 5 क्लासिकल डांस के बारे में।

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    यहां पढ़ें भारत के 5 मशहूर क्लासिकल डांस के बारे में (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। 29 अप्रैल को पूरी दुनिया में इंटरनेशनल डांस डे (International Dance Day 2025) मनाया जाता है। यह दिन डांस को समर्पित है, जो कल्चर, इमोशन्स और कहानियों को बयां करने का एक बेहतरीन जरिया है। 

    अगर भारतीय नृत्य की बात करें, तो इस देश की नृत्य परंपरा बेहद समृद्ध है, जहां क्लासिकल डांस (Indian Classical Dance) का खास स्थान है। आइए भारत के 5 प्रमुख शास्त्रीय नृत्यों के बारे में जानते हैं।

    भारत के 5 मशहूर क्लासिकल डांस

    कथक (Kathak)

    (Picture Courtesy: Pinterest)

    कथक उत्तर भारत का क्लासिकल डांस है। इस नृत्य कला के जरिए कहानियों को दर्शाया जाता है। कथक शब्द खुद भी कहानी से ही बना है। संस्कृत के शब्द 'कथा' से 'कथक' की उत्तपत्ति हुई है। इसमें नर्तक पौराणिक कथाओं को नृत्य और अभिनय के जरिए प्रस्तुत करते हैं।

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    कथक में घूमने (चक्कर) और ताल पर जोर दिया जाता है। पैरों की थिरकन (तत्कार) और हस्त मुद्राएं (हाथों की मुद्राओं) के जरिए नृत्य प्रस्तुत किया जाता है। इस डांस की वेशभूषा मुगलकालीन प्रभाव से सजी-धजी होती हैं।

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    भरतनाट्यम (Bharatanatyam)

    (Picture Courtesy: Freepik)

    भरतनाट्यम की शुरुआ तमिलनाडु में हुई थी। यह दक्षिण भारत का सबसे प्रमुख डांस है, जो मंदिरों में देवदासियों द्वारा किया जाता था। भरतनाट्यम की कोरियोग्राफी में गहरी मुद्राएं (अरिमंडी, मुड्रा) का खास स्थान है। इस डांस फॉर्म में भाव (भावना), राग (संगीत) और ताल (लय) का अनोखा संगम देखने को मिलता है, जो आपस में एक-दूसरे को संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। 

    अगर इसकी पोशाक की बात करें, तो भरतनाट्यम की पोशाक बेहद खास होती है। इस नृत्य के लिए एक अनोखे स्टाइल में साड़ी पहनी जाती है और गहनों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें माथा पट्टी का खास महत्व होता है। 

    कथकली (Kathakali)

    (Picture Courtesy: Pinterest)

    कथकली नृत्य केरल से आया है। यह एक प्रकार का नृत्य-नाटक है, जिसमें महाकाव्यों (रामायण, महाभारत) की कहानियां दिखाई जाती हैं। इस नृत्य के लिए मेकअप और मुखौटे (हरे-लाल रंग) इस्तेमाल किया जाता है और  आंखों और चेहरे के भावों पर विशेष जोर दिया जाता है। 

    ओडिशी (Odissi)

    (Picture Courtesy: Pinterest)

    इस डांस के नाम से पता लगा सकते हैं कि यह नृत्य ओडिशा से उत्पन्न हुआ है। इस नृत्य भगवान जगन्नाथ की पूजा से जुड़ा है और मंदिरों में विकसित हुआ। इस डांस में त्रिभंग मुद्रा (शरीर को तीन हिस्सों में मोड़कर नृत्य) का खास महत्व होता है। इसमें श्रृंगार और भक्ति रस को ज्यादा महत्व दिया जाता है।

    मणिपुरी (Manipuri)

    (Picture Courtesy: Pinterest)

    यह नृत्य उत्तर-पूर्व भारत के मणिपुर राज्य से आया है। यह भगवान कृष्ण और राधा की लीलाओं पर आधारित होता है। इस डांस को करते समय धीमी, लयबद्ध और गोलाकार गतियां की जाती हैं। साथ ही, इस डांस का कॉस्ट्यूम भी काफी खास होता है और घुंघरू की जगह घंटियों का इस्तेमाल किया जाता है।

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