भीषण गर्मी में भी कैसे रहता है मटके का पानी ठंडा, कोई जादू नहीं सिंपल साइंस है इसकी वजह
गर्मियों में मटके का पानी तो कई लोग पीते हैं लेकिन कभी सोचा है कि भीषण गर्मी में भी कैसे इसका पानी ठंडा रहता है। इसके पीछे कोई जादू नहीं बल्कि सिंपल- सी साइंस है जिसे आप सभी ने बचपन में जरूर पढ़ा होगा। हालांकि कम लोगों को ही अब यह याद होगा। आइए आज जानते हैं कैसे ठंडा होता है मटके का पानी (how matka keeps water cool)।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप लोगों के लिए परेशानी की वजह बनने लगी है। अप्रैल के महीने में ही लोगों को मई-जून का अहसास होने लगा है। ऐसे में गर्मी से राहत पाने के लिए लोग अक्सर ठंडी चीजें खाना और पीना पंसद करते हैं। खासकर इस मौसम में लोग ठंडा पानी पीना काफी ज्यादा पसंद करते हैं।
हालांकि, फ्रिज का चिल्ड पानी सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में ज्यादातर लोग नेचुरल तरीके से पानी ठंडा करने के लिए मटके या सुराही (clay pot cooling effect) की इस्तेमाल करते हैं। गर्मी में ठंडा पानी पीने के लिए यह कई लोगों की पहली पसंद होते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर भीषण गर्मी में मटके या सुराही के अंदर मौजूद पानी इतना ठंडा कैसे (how matka keeps water cool) हो जाता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको इसी बारे में बताएंगे, आइए जानते हैं पानी ठंडा होने का सीक्रेट (science behind matka water)-
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क्या आपको याद है बचपन का साइंस?
मटके या सुराही में पानी कैसे ठंडा होता है, इसके बारे में आप सभी ने जरूर पढ़ा होगा। हालांकि, इसकी वजह कई लोगों को अप याद नहीं होगी। बचपन में साइंस की किताब में आप सभी ने मटके में पानी ठंडा होने का काण पढ़ा होगा, लेकिन अगर समय के साथ आपकी याददश्त धुंधली होने लगी है, तो फिक्र न करें। हम आपको इसकी वजह फिर से बता देते हैं।
क्यों ठंडा होता है पानी?
मटके या सुराही में पानी ठंडा होने के पीछे कोई जादू नहीं, बल्कि बहुत सिंपल सा साइंस है, जिसे सभी ने कभी न कभी पढ़ा ही होगा। साइंस पढ़ते समय हम सभी ने वाष्पीकरण यानी इवेपोरेशन कई बार पढ़ा होगा। यही यह प्रोसेस हैं, तो इतनी तेज गर्मी में भी मटके के पानी को ठंडा रखती है। अब आपको बताते हैं कि पानी ठंडा होने की यह पूरी प्रोसेस क्या है?
कैसे ठंडा होता है पानी?
अब आप ये तो समझ गए कि इवेपोरेशन की वजह से मटके या सुराही का पानी ठंडा होता है, लेकिन इस पानी के ठंडा होने की प्रोसेस क्या है। दरअसल, मटके-सुराही या मिट्टी के किसी भी बर्तन की सतह या सर्फेस पर छोटे-छोटे छेद होते हैं, जिसकी वजह से इवेपोरेशन प्रोसेस होती है। इन छेदों से पानी थोड़ा-थोड़ा करके बाहर निकलता या रिसता रहता हैं, जिसकी वजह से अक्सर घड़ा या सुराही गीले होते हैं।
इन छेदों से जब पानी बाहर की तरफ निकलता है, जो भाप में बनकर हवा में उड़ जाता है। भाप बनने की इसी प्रोसेस को वाष्पीकरण कहा जाता है, जो मटके या सुराही के पानी को ठंडा करती है। खासकर गर्मियों में ये प्रोसेस तेज हो जाती है, जिसकी वजह से मटके के अंदर कम तापमान रहता है और पानी ठंडा होता है।
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