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    Hindi Diwas 2025: क्यों हिंदी दिवस मनाने के लिए चुनी गई 14 सितंबर की तारीख? आखिर क्या है इसकी कहानी

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 08:30 AM (IST)

    हर साल 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस (Hindi Diwas 2025) मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों और दफ्तरों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं कविता लेखन भाषण डिबेट जैसी कई प्रतियोगिताएं होती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इस तारीख को ही हिंदी दिवस मनाने (Hindi Diwas History) के लिए क्यों चुना गया।

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    हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई? (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत एक ऐसा देश है जो अपनी विविधताओं में एकता के लिए जाना जाता है। यहां सैकड़ों भाषाएं और बोलियां बोली जाती हैं, जिनमें से हिंदी देश की सबसे ज्यादा बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हर साल 14 सितंबर का दिन पूरे देश में हिंदी दिवस (Hindi Diwas 2025) के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है।

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    लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस दिन को मनाने के लिए खासतौर से 14 सितंबर को ही क्यों चुनी गई (Hindi Diwas History)? कोई और तारीख क्यों नहीं? आपको बता दें कि इसके पीछे कि एक ऐतिहासिक कारण है, जिसके बारे में आपको जरूर पता होना चाहिए। आइए जानते हैं इस बारे में।

    संविधान सभा ने लिया था ऐतिहासिक फैसला

    भारत की स्वतंत्रता के बाद देश के सामने एक बहुत बड़ा सवाल था - राष्ट्रभाषा का। एक ऐसी भाषा की जरूरत थी जो पूरे देश को एक सूत्र में बांध सके। हिंदी, जिसे एक विशाल जनसंख्या द्वारा बोला और समझा जाता था, इस पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार थी।

    इसी कड़ी में, 14 सितंबर 1949 को भारत की संविधान सभा में एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया। इस दिन, संविधान के निर्माताओं ने अनुच्छेद 343 के तहत यह तय किया कि देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा होगी। इस फैसले ने हिंदी को देश की पहचान और प्रशासनिक कार्यों का केंद्र बिंदु बना दिया।

    इसी फैसले के कारण देश के तत्कालिन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1953 में पहली बार 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की और तब से लेकर आज तक यह सिलसिला जारी है।

    इस दिन को मनाने का उद्देश्य क्या है?

    हिंदी दिवस का मकसद सिर्फ एक ऐतिहासिक तारीख को याद करना भर नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई कारण हैं-

    • जागरूकता बढ़ाना- यह दिन देश के नागरिकों, खासतौर से सरकारी कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में, संविधान में दिए गए हिंदी के स्थान और महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है।
    • भाषा का विकास और प्रोत्साहन- हिंदी दिवस हिंदी भाषा के विकास, उसके शब्द भंडार को और बढ़ाने और उसे और ज्यादा व्यावहारिक बनाने की कोशिश पर जोर देता है।
    • हिंदी के लिए गर्व की भावना- दुनियाभर में हिंदी तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। ऐसे में लोगों को इस भाषा के लिए और जागरूक बनाने के लिए, खासकर जो लोग विदेश में रहते हैं, हिंदी दिवस मनाया जाता है।

    कैसे मनाया जाता है हिंदी दिवस?

    हिंदी दिवस के दिन देशभर में तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। स्कूलों और कॉलेजों में भाषण, डिबेट, कविता पाठ, निबंध लेखन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। सरकारी कार्यालयों में एक सप्ताह तक चलने वाले राजभाषा सप्ताह या हिंदी पखवाड़े का आयोजन किया जाता है।

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