Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या आप बना रहे हैं अपने परिवार के लिए फंड? अगर नहीं, तो इन टिप्स से करें फैमिली के लिए इंवेस्ट

    अपने लिए तो सभी कमाते हैं पर क्या आप परिवार के लिए भी कोई फंड बनाते हैं? इस परिवार दिवस पर फाइनेंशियल एडवाइजर विरल भट्ट बता रहे हैं कि क्यों और कैसे जरूरी है फैमिली के लिए इंवेस्टमेंट परिवार के साथ निवेश कैसे करें और परिवार के नाम पर निवेश कैसे करें।

    By Jagran News Edited By: Swati Sharma Updated: Mon, 12 May 2025 03:40 PM (IST)
    Hero Image
    परिवार को कैसे दें फाइनेंशियल सेक्योरिटी? (Picture Courtesy: Freepik)

    विरल भट्ट, नई दिल्ली।  रोहित और निशा ने अपने पहले बच्चे के जन्म से ही एक एसआइपी शुरू की, इस उम्मीद से कि 18 साल तक महीने के 5,000 रुपये की धनराशि जमा करने से लगभग 30 लाख रुपये का फंड बनेगा, इसके पीछे उनका विचार था कि वे अपने बच्चे को सिर्फ नाम नहीं, सुरक्षित भविष्य भी दे रहे हैं। रोहित और निशा जैसे कितने माता-पिता ऐसा चाहते हैं, लेकिन वित्तीय योजना बनाने में असमर्थ हैं। उनकी योजना में स्वयं के लिए तो निवेश होता है, मगर परिवार के नाम पर निवेश में रह जाते हैं पीछे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्मार्ट प्लानिंग से करें निवेश

    आपकी कमाई का कुछ हिस्सा परिवार की आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने में अवश्य लगाएं। बच्चों की पढ़ाई से लेकर माता-पिता के स्वास्थ्य, पत्नी का भविष्य और स्वयं की सेवानिवृत्ति तक, सब एक स्मार्ट प्लानिंग के तहत ही होना चाहिए। यहां काम आती है एफआइसी। एफआइसी यानी फैमिली इंवेस्टमेंट कार्पस, एक ऐसा फंड है जो केवल परिवार की सुरक्षा, जरूरतों और भविष्य के लिए बनाया जाता है। इसमें आप म्यूचुअल फंड, एसआइपी, सावधि जमा (एफडी), आवर्ती जमा (आरडी), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) या सुकन्या समृद्धि योजना, टर्म इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस जोड़ सकते हैं।

    यह भी पढ़ें: क्या है SIP का 12+12+20 फॉर्मूला? आसान भाषा में समझें कैसे होता है इसका इस्तेमाल?

    जैसी जरूरत वैसा निवेश

    अब प्रश्न उठता है कि कहां निवेश करने से आपको अच्छा रिटर्न मिलेगा और सुरक्षा भी। अगर आपको सुरक्षित भविष्य चाहिए तो पीपीएफ और एफडी, ग्रोथ चाहिए तो म्यूचुअल फंड्स, सुरक्षा चाहिए तो इंश्योरेंस, टैक्स बचाना है तो पीपीएफ, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम में निवेश करें। बहुत से लोग निवेश को सिर्फ रिटर्न के नजरिए से देखते हैं। जहां ज्यादा रिटर्न मिलेगा वहां निवेश करते हैं, लेकिन बात जब परिवार की आती है तो यहां दृष्टिकोण बदल जाता है। परिवार के लिए किए गए निवेश में रिटर्न के साथ सुरक्षा भी महत्व रखती है। ऐसे में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स से ग्रोथ मिलती है, तो डेट फंड या एफडी से स्थिरता, इंश्योरेंस से सुरक्षा और एसआइपी से अनुशासन।

    जरूरत और उम्मीदों का हो संतुलन

    आज की पीढ़ी की लाइफस्टाइल बदलने के साथ उनके खर्चे भी बढ़े हैं। ऐसे में कमाई के साथ बचत और खर्च दोनों का तालमेल बिठाना बहुत जरूरी हो गया है। वरना आपातकालीन स्थिति में भविष्य की सभी योजनाएं फेल हो जाएंगी। आज का युवा स्मार्ट है, लेकिन वित्तीय जिम्मेदारियों की लिस्ट भी बहुत लंबी है, जैसे ईएमआइ, क्रेडिट कार्ड का बिल, लोन, बच्चों की जरूरतें, माता-पिता का स्वास्थ्य। तो इन सब बातों का ध्यान रखकर ही प्लानिंग करें। परिवार के लिए निवेश करें ताकि आपकी कमाई आज की जरूरतें और कल की उम्मीदें दोनों को पूरा कर सके।

    खर्च नहीं बचत बढ़ाएं

    व्यक्ति को कमाई के साथ-साथ आने वाले छह महीने से साल भर की एक बेहतर वित्तीय योजना बनानी चाहिए। ये योजनाएं केवल बचत या निवेश से जुड़ी ना हों, बल्कि कई और पोर्टफोलियो पर केंद्रित हों, जैसे इक्विटी, सोना और रियल इस्टेट। वित्तीय योजना निवेश और सुरक्षा दोनों को ध्यान में रखकर बनानी चाहिए, अगर बहुत ज्यादा सुरक्षा कवर लेंगे तो रिटर्न कम होगा और महंगाई को मात नहीं दे पाएंगे। इससे आपकी पूंजी भी खतरे में पड़ेगी। ऐसे में शार्ट टर्म, मीडियम टर्म और लांग टर्म गोल को देखते हुए एफडी, एसआइपी, म्यूचुअल फंड, पीपीएफ में ज्यादा निवेश करें। सैलरी प्रमोशन के साथ अपने खर्चे ही नहीं, आपकी बचत भी बढ़नी चाहिए। -अनुष्का राठौड़, फाइनेंशियल कंटेंट क्रिएटर

    क्या करें

    • हर महीने की शुरुआत में ही निवेश के लिए कुछ हिस्सा निकालकर रखें।
    • परिवार का बजट बनाएं, माह के अंत में खर्चों की लिस्ट बनाकर जरूरी और गैर जरूरी खर्चों को अलग करें।
    • साझा लक्ष्य तय करें, जीवनसाथी के साथ मिलकर निवेश योजनाएं बनाएं।
    • बच्चों को छोटे-छोटे वित्तीय लक्ष्य अवश्य समझाएं।

    इन बातों का रखें ध्यान

    • आपातकालीन फंड: परिवार के लिए तीन से छह महीने की आवश्यक खर्चों की राशि अलग रखें।
    • जीवन और स्वास्थ्य बीमा: सभी सदस्यों के लिए कवर होना चाहिए। यह निवेश नहीं, सुरक्षा है।
    • लक्ष्य आधारित निवेश: बच्चों की पढ़ाई, घर खरीदना, रिटायरमेंट, हर लक्ष्य के लिए अलग एसआइपी/फंड बनाएं।
    • नामिनी अपडेट: हर निवेश के साथ सही नामिनी व केवाइसी अपडेट रखें।

    यह भी पढ़ें: सोना खरीदने को लेकर एक्सपर्ट ने दी चौंकाने वाली सलाह, इस मेटल को बताया निवेश के लिए बेहतर