बोरिंग काम भी हो जाएगा झटपट Finish, नहीं है यकीन! तो आजमा कर देखें ये 5 मिनट रूल
आपके साथ भी ऐसा होता होगा कि दिनभर काम करके दिमाग थक गया है और अब कुछ भी काम करने का मन नहीं कर रहा है। लेकिन अगर इसके कारण जरूरी काम छूटने लग जाएं तो परेशानी हो सकती है। ऐसे में इस परेशानी को दूर करने में 5 मिनट रूल (5 Minute Rule) काफी मददगार हो सकता है। आइए जानें क्या है यह रूल।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपने कभी महसूस किया है कि दिमाग थक जाने पर कोई भी काम शुरू करना मुश्किल लगता है? चाहे ऑफिस का प्रोजेक्ट हो, एक्सरसाइज की रूटीन हो या घर का कोई काम, मन एकदम नहीं करता। ऐसे में "5 मिनट रूल" (5 Minute Rule) एक जादुई टूल की तरह काम करता है।
यह तकनीक आपको प्रोडक्टिव बनाने के साथ-साथ आलस और टालमटोल की आदत को भी दूर करती है। आइए जानते हैं कि यह रूल कैसे काम करता है और इसे अपनी जिंदगी में कैसे अपनाएं।
क्या है 5 मिनट रूल?
5 मिनट रूल एक साइकोलॉजिकल ट्रिक है, जिसमें आप खुद से यह वादा करते हैं कि आप सिर्फ 5 मिनट ही काम करेंगे। अगर 5 मिनट के बाद भी मन नहीं करेगा, तो आप रुक सकते हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि ज्यादातर मामलों में 5 मिनट बाद आपका दिमाग उस काम में इंट्रेस्ट लेने लगता है और आप उसे पूरा कर लेते हैं।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि शुरुआत का डर खत्म हो जाता है। दिमाग बड़े काम को देखकर झिझकता है, लेकिन 5 मिनट का छोटा गोल उसे मैनेजेबल लगता है। इसलिए 5 मिनट रूल आपकी प्रोडक्टिविटी के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।
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क्यों मन काम करने का नहीं करता?
दिनभर काम करने के बाद आपका दिमाग कोई भी नया काम शुरू करने में कतराने लगता है, फिर चाहे वह कितना ही जरूरी क्यों न हो। इसके कारण हमारे कई जरूरी काम छूट जाते हैं। दिमाग थका हुआ होने की वजह से हम ऐसे कामों को करना चाहते हैं, जिनमें ज्यादा मेहनत न करनी पड़े। इसलिए हमारा मन सोशल मीडिया स्क्रॉल करने का या कोई शो बिंज वॉच करने का मन करता है, क्योंकि इन कामों में मेहनत नहीं करनी पड़ती है। वहीं अगर वर्कआउट करना हो या पढ़ाई करनी हो, तो हमारा दिमाग बहाने खोजने लगता है और हम उस काम को कल पर टाल देते हैं।
5 मिनट रूल क्यों काम करता है?
- दिमाग को छलने की ट्रिक- हमारा दिमाग बड़े और मुश्किल कामों से बचना चाहता है। लेकिन जब आप उसे बताते हैं कि "बस 5 मिनट" ही काम करना है , तो वह आसानी से मान जाता है। एक बार शुरुआत हो जाए, तो मोमेंटम बन जाता है और काम पूरा हो जाता है।
- टास्क को छोटे हिस्सों में बांटना- बड़े काम को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर देखने से वह आसान लगने लगता है। 5 मिनट का टारगेट सेट करके आप ओवरव्हेल्मिंग फीलिंग से बच जाते हैं।
- आदत बनाने में मदद- अगर आप किसी काम को 21 दिन तक लगातार करते हैं, तो वह आदत बन जाता है। 5 मिनट रूल से आप धीरे-धीरे उस काम को अपनी रूटीन का हिस्सा बना लेते हैं। इससे दिमाग को उस काम करने के बारे में बार-बार सोचना नहीं पड़ता।
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