क्या है Bloomscrolling, जिससे 'पॉजिटिव' होगी आपकी सोशल मीडिया फीड; हर पोस्ट से मिलने लगेगी खुशी
आज के दौर में सोशल मीडिया हमारी जिंदगी का एक जरूरी हिस्सा बन चुका है। हम सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक न जाने कितनी बार अपनी फीड को स्क्रॉल करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि इस स्क्रॉलिंग के बाद आपको कैसा महसूस होता है? अक्सर, यह स्क्रॉलिंग हमें स्ट्रेस और चिंता देती है, जिसे हम 'डूमस्क्रोलिंग' कहते हैं। इसके उलट Bloomscrolling आपकी लाइफ को पॉजिटिविटी की ओर ले जा सकती है। आइए जानें कैसे।

सोशल मीडिया को स्ट्रेस-फ्री बनाने का अचूक तरीका (Image Source: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आप भी रात को सोने से पहले या दिन में फुर्सत के पलों में फोन उठाकर बेतरतीब ढंग से स्क्रोल करते हैं? अगर हां, तो आपने अक्सर खराब खबरें, नेगेटिव कमेंट्स या स्ट्रेस बढ़ाने वाली पोस्ट्स देखकर मूड खराब किया होगा, जिसे 'डूमस्क्रोलिंग' (Doomscrolling) कहते हैं।
ऐसे में, अब एक नया ट्रेंड आ गया है जो आपकी डिजिटल दुनिया को पॉजिटिव एनर्जी से भर देगा- इसका नाम है ब्लूमस्क्रोलिंग (Bloomscrolling)। आइए, आसान भाषा में समझते हैं इसके बारे में।

(Image Source: AI-Generated)
डूमस्क्रोलिंग से ब्लूमस्क्रोलिंग की ओर
'डूमस्क्रोलिंग' का मतलब है बिना रुके बुरी, नकारात्मक या परेशान करने वाली खबरें और पोस्ट पढ़ते रहना, जिससे मन भारी हो जाता है। इसके विपरीत, 'ब्लूमस्क्रोलिंग' एक नई और पॉजिटिव आदत है। यह वह सोच-समझकर की गई स्क्रॉलिंग है जिसमें हम जानबूझकर अपनी सोशल मीडिया फीड में अच्छी, मोटिवेशनल और खुशी देने वाली चीजों को शामिल करते हैं।
ब्लूमस्क्रोलिंग क्यों है जरूरी?
ब्लूमस्क्रोलिंग सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि मेंटल हेल्थ के लिए एक उपयोगी तरीका है। जब हम पॉजिटिव कंटेंट देखते हैं, तो हमारा ब्रेन डोपामाइन नामक 'खुशी वाला हॉर्मोन' रिलीज करता है। यह हमें अच्छा महसूस कराता है, तनाव कम करता है और हमारे मूड को बेहतर बनाता है। यह हमें डिजिटल दुनिया का एक सक्रिय भागीदार बनाता है, न कि केवल एक निष्क्रिय दर्शक। यह हमें एल्गोरिथम को बदलने का मौका देता है ताकि वह हमें और ज्यादा अच्छी चीजें दिखाए।

(Image Source: AI-Generated)
कैसे बनाएं अपनी फीड को 'पॉजिटिव'?
ब्लूमस्क्रोलिंग को अपनी आदत बनाना बहुत आसान है:
- नेगेटिविटी को 'म्यूट' करें: अगर कोई अकाउंट या पेज आपको लगातार स्ट्रेस दे रहा है, तो उसे तुरंत अनफॉलो या म्यूट कर दें। किसी भी चीज को देखने के लिए खुद को मजबूर न करें।
- मोटिवेशन के बीज बोएं: ऐसे अकाउंट्स को फॉलो करें जो कला, प्रकृति, विज्ञान की अच्छी खबरें, मोटिवेशनल स्टोरीज या क्रिएटिविटी दिखाते हैं।
- समय सीमा तय करें: स्क्रॉलिंग के लिए एक निश्चित समय तय करें (जैसे 10-15 मिनट)। ज्यादा देर तक स्क्रीन पर रहने से बचें, भले ही कंटेंट पॉजिटिव हो।
- सक्रिय रूप से जुड़ें: अच्छी चीजों को केवल देखें नहीं, बल्कि उन्हें लाइक करें, कमेंट करें या शेयर करें। इससे आपको और उस क्रिएटर को भी खुशी मिलेगी।
याद रखें, ब्लूमस्क्रोलिंग का मकसद है इरादे के साथ स्क्रॉल करना। जब आप सोच-समझकर खुशी चुनते हैं, तो आपकी सोशल मीडिया फीड धीरे-धीरे एक तनाव का कारण बनने के बजाय, खुशी और प्रेरणा का स्रोत बन जाती है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।