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    कमजोर घुटनों को बनाएं फौलादी, योग या स्ट्रेंथ एक्सरसाइज; कौन देगा ज्‍यादा सहारा? यहां दूर करें कन्‍फ्यूजन

    घुटनों को लंबे समय तक स्वस्थ बनाए रखने के लिए योगा और स्ट्रेंथन‍िंग एक्सरसाइज बढ़ि‍यां व‍िकल्‍प हैं। योग से लचीलापन और मानसिक शांति मिलती है। वहीं स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज से मांसपेशियां मजबूत होकर घुटनों को सपोर्ट देती हैं। अगर दोनों का संतुलन सही तरीके से किया जाए तो घुटनों को हेल्दी बनाए रखना आसान हो सकता है। आज हमने आपको इस लेख में इसके फायदे बताएं हैं।

    By Vrinda Srivastava Edited By: Vrinda Srivastava Updated: Sun, 27 Apr 2025 09:33 AM (IST)
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    घुटनों के दर्द से राहत पाने के ल‍िए क्‍या करना चाह‍िए? (Image Credit- Freepik)

    लाइफस्‍टाइल डेस्‍क, नई द‍िल्‍ली। आजकल की भागदौड़ भरी ज‍िंदगी में लोग अपनी सेहत का खास ख्‍याल नहीं रख पा रहे हैं। लगातार घंटों बैठे रहने से लोगों में कई सारी समस्‍याएं देखने को म‍िल रही हैं। वैसे तो बढ़ती उम्र में ज्‍यादातर घुटने दर्द या कमर दर्द की शि‍कायत होती है लेक‍िन अब कम उम्र वालों को ही ये द‍िक्‍कतें हो रही हैं।

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    इसका सबसे बड़ा कारण है फि‍ज‍िकल एक्‍ट‍िव‍िटीज में कमी होना। दर्द से छुटकारा तभी पाया जा सकता है जब आपके मसल्‍स मजबूत हाें। इसके लिए योगासन का अभ्यास असरदार साब‍ित हो सकता है। वहीं कुछ लोगों को स्ट्रेंथनिंग (मांसपेशियां मजबूत करने वाली) एक्सरसाइज भी करना ठीक लगता है। योग करने से पैरों का ब्‍लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। घुटनों के दर्द से राहत मिलती है। वहीं स्ट्रेंथनिंग एक्‍सरसाइज से मसल्‍स मजबूत होते हैं।

    आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे क‍ि घुटनों के दर्द से राहत पाने के ल‍िए योग बेस्‍ट है या फ‍िर स्ट्रेंथनिंग एक्‍सरसाइज। इन दोनों में फर्क के बारे में भी जानेंगे। तो आइए जानते हैं वि‍स्‍तार से-

    घुटनों के ल‍िए योग के फायदे

    योग करने से शरीर के अलग-अलग हिस्सों को धीरे-धीरे स्ट्रेच और मजबूत किया जा सकता है। खासकर कुछ आसन (जैसे वीरभद्रासन, वज्रासन, ताड़ासन) घुटनों के आसपास के मसल्‍स और लिगामेंट्स को मजबूत करते हैं। अगर आप योग को अपने रूटीन का ह‍िस्‍सा बना लेते हैं तो जोड़ों में खिंचाव और लचीलापन बढ़ता है। वहीं सूजन और दर्द में भी राहत मिलती है।

    इसके अलावा योग करने से आप मानस‍िक रूप से सुकून महसूस कर पाते हैं। इससे दर्द का एहसास थोड़ा कम हो जाता है। रोजाना योग करने से घुटनों पर ज्‍यादा दबाव नहीं पड़ता है, जो उन्हें सुरक्षित रखने में मदद करता है।

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    स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज के फायदे

    स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज से मांसपेशियों को मजबूत बनाया जा सकता है। ये जांघों, पिंडलियों और हिप्स के मसल्‍स काे मजबूत बनाने में कारगर होते हैं। अगर आपके मसल्‍स मजबूत हाेते हैं तो घुटनों का वजन और दबाव संभालने में सक्षम होते हैं। इससे घुटनों की stability बढ़ती है, जिससे गिरने या चोट लगने का खतरा कम होता है। मसल्‍स मजबूत होने पर चलने, दौड़ने और सीढ़ी चढ़ने जैसे काम भी आसान हो जाते हैं। स्ट्रेंथनिंग में स्क्वैट्स, लेग लिफ्ट्स और ब्रिज पोज जैसी एक्सरसाइज होती हैं।

    घुटनों के ल‍िए कौन ज्‍यादा बेहतर?

    वैसे तो घुटनों के लिए दोनों ही जरूरी हैं। योग भी और स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज भी। अगर आपके घुटनों में सूजन है या शुरुआती दर्द है, तो आपके ल‍िए योग से शुरुआत करना अच्छा होगा। क्योंकि यह जॉइंट्स पर बहुत ज्यादा दबाव नहीं डालता है। अगर घुटनों में कमजोरी है और डॉक्टर ने सलाह दी है कि मसल्स मजबूत करनी हैं, तो स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज फायदेमंद होती है।

    ध्यान रखें ये बातें

    • एक्सरसाइज या योग करते समय दर्द होने लगे तो तुरंत रुक जाएं।
    • धीरे-धीरे शुरुआत करें।
    • शरीर की सीमा का ध्यान रखें।

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